उदयपुर। विश्व जल दिवस के अवसर पर हिंदुस्तान जिंक ने फतेह सागर के आसपास झील स्वच्छता अभियान का सफल आयोजन किया। अभियान में उदयपुर जिला कलेक्टर तारा चंद मीणा और हिंदुस्तान जिंक के मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा के साथ कर्मचारियों एवं स्थानीय निवासियों ने भी स्वेच्छा से श्रमदान कर झील और इसके आसपास की सफाई में भाग लिया। झील स्वच्छता अभियान का उद्देश्य जल निकायों को प्रदूषण से बचाने और जलीय जीवन और पर्यटकों के लिए समान रूप से स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता हेतु जागरूक करना है। यह पहल पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
हिंदुस्तान जिंक के प्रयासों की सराहना करते हुए जिला कलेक्टर तारा चंद मीणा ने कहा कि, “उदयपुर की झीलें हमारे शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण हैं, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए प्रमुख आकर्षण हैं। यह अत्यावश्यक है कि हम भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन जल निकायों के संरक्षण और रखरखाव को प्राथमिकता दें। हिन्दुस्तान जिंक का झील स्वच्छता अभियान झीलों के संरक्षण की प्रतिबद्धता को दोहराता है। हमें अपने पर्यावरण के महत्व को पहचानना चाहिए और जिम्मेदारी की भावना रखनी चाहिए।
इस अवसर पर हिंदुस्तान जिंक के मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि, उदयपुर को सुंदर झीलों का वरदान प्राप्त है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए उन्हें संरक्षित करें। हिंदुस्तान जिंक जल निकायों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं, और फतेहसागर झील में सफाई अभियान हमारी झीलों के शहर को साफ रखने की ऐसी ही पहल है। प्रशासन और जिला कलेक्टर के सहयोग से हमने विश्व जल दिवस के अवसर पर इस पहल को नए जोश के साथ अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है।
स्थानीय लोगो के साथ मिलकर सभी ने झील और उसके आसपास के एकत्रित कचरे को अलग किया गया और जिम्मेदारी से उसका निस्तारण किया। अपशिष्ट सामग्री को इकट्ठा करने के लिए बायो-डिग्रेडेबल दस्ताने और अपशिष्ट बैग का उपयोग किया गया। जल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वच्छ अभियान के बाद शिक्षाप्रद नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया।