आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय,
आपके नेतृत्व में हमारा देश जिस तरह से कोरोना वायरस को रोकने और पीड़ित लोगों के इलाज के लिए एकजुट हुआ है, यह लोकतंत्र की शक्तियों का ही परिचायक है। इसका पूरा श्रेय आपके कुशल नेतृत्व और राष्ट्र की जनता की एकजुटता भावना को जाना चाहिए।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति से मुकाबला करने के लिए 15 दिनों की
जो आवागमन, सामाजिक एवं आर्थिक नाकेबंदी की गई है, उसने राष्ट्रीय आपदा का रूप ले
लिया है। निःसंहेद इन हालातों में लोग का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा और इसका
दूरगामी परिणाम बहुत ही अनिश्चितताओं से भरा होगा। इसमें दो राय नहीं होना चाहिए
कि कोरोना आपदा से भारत ही नहीं पूरा विश्व अनिश्चित काल के लिए आर्थिक मंदी से
पीड़ित हो जाएगा।
महोदय,
इन हालातों के परिणाम स्वरूप वस्तुओं की माँग एवं पर्यटन पर लंबे समय के लिए विराम लग जाएगा, जिसका असर मैन्युफैक्चरिंक सेक्टर की वृद्धि पड़ेगा। माँग नहीं आने पर रोजगार के संकट पैदा होंगे और परिणामस्वरूप लोगों में निराशा व्याप्त हो जाएगी। लोग अपने आवश्यक सामाजिक कार्यक्रमों को स्थगित कर देंगे, जिससे बाजार में आपूर्ति श्रृँखला टूट जाएगी।
ये हालात देश के समक्ष विपरीत परिस्थितिओं का निर्माण कर रहा है। इन हालातों को हमारी सरकारों को बहुत हल्के में नहीं लेना चाहिए। लोगों में देश, बाजार, अर्थव्यवस्था और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा कायम रहे और वे अपने भविष्य के प्रति आशान्वित रहें, इसके लिए अगले एक वर्ष तक गंभीर और सुनियोजित तरीकों से कार्य करने की आवश्यकता पड़ेगी। जितनी तत्परता एक बीमारी से लड़ने के लिए की जा रही, उससे ज्यादा तत्परता मंदी, महंगाई और बेरोजगारी का हल ढूंढ़ने में दिखानी होगी।
इस हालात से निपटने के लिए, राष्ट्र हित में प्रधानमंत्री महोदय के समक्ष निम्न नीतिगत सलाह प्रस्तुत करना चाहूँगाः
1. लोकसभा, राज्य सभा तथा विधानसभा का विशेष सत्र
कोरोना आपदा के बाद उत्पन्न होने वाली आर्थिक मंदी और बाजार आपदा पर समीक्षा और नीति निर्धारण के लिए लोकसभा और राज्य सभा तथा सभी राज्यों द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र नियमित रूप से प्रत्येक माह बुलाया जाना चाहिए।
2. राजनीतिक पार्टियों की बैठक
सभी राजनीतिक पार्टियों की विशेष बैठक बुलाई जानी चाहिए और सभी के मध्यम गहन-चिन्तन मनन होना चाहिए।
3. मंदी-मंहगाई निगरानी प्रणाली
मंदी और महंगाई के स्तर में बढ़ोत्तरी न होने पाये इसके लिए विशेष केंद्र एवं राज्य स्तर पर विशेष प्रोत्साहन पैकेज और नई निगरानी प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।
4. उद्योगपतियों एवं कारोबारियों की बैठक
केंद्र और राज्यों के स्तर पर देश के अग्रणी औद्योगिक संगठनों, उद्योगपतियों, कंपनियों के उच्चाधिकारियों और कारोबारियों की बैठक बुलाकर आर्थिक मंदी से उबरने के लिए किये जाने वाले व्यवहारिक उपायों पर सलाह-मशविरा किया जाना चाहिए।
5. अधिकारियों के अवकाश पर पाबंदी
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के अधीन सभी उच्च पदाधिकारियों और अधिकारियों द्वारा कम से कम एक वर्ष तक छुट्टी लेने पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चहिए की वे सामाजिक और अर्थव्यवस्था को पुनः गति प्रदान करने के लिए पूरी निष्ठा, इमानदारी और समर्पण के साथ कठोर परिश्रम करेंगे। लापरवाही बरतने वालों के प्रति कठोर सजा का प्रावधान रखा जाना चाहिए।
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