इससे पहले सीसीआई की ओर से करीब 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसमें प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप सभी क्षेत्रों में प्रभावी हैं। यहां यह पूरी तरह से उचित होगा कि हम, भारत में उन रूपरेखाओं के साथ भी जुड़े रहें, जिन्हें हमारे समकक्षों द्वारा विकसित किया जा रहा है।
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन गूगल (Google) के समक्ष मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। भारत की ओर से गुगल को भारी जुर्माना लगाया गया है। ऐसा दूसरी बार हुआ है । गुगल की मनमानी रोकने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी सीसीआई ने एक बार फिर जुर्माना लगाया है। प्ले स्टोर नीतियों में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आप को बता दें कि अक्टूबर माह में यह दूसरी बार है जब गूगल पर इस तरह की कार्रवाई हुई है।
सीसीआई ने बयान में कहा कि उसने गूगल को निर्देश दिया है कि वह एक निर्धारित समयसीमा के भीतर अपने आचरण में सुधार करे। एक हफ्ते से भी कम समय में यह दूसरा मौका है, जब गूगल के खिलाफ सीसीआई ने बड़ा फैसला किया है। इससे पहले नियामक ने 20 अक्टूबर को एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के संबंध में कई बाजारों में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
सीसीआई के चेयरमैन अशोक कुमार गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि नियामक जुर्माना लगाने और इसकी मात्रा तय करने में व्यावहारिक रहा है। उन्होंने कहा कि सीसीआई की कार्रवाई व्यापार और आर्थिक वास्तविकताओं से अलग नहीं होती हैं। गुप्ता लगभग चार वर्षों तक नियामक के शीर्ष पर रहने के बाद मंगलवार को पद छोड़ देंगे।
उन्होंने कहा कि डिजिटल बाजारों को प्रभावी ढंग से विनियमित करने के लिए ढांचे की व्यवहार्यता पर विचार किया जाना चाहिए। सीसीआई डिजिटल बाजार में उचित प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है। आयोग ने पिछले बृहस्पतिवार को एंड्रॉयड मोबाइल फोन के संबंध में कई बाजारों में अपनी प्रभावी स्थिति के दुरुपयोग के लिए गूगल के खिलाफ एक बड़ा आदेश पारित किया था। एंड्रॉयड मामले से संबंधित फैसले पर गूगल की टिप्पणियों के बारे में पूछने पर गुप्ता ने कुछ कहने से इनकार किया। आयोग ने पिछले बुधवार को अनुचित व्यावसायिक व्यवहार के लिए मेकमायट्रिप, गोआईबीबो और ओयो पर कुल 392 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
उन्होंने बताया, ‘हम सीसीआई में डिजिटल बाजारों में प्रतिस्पर्धा की चिंताओं पर विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि डिजिटल बाजारों को प्रभावी ढंग से विनियमित करने के लिए एक ढांचे की व्यवहार्यता पर बारीकी से विचार करने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा, ‘यह देखते हुए कि भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसमें प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप सभी क्षेत्रों में प्रभावी हैं। यहां यह पूरी तरह से उचित होगा कि हम, भारत में उन रूपरेखाओं के साथ भी जुड़े रहें, जिन्हें हमारे समकक्षों द्वारा विकसित किया जा रहा है।’
बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के संबंध में देश में प्रतिस्पर्धा कानून के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिस्पर्धा कानून विकास के एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण में है। गुप्ता ने कहा कि दुनियाभर में प्रतिस्पर्धा एजेंसियों से सीखने और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए सहयोग करने की जरूरत है।
इससे पहले सीसीआई की ओर से करीब 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इस तरह, गूगल (Google) पर महीने में अब तक 2300 करोड़ रुपये के करीब जुर्माना लगाया जा चुका है।
गूगल ने दी थी प्रतिक्रिया
सीसीआई की पहली कार्रवाई पर सर्च इंजन गूगल की प्रतिक्रिया भी आई थी। कंपनी ने कहा था, “सीसीआई का निर्णय भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक बड़ा झटका है। यह एंड्रॉइड की सुरक्षा सुविधाओं पर भरोसा करने वाले भारतीयों के लिए गंभीर सुरक्षा जोखिम के अवसर दे रहा है। यह फैसला भारतीयों के लिए मोबाइल उपकरणों की लागत बढ़ा रहा है।” इसके साथ ही गूगल ने फैसले की समीक्षा करने की बात कही थी।
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