छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी संगठन ‘मूलवासी बचाओ मंच’ (Moolvasi Bachaao Manch) पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे ‘गैरकानूनी’ घोषित कर दिया है। यह संगठन मुख्य रूप से बस्तर क्षेत्र के माओवाद प्रभावित इलाकों में सक्रिय था। राज्य सरकार का कहना है कि यह संगठन विकास कार्यों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों में बाधा डाल रहा था।
मूलवासी बचाओ मंच पर प्रतिबंध क्यों?
गृह विभाग का आदेश
छत्तीसगढ़ सरकार के गृह विभाग ने 30 अक्टूबर 2024 को आदेश जारी करते हुए कहा कि यह संगठन लगातार माओवादी क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार के विकास कार्यों और सुरक्षा बलों के शिविरों का विरोध कर रहा है।
- जनता को भड़काने का आरोप:
आदेश में कहा गया है कि यह संगठन जनता को भड़काने का काम करता रहा है, जिससे सरकारी योजनाओं के संचालन में बाधा आ रही है। - शांति और कानून-व्यवस्था पर प्रभाव:
संगठन के कार्यों से सार्वजनिक शांति और व्यवस्था प्रभावित हो रही है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
सुकमा और बीजापुर में विरोध प्रदर्शन
सिलगेर शिविर का विरोध
‘मूलवासी बचाओ मंच’ ने बस्तर के सुकमा और बीजापुर जैसे इलाकों में सरकारी शिविरों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और धरने का आयोजन किया था।
- सिलगेर शिविर का मुद्दा:
संगठन के सदस्य, जिनमें अधिकांश आदिवासी युवा हैं, ने सिलगेर शिविर के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। - स्थानीय युवाओं की भागीदारी:
विरोध प्रदर्शन में आदिवासी युवाओं की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिससे सरकार और प्रशासन की चिंताएं बढ़ गईं।
कानूनी कार्रवाई के पीछे का कारण
न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप
सरकार का कहना है कि इस संगठन ने न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है और कानूनी संस्थाओं की अवज्ञा को बढ़ावा दिया है।
- सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा:
संगठन की गतिविधियों को राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक बताया गया है। - विशेष अधिनियम के तहत कार्रवाई:
छत्तीसगढ़ विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 2005 की धारा 3(1) के तहत संगठन को ‘गैरकानूनी’ घोषित किया गया है।
प्रतिबंध की अवधि और प्रभाव
एक वर्ष का प्रतिबंध
सरकार ने इस संगठन को एक वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
- प्रभावित क्षेत्र:
बस्तर क्षेत्र के माओवादी प्रभावित इलाकों में इसका प्रभाव सबसे अधिक था। - संगठन की गतिविधियों पर रोक:
इस प्रतिबंध के बाद संगठन किसी भी प्रकार की गतिविधि को संचालित नहीं कर सकेगा।
निष्कर्ष
‘मूलवासी बचाओ मंच’ पर प्रतिबंध लगाना छत्तीसगढ़ सरकार का एक सख्त कदम है, जिसका उद्देश्य राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना और विकास कार्यों में बाधा डालने वाले तत्वों को रोकना है। हालांकि, यह देखना होगा कि इस फैसले का क्षेत्र में शांति और विकास पर क्या असर पड़ता है। आदिवासी समुदाय के हितों और उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना भी सरकार की जिम्मेदारी है।