सस्टेनेबिलिटी- ऐसी अवधारणा है जिसमें मानव समुदाय को अपने जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए, प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम दोहन तथा पारिस्थितिकी तंत्र को बिना गंभीर रूप से हानि पहुंचाने की माँग की जाती है।
वर्तमान में कारोबार समूहों का मुख्य मकसद सबके लिए अधिक स्थायी और बेहतर साझा भविष्य बनाना है। सही तरीके से कारोबार करके लोगों के जीवन, समुदायों और ग्रह में बदलाव लाना – बिजनेस सस्टेनेबिलिटी का मुख्य उद्देश्य माना गया है। यह माना जाता है कि स्वयं बेहतर बनकर हम सभी के लिए सशक्त, अधिक स्थायी भविष्य बनाने में मदद कर सकते हैं – सस्टेनेबिलिटी की यही प्रमुख भावना है।
आज हम सबको सामाजिक, पर्यावरण और वित्तीय नेतृत्व पर ध्यान देने के साथ सस्टेनेबिलिटी के लिए चौतरफा दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। ऐसा विश्वास किया जाता है प्रत्येक कारोबारी गतिविधियों में चौतरफा दृष्टिकोण अपना करके ही हम परिवर्तनकारी और स्थायी बदलाव कर सकते हैं।
कई कंपनियों की सस्टेनेबिलिटी रणनीति को अध्ययन करने के पश्चात हमें यह ज्ञात हुआ है कि कंपनियाँ लोगों, किसानों और कर्मचारियों से लेकर उन समुदायों से मिलकर, प्रत्यक्ष साझेदारों का समर्थन और जुड़ाव प्राप्त करने के लिए अत्यधिक चिंतित हैं और इसको गति देने के लिए भरपूर प्रयत्न कर रहे हैं। पर्यावरण के स्वास्थ्य की रक्षा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते कंपनियाँ नजर आती हैं।
कंपनियों की सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट (Sustainability Report) के अध्ययन से पता चलता है कि अग्रणी कंपनियाँ अपने व्यापार प्रणाली से जुड़े उन सभी लोगों के लिए – कर्मचारियों से लेकर, निवेशक, व्यापक समुदाय से मिलकर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर निवेश कर रही हैं।
सस्टेनेबिलिटी का अर्थ
सस्टेनेबिलिटी, जिसे टिकाऊपन भी कहा जाता है, का अर्थ है वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करते हुए भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों को संरक्षित करना। यह एक व्यापक अवधारणा है जो पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज के सभी पहलुओं को शामिल करती है।
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सस्टेनेबिलिटी की परिभाषा
सस्टेनेबिलिटी एक ऐसी अवधारणा है जहाँ मानव समुदाय अपने जीवन की गुणवत्ता को बनाए रख सकती है वह भी बिना प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग के और बिना पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर रूप से हानि पहुंचाए।
सस्टेनेबिलिटी की तीन महत्वपूर्ण परिभाषाएं निम्नलिखित हैं:
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के अनुसार, “सस्टेनेबिलिटी वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करते हुए भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों को संरक्षित करने की क्षमता है।”
- पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) के अनुसार, “सस्टेनेबिलिटी एक ऐसी दुनिया बनाना है जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और उत्पादक हो।”
- अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए विश्व आयोग के अनुसार, “सस्टेनेबिलिटी एक ऐसी विकास प्रक्रिया है जो पर्यावरणीय स्थिरता, आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय को संतुलित करती है।”
इन परिभाषाओं से स्पष्ट है कि सस्टेनेबिलिटी एक व्यापक अवधारणा है जो पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज के सभी पहलुओं को शामिल करती है। यह वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करते हुए भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों को संरक्षित करने पर केंद्रित है।
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सस्टेनेबिलिटी के तीन प्रमुख आयाम
सस्टेनेबिलिटी को तीन आयामों में विभाजित किया जा सकता है:
पर्यावरणीय स्थिरता: यह प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने पर केंद्रित है।
आर्थिक स्थिरता: यह आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है जो पर्यावरण और समाज के लिए हानिकारक नहीं है।
सामाजिक स्थिरता: यह सभी लोगों के लिए एक बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
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सस्टेनेबिलिटी के लाभ
सस्टेनेबिलिटी के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. पर्यावरण की रक्षा
सस्टेनेबिलिटी प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने में मदद करती है। इससे जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिक क्षरण और प्रजातियों के विलुप्त होने जैसी पर्यावरणीय समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है।
2. आर्थिक विकास
सस्टेनेबिलिटी आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने में भी मदद कर सकती है जो पर्यावरण और समाज के लिए हानिकारक नहीं है। यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, कुशल ऊर्जा उपयोग और पुनर्चक्रण जैसे उपायों को अपनाकर किया जा सकता है।
3. सामाजिक न्याय
सस्टेनेबिलिटी सभी लोगों के लिए एक बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है। यह गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसी सेवाओं तक पहुंच में सुधार करके किया जा सकता है।
