गुरुग्राम (हरियाणा) । मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक इंडिया ने अपने प्रोडक्ट्स और टेक्नोलॉजी के माध्यम से समाज में सकारात्मक योगदान करने के लगातार प्रयास करता रहा है। मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक इंडिया प्रा. लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपनी सीएसआर योजनाओं को तैयार करते हुए, अपनी सीएसआर रणनीति की घोषणा की है जिसमें भारत सरकार की पहल के साथ यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स भी शामिल हैं।
इन प्रयासों को कौशल विकास, सामुदायिक विकास और क्लाइमेट एक्शन के तहत बांटा गया है। ये गतिविधियां क्वालिटी एजुकेशन, स्वच्छ जल और स्वच्छता, अच्छे स्वास्थ एवं कल्याण और क्लाइमेट एक्शन के यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स में सहयोग करती हैं। साथ ही योजना में शामिल किये गए कार्यक्रम भारत सरकार के स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, ग्रीन इंडिया जैसे राष्ट्रीय मिशन से भी संबंधित हैं।
कंपनी द्वारा इस रणनीति को मिड-टर्म अवधि में पूरा किया जाएगा जिसमें वह अपनी विभिन्न सीएसआर गतिविधियों को गुरुग्राम, पुणे, बैंगलोर और अपने व्यापार संचालन के अन्य क्षेत्रों में लागू करेगी। इस साल की गतिविधि का शुभारंभ मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेटलिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री कत्सुनोरी उशिकु द्वारा किया गया। लॉन्च कार्यक्रम में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय-जमालपुर में स्वच्छ पेय जल सुविधा निर्माण और वृक्षारोपण शामिल रहे।
सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय – जमालपुर, सरकारी प्राथमिक विद्यालय- खारखारी, सरकारी हाईस्कूल-मुशेदपुर और सरकारी हाई स्कूल- कलियावास में स्वच्छ पेयजल सुविधा के लिए वाटर स्टोरेज (जल भंडारण), पाइपिंग, वॉटर कूलर, आरओ सिस्टम और वाटर ड्रिंकिंग बे का निर्माम कराया गया है। यह गतिविधि लगभग 927 छात्रों को लाभान्वित करेगी।
सरकारी उच्चतर माध्यमिक स्कूल-जमालपुर के खेल के मैदान क्षेत्र में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गया जिसमें पानी बचाने और रुट डेवलपमेंट (जड़ के विकास) के प्रारंभिक वर्षों में वृक्षों की जीरो-मोर्टेलिटी (शून्य-मृत्यु दर) सुनिश्चित करने के लिए ड्रिप सिंचाई सुविधा के साथ 100 पेड़ लगाए गए हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री कत्सुनोरी उशिकु, प्रबंध निदेशक, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक इंडिया प्रा. लिमिटेड ने कहा, “समाज के प्रति कॉर्पोरेट जिम्मेदारी हमारे समूह के तीन सिद्धांतों में से एक है जिसे हम एक कॉमन हेरिटेज के रूप में अपने व्यापार में हर दिन शामिल रखते हैं। यह सीएसआर गतिविधि हमारे मूल विचारों की ही देन है जिसमें हमने गुड़गांव शहर से दूर ऐसे स्कूलों की पहचान की जिन्हें, सरकार द्वारा किए जा रहे अच्छे काम के बावजूद, कॉर्पोरेट समर्थन की आवश्यकता है। हम इस गति को आगे बढ़ाना चाहते हैं और दूरस्थ क्षेत्रों में इन स्कूलों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं ताकि इन बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के बराबर अवसर मिल सकें। मैं जिला प्रशासन और स्कूल अधिकारियों का आभारी हूं कि उन्होंने समाज की सेवा करने के अनुरोध को स्वीकार किया।”
इस सीएसआर रणनीति को आगे बढ़ाते हुए पूरे देश में लागू किया जाएगा। आने वाले वर्षों में इस दिशा में और अधिक कार्य होते हुए देखे जायेंगे जिनमें हर साल बनाई गई सुविधाओं के रख-रखाव के साथ-साथ कॉर्पोरेट समर्थन की आवश्यकता वाले क्षेत्रों के कवर को बढ़ाये जाना शामिल होगा।