कोमविवा टेक्नालाजी लिमिटेड के उन सभी उच्चाधिकारियों पर जुर्माना लगया है जो सीएसआर कमिटी के सदस्य हैं।
रुसेन कुमार द्वारा
सीएसआर कानून का उल्लंघन कंपनियों के लिए भारी पड़ सकता है। गुड़गांव स्थित एक टेक्नालाजी कंपनी को कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत सीएसआर – कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कानून के अवमानना का दोषी पाया गया है। इस कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। कंपनी तथा उनके सीईओ, कंपनी सचिव सहित निदेशकों को भी लाखों का जुर्माना लगाया गया है।
सरकार एवं प्रशासन सीएसआर को लेकर सख्त रवैया अपना रहे हैं। भविष्य में सीएसआर कानून का उल्लंघन कंपनियों के लिए भारी पड़ सकता है। कंपनियों को सीएसआर कानून के सख्त पालन के प्रति सर्तक हो जाना चाहिए।
कोमविवा टेक्नालाजी लिमिटेड नामक कंपनी को अव्ययित सीएसआर राशि को स्थानांतरित नहीं करके के कारण दण्ड के रूप में सरकार को जुर्माना देना होगा। इस कंपनी का पंजीकृत कार्यालय कैपिटल साइबर स्पैस, सेक्टर -59, गोल्फ कोर्स, एक्सटेंसन रोड, गुड़गांव, हरियाणा में है। टेक्नालाजी क्षेत्र की कंपनी को कंपनी अधिनियम, 2013 के सीएसआर प्रावधानों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2,88,65,811 रुपये खर्च करने थे। इस कंपनी ने सीएसआर प्रावधानों का पालन करते हुए 2,83,15,689 रुपये ही किए।
कंपनी द्वारा सीएसआर खर्च का विवरण इस प्रकार हैः
पीएम केयर फंड – 32,87,363 रुपये
पीएम रिलिफ फंड – 61,67,636 रुपये
वोकेशनल सेंटर – 4,14,10,683 रुपये
शिक्षा एवं वोकेशनल ग्रीन बेल्ट – 47,49,734 रुपये
कुल खर्च – 2,83,15,689 रुपये
वित्तीय वर्ष की समाप्ति के दौरान कंपनी के पास सीएसआर राशि 5,50,122 रुपये अनस्पेंट के रूप में शेष बची रह गई थी। इस राशि को वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तिथि जो कि 31 मार्च 2021 होती है, उस तिथि के 6 महीनों के भीतर कोमविवा टेक्नालाजी लिमिटेड को कंपनी अधिनियम के अनुसूची – 7 के अंतर्गत सेक्सन 135 (5) के कंपनीज (कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी पालिसी)
रूल 2014 के नियम 10 के अंतर्गत निर्देशित विशिष्ट कोष में विधिवत जमा करनी थी।
कोमविवा टेक्नालाजी लिमिटेड ने अनस्पेंट सीएसआर राशि 5,50,122 रुपये को दिनांक 22 अप्रैल 2021 को प्रधानमंत्री राहत कोष (पीएम रिलिफ फंड) में ट्रांसफर कर दिया। यद्यपि, लापरवाही तथा तकनीकी त्रुटियों के कारण यह कथित राशि पीएम रिलिफ फंड जमा नहीं हो सकी और कंपनी के बैंक अकाउंट में उसी दिन वापस आ गई। ऐसा क्यों हुआ, इसके बारे में कंपनी ने कोई छानबीन नहीं की। कंपनी ने अपनी इस त्रुटि को सुधार करने के लिए कथित राशि 5,50,122 रुपये को 30 मार्च 2022 के दिन प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष में जमा करा दिया। कंपनी ने यह राशि 6 माह की निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद जमा की थी।
कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप इस कंपनी को कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा 7 सितंबर 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया तथा जरूरी जानकारी माँगी गई। सरकारी जानकारी के अनुसार, 16 सितंबर 2022 को कंपनी ने कारण बताओ नोटिस के उत्तर और चाही गई जानकारियाँ ई-मेल के माध्यम से कारपोरेट कार्य मंत्रालय को भेज दी।
कंपनी अधिनियम 2013 के इन प्रावधानों पर नजर डालिए, जो प्रावधनाओं और उनके उल्लंघन की दशा पर जुर्माने के बारे में जानकारी देते हैंः