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सस्टेनेबिलिटी के लिए चुनौतियां
सस्टेनेबिलिटी को प्राप्त करने के लिए कई चुनौतियां हैं, जिनमें शामिल हैं:
आर्थिक विकास: सस्टेनेबिलिटी के लिए आर्थिक विकास की आवश्यकता होती है, लेकिन आर्थिक विकास अक्सर पर्यावरणीय क्षरण का कारण बनता है।
सामाजिक न्याय: सस्टेनेबिलिटी सभी लोगों के लिए एक बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने पर केंद्रित है, लेकिन सामाजिक न्याय की प्राप्ति में समय और प्रयास लगता है।
राजनीतिक इच्छाशक्ति: सस्टेनेबिलिटी को प्राप्त करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है, लेकिन राजनीतिक नेता अक्सर आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के बीच संतुलन बनाने के लिए संघर्ष करते हैं।
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सस्टेनेबिलिटी के लिए कार्रवाई
सस्टेनेबिलिटी को प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत, संगठनात्मक और सरकारी स्तर पर कार्रवाई की आवश्यकता होती है। व्यक्तिगत स्तर पर, हम ऊर्जा और संसाधनों की बचत करके, पुनर्चक्रण करके और टिकाऊ उत्पादों और सेवाओं का चयन करके सस्टेनेबिलिटी में योगदान दे सकते हैं। संगठनात्मक स्तर पर, व्यवसाय और सरकारी एजेंसियां टिकाऊ नीतियों और प्रथाओं को अपनाकर सस्टेनेबिलिटी में योगदान दे सकती हैं। सरकारी स्तर पर, सरकारें टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए कानून और नीतियां बना सकती हैं।
सस्टेनेबिलिटी एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो हमारे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। हम सभी को व्यक्तिगत, संगठनात्मक और सरकारी स्तर पर सस्टेनेबिलिटी में योगदान देने के लिए काम करना चाहिए ताकि हम वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बना सकें।
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कारोबार में सस्टेनेबिलिटी की क्या भूमिका होती है
कारोबार में सस्टेनेबिलिटी एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो व्यवसायों को पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज के लिए अधिक जिम्मेदार होने में मदद कर सकती है।
कारोबार में सस्टेनेबिलिटी की भूमिका निम्नलिखित है:
पर्यावरण की रक्षा: कारोबार अपने उत्पादों और सेवाओं के निर्माण और आपूर्ति के दौरान प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं। सस्टेनेबिलिटी के उपायों को अपनाकर, व्यवसाय प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं।
आर्थिक स्थिरता: सस्टेनेबिलिटी आर्थिक विकास को भी सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है जो पर्यावरण और समाज के लिए हानिकारक नहीं है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, कुशल ऊर्जा उपयोग और पुनर्चक्रण जैसे उपायों को अपनाकर, व्यवसाय आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं जो पर्यावरण के अनुकूल है।
सामाजिक न्याय: सस्टेनेबिलिटी सभी लोगों के लिए एक बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने में भी मदद कर सकती है। गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसी सेवाओं तक पहुंच में सुधार करके, व्यवसाय सामाजिक न्याय में योगदान कर सकते हैं।
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कारोबार में सस्टेनेबिलिटी के लाभ
कारोबार में सस्टेनेबिलिटी के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
पर्यावरणीय लाभ: सस्टेनेबिलिटी उपायों को अपनाकर, व्यवसाय जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिक क्षरण और प्रजातियों के विलुप्त होने जैसी पर्यावरणीय समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं।
आर्थिक लाभ: सस्टेनेबिलिटी व्यवसायों को लागत बचाने, प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल करने और ग्राहकों की प्रतिष्ठा बढ़ाने में मदद कर सकती है।
सामाजिक लाभ: सस्टेनेबिलिटी व्यवसायों को एक मजबूत सामाजिक जिम्मेदारी की छवि बनाने में मदद कर सकती है और कर्मचारियों की प्रेरणा और उत्पादकता में सुधार कर सकती है।
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कारोबार में सस्टेनेबिलिटी के लिए चुनौतियां
कारोबार में सस्टेनेबिलिटी के लिए कई चुनौतियां हैं, जिनमें शामिल हैं:
मूल्य: सस्टेनेबिलिटी उपाय अक्सर पारंपरिक उपायों की तुलना में अधिक महंगे होते हैं।
प्रौद्योगिकी: कुछ सस्टेनेबिलिटी उपायों को लागू करने के लिए नवीन प्रौद्योगिकी की आवश्यकता होती है।
संगठनात्मक परिवर्तन: सस्टेनेबिलिटी को अपनाने के लिए व्यवसायों को अक्सर अपने संगठनात्मक संरचनाओं और प्रक्रियाओं में बदलाव करने की आवश्यकता होती है।
कारोबार में सस्टेनेबिलिटी के लिए कार्रवाई
कारोबार में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए कई चीजें की जा सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
नीतियां और कानून: सरकारें व्यवसायों को सस्टेनेबिलिटी उपाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां और कानून बना सकती हैं।
वित्तपोषण: वित्तीय संस्थान व्यवसायों को सस्टेनेबिलिटी उपाय अपनाने के लिए वित्तपोषण प्रदान कर सकते हैं।
शिक्षा और जागरूकता: व्यवसायों और उपभोक्ताओं को सस्टेनेबिलिटी के महत्व के बारे में शिक्षित किया जा सकता है।
(कापीराइट – इंडिया सीएसआर नेटवर्क)