नई दिल्ली (India CSR): 12 अप्रैल 2025 को भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक के प्रमुख आरोपी मेहुल चोकसी को आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया। वर्षों तक कानून से भागते रहे मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी न केवल कानून की जीत है, बल्कि यह भारत की कॉर्पोरेट और बैंकिंग व्यवस्था में मौजूद कमजोरियों की गहरी परतों को भी उजागर करती है। यह मामला बताता है कि अगर महत्त्वाकांक्षा की कोई सीमा न हो और निगरानी तंत्र ढीला हो, तो कैसे एक व्यक्ति करोड़ों की धोखाधड़ी कर सकता है।
यहां इस मामले से जुड़े 7 महत्त्वपूर्ण तथ्य और उनसे मिलने वाली सीखें दी गई हैं, जिन्हें हर कॉर्पोरेट लीडर को जानना चाहिए।
तथ्य 1: पीएनबी घोटाला – भरोसे का बड़ा हनन
भारत के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड की कहानी
2014 से 2017 के बीच मेहुल चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक को लगभग रुपये 13,850 करोड़ का चूना लगाया। उन्होंने बैंक से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट (FLC) प्राप्त किए, जिनके लिए कोई गारंटी या दस्तावेज नहीं थे। इस रकम से विदेशों में कर्ज लिया गया और उसे हड़प लिया गया।
नेताओं के लिए सीख
वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता लाएं और आंतरिक ऑडिट प्रक्रिया को मजबूत बनाएं।
तथ्य 2: चोकसी की वैश्विक भागदौड़ – नागरिकता और धोखे का जाल
मुंबई से एंटीगुआ होते हुए बेल्जियम तक का सफर
मेहुल चोकसी ने जनवरी 2018 में भारत से भागते समय एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी, जिससे भारत की प्रत्यर्पण प्रक्रिया जटिल हो गई। 2021 में उन्हें डोमिनिका में हिरासत में लिया गया लेकिन आरोप लगे कि उन्हें भारत सरकार ने अगवा किया था। बाद में वे एंटीगुआ लौटे और फिर 2023 में बेल्जियम में नजर आए, जहां उन्होंने कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों से ‘एफ रेजिडेंसी कार्ड’ प्राप्त किया।
नेताओं के लिए सीख
अंतरराष्ट्रीय लेनदेन और साझेदारियों की नियमित जांच करें, ताकि कोई भी व्यक्ति कानूनी खामियों का फायदा न उठा सके।
तथ्य 3: बेल्जियम में गिरफ्तारी – भारतीय एजेंसियों की सफलता
CBI और ED की लगातार कोशिशें रंग लाईं
Interpol द्वारा रेड नोटिस हटाने के बावजूद, भारत की CBI और ED ने मुंबई की अदालतों द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट बेल्जियम प्रशासन को भेजे। चोकसी को अस्पताल में इलाज के दौरान गिरफ्तार किया गया, जहां वे रक्त कैंसर का इलाज करा रहे थे। यह गिरफ्तारी अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अहमियत को दर्शाती है।
नेताओं के लिए सीख
नियामक और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करें ताकि किसी भी वित्तीय अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
तथ्य 4: कानूनी लड़ाई – बीमारी और राजनीति बनीं रक्षा की ढाल
भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ चोकसी की रणनीति
मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल का दावा है कि चोकसी बीमार हैं, उन्हें PTSD है और भारत की जेलों की हालत खराब है। भारत और बेल्जियम के बीच 2020 में प्रत्यर्पण संधि होने के बावजूद, एंटीगुआ की नागरिकता और स्वास्थ्य कारणों से यह मामला लंबा खिंच सकता है।
नेताओं के लिए सीख
अंतरराष्ट्रीय विवादों से निपटने के लिए पहले से कानूनी रणनीति तैयार रखें।
तथ्य 5: संपत्ति जब्ती – लूट की वापसी
ED का मेहुल चोकसी की संपत्तियों पर शिकंजा
2018 से अब तक प्रवर्तन निदेशालय ने चोकसी और उनके समूह की रुपये 2,565 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया है, जिनमें गहने, प्रॉपर्टी, वाहन और शेयर शामिल हैं। दिसंबर 2024 में एक अदालत ने इन संपत्तियों को पीएनबी और ICICI बैंक को हस्तांतरित करने का आदेश दिया।
नेताओं के लिए सीख
कंपनी की सभी संपत्तियों का दस्तावेजीकरण और पारदर्शी लेखा-जोखा सुनिश्चित करें।
तथ्य 6: कॉर्पोरेट पतन – गहनों का सम्राट हुआ दिवालिया
गितांजलि ग्रुप की तबाही
4000 से अधिक स्टोर वाले गितांजलि ग्रुप की साख पूरी तरह खत्म हो गई। कंपनी का दिवाला निकल गया और ब्रांड पर से ग्राहकों और निवेशकों का भरोसा उठ गया। चोकसी के बेटे रोहन पर अमेरिकी शाखा सैमुअल ज्वेलर्स में फर्जी डायमंड बेचने के भी आरोप हैं।
नेताओं के लिए सीख
नैतिक नेतृत्व और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता दें।
तथ्य 7: व्हिसलब्लोअर की चेतावनी – सतर्कता की ज़रूरत
हरिप्रसाद एसवी ने सबसे पहले चेताया था
2016 में ही हरिप्रसाद एसवी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को संदिग्ध बैलेंस शीट की जानकारी दी थी। उनके प्रयासों से यह घोटाला उजागर हुआ। वे कहते हैं कि चोकसी की दौलत और यूरोप के महंगे वकील प्रक्रिया को लंबा कर सकते हैं।
नेताओं के लिए सीख
व्हिसलब्लोअर के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण बनाएं, ताकि संगठन में पारदर्शिता बनी रहे।
(India CSR)
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