नई दिल्ली | गुरुग्राम स्थित आरईसी लिमिटेड में विद्युत मंत्रालय एवं इसके नियंत्रणाधीन कार्यालयों का अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन आयोजित किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और कार्यान्वयन को बढ़ावा देना था।
सम्मेलन का उद्देश्य और आयोजन स्थल
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन का आयोजन आरईसी निगम कार्यालय, गुरुग्राम के सभागार में किया गया। यह सम्मेलन विद्युत मंत्रालय तथा इसके नियंत्रणाधीन कार्यालयों के राजभाषा अधिकारियों को एक मंच प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया था।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
सम्मेलन की अध्यक्षता माननीय श्री श्रीपाद येसो नाइक, राज्य मंत्री, विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, द्वारा की गई। सम्मेलन में विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल, आरईसी लिमिटेड के सीएमडी श्री विवेक कुमार देवांगन, विद्युत मंत्रालय के मुख्य अभियंता श्री धीरज कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं नियंत्रणाधीन कार्यालयों के सीएमडी और कार्यालय प्रमुख उपस्थित रहे। इस सम्मेलन में देश भर से लगभग 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से शुभारंभ
सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और विद्युत मंत्रालय की राजभाषा टीम द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुआ। मुख्य अतिथि श्री श्रीपाद येसो नाइक ने विद्युत मंत्रालय एवं नियंत्रणाधीन कार्यालयों में हिंदी के प्रचार-प्रसार और कार्यान्वयन की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
माननीय श्री श्रीपाद येसो नाइक का संबोधन
अपने संबोधन में श्री श्रीपाद येसो नाइक ने कहा, “हमारे विशाल राष्ट्र में अनेक प्रांत हैं जिनकी अलग-अलग भाषाएं और बोलियां हैं, लेकिन हिंदी एक ऐसी सर्वसामान्य भाषा है जो भारत के बहुत बड़े हिस्से में बोली जाती है। हिंदी की व्यापकता, स्वच्छता, सरलता और लिपि की वैज्ञानिकता को ध्यान में रखते हुए इसे संघ की राजभाषा का गौरव प्रदान किया गया है।”
मंत्रालय की राजभाषा नीति और उसकी भूमिका
श्री नाइक ने कहा, “हमारा मंत्रालय अपने अधीनस्थ उपक्रमों और विभागों में हिंदी के विकास के नित नए सोपान सृजित कर रहा है। हिंदी जन-जन की भाषा है और यह राष्ट्र की चेतना की भाषा है। वर्तमान परिवेश में हिंदी का निरंतर विस्तार हो रहा है और इसकी पहचान विश्व के अनेक देशों में बढ़ रही है। आइए, हम सभी मिलकर विद्युत मंत्रालय और इसके उपक्रमों में हिंदी के प्रयोग को सतत गतिशील बनाने की दिशा में कार्य करें।”
लघु फिल्म का प्रसारण
सम्मेलन के दौरान विद्युत क्षेत्र में संघ की राजभाषा नीति के क्रियान्वयन और प्रचार-प्रसार पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रसारण भी किया गया। यह फिल्म विद्युत मंत्रालय एवं इसके नियंत्रणाधीन सभी उपक्रमों और कार्यालयों में पिछले एक वर्ष के दौरान हुई उपलब्धियों एवं राजभाषा संबंधी अभिनव पहलों पर केंद्रित थी।
विद्वानों के महत्वपूर्ण व्याख्यान
सम्मेलन के द्वितीय सत्र में डॉ. जय प्रकाश कर्दम, सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पूर्व निदेशक, केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान, और डॉ. गंगा सहाय मीणा, एसोशिएट प्रोफेसर (अनुवाद अध्ययन), जेएनयू ने राजभाषा के विभिन्न आयामों पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। तृतीय सत्र में डॉ. पूरन चन्द टंडन, पूर्व प्रोफेसर (हिंदी), दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने व्याख्यान से प्रतिभागियों को समृद्ध किया।
हास्य कविताओं से सराबोर
सम्मेलन के अंतिम सत्र में प्रसिद्ध हास्य कवि श्री राजेश चेतन ने अपनी हास्य कविताओं से सभी प्रतिभागियों को सराबोर कर दिया, जिससे सम्मेलन में एक उत्साह और उल्लास का माहौल बन गया।
प्रतिभागियों की उपस्थिति
इस अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में विद्युत मंत्रालय और इसके अधीन एनटीपीसी, आरईसी, पीएफसी, एनएचपीसी, पावरग्रिड, ग्रिड इंडिया, एनपीटीआई, टीएचडीसी, डीवीसी, सीईए, नीपको, बीबीएमबी, एसजेवीएनएल, बीईई, ईईएसएल, सीपीआरआई और सीईआरसी कार्यालयों से लगभग 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस प्रकार, अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन ने विद्युत मंत्रालय और इसके नियंत्रणाधीन कार्यालयों में हिंदी के प्रचार-प्रसार और कार्यान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।