(5) उप-धारा (1) में निर्दिष्ट प्रत्येक कंपनी का बोर्ड, यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में,ठीक पिछले तीन वर्षों में अर्जित औसत शुद्ध लाभ का या जहां कंपनी ने अपने निगमन के बाद से तीन वित्तीय वर्षों की अवधि पूरी नहीं की है, कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व नीति के अनुसरण में, तात्कालिक वित्तीय वर्षों के दरमियान, कम से कम दो प्रतिशत सुनिश्चित करे: बशर्ते कि कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व गतिविधियों के लिए निर्धारित राशि खर्च करने के लिए कंपनी स्थानीय क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों को प्राथमिकता देगी जहां वह काम करती है: बशर्ते कि अगर कंपनी इतनी राशि खर्च करने में विफल रहती है, तो बोर्ड धारा 134 की उप-धारा (3) के खंड (ओ) के तहत की गई अपनी रिपोर्ट में, राशि खर्च न करने के कारणों को निर्दिष्ट करेगा और जब तक कि खर्च नहीं की गई राशि उप-धारा (6) में संदर्भित किसी भी चालू परियोजना से संबंधित है, वित्तीय वर्ष की समाप्ति के छह महीने की अवधि के भीतर, इस प्रकार की अनिर्दिष्ट राशि को अनुसूची VII में निर्दिष्ट फंड में स्थानांतरित की जाएगी।
(7) यदि कोई कंपनी उप-धारा (5) या उप-धारा (6) के प्रावधानों का अनुपालन करने में चूक करती है, तो कंपनी कंपनी द्वारा निर्दिष्ट निधि में स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक राशि के दोगुने जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगी। अनुसूची VII या अव्ययित कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व खाता, जैसा भी मामला हो, या एक करोड़ रुपये, जो भी कम हो, और कंपनी का प्रत्येक अधिकारी जो चूक में है, आवश्यक राशि के दसवें हिस्से के दंड के लिए उत्तरदायी होगा। कंपनी द्वारा अनुसूची VII में निर्दिष्ट ऐसे फंड, या अव्ययित कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व खाते, जैसा भी मामला हो, या दो लाख रुपये, जो भी कम हो, में स्थानांतरित किया जाएगा।
कोमविवा टेक्नालाजी लिमिटेड और उसके अधिकारी, जिन्होंने वित्तीय वर्ष की समाप्ति के छह महीने की अवधि के भीतर, अनुसूची VII में निर्दिष्ट एक फंड में अव्ययित सीएसआर राशि को स्थानांतरित नहीं करके धारा 135(5) के प्रावधान का पालन करने में चूक की, उसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135(7) के तहत दंड के लिए उत्तरदायी पाया गया है।
कंपनी अधिनियम की धारा 135 (5) के उल्लंघन के लिए कंपनी और उसके अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना 2013 r/w कंपनी (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व नीति) नियम, 2014 के नियम 10 के अनुरूप लगाया है।
कंपनी तथा उनके उच्चाधिकारियों के लिए जुर्माना की राशि इस प्रकार है-
कोमविवा टेक्नालाजी लिमिटेड – 11,00,244 रुपये
मनोरंजन महापात्रा, सीईओ – 55,012 रुपये
नीरज जैन, सीएफओ – 55,012 रुपये
परमिंदर सिंह बक्षी, कंपनी सेक्रेटरी – 55,012 रुपये
रजत मुखर्जी, डायरेक्टर – 55,012 रुपये
विवेक सतीश अग्रवाल, डायरेक्टर – 55,012 रुपये
जगदीश मित्रा, डायरेक्टर – 55,012 रुपये
सुनीता उमेश, डायरेक्टर – 55,012 रुपये
मनीष कुमार मुरलीमनोहर व्यास – 55,012 रुपये
कंपनी और उसके निदेशकों को जुर्माना राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।। निदेशकों (डायरेक्टर) के मामले में ऐसी राशि का भुगतान उन्हें अपने स्वयं के धन से करना आवश्यक है।
(कापीराइट- इंडिया सीएसआर हिंदी)