CSR फंड में केंद्र का दखल नहीं, केंद्र सरकार के इशारे पर जारी नहीं होता सीएसआर Fund
चेन्नई I कंपनियों के निगमीय सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहज देश के राज्यों में जनहित के कई कार्य होते हैं। कोरोना महामारी के वक्त कंपनियों ने सीएसआर फंड उपलब्ध कर अपना फर्ज निभाया। खासकर कोरोना टीकाकरण के सौ फीसदी लक्ष्य हासिल करने में निजी कंपनियों की बड़ी भूमिका रही। इसके अलावा भी जलस्रोतों की सफाई हो अथवा अन्य सामाजिक हित व उत्थान के कार्य कंपनियां स्वविवेक से सीएसआर फंड जारी करती है। आंकड़ों की बात करें तो २०१५-१६ से निजी कंपनियों ने सीएसआर फंड के पेटे लगभग १.१० लाख करोड़ से अधिक की राशि जारी की है।
CSR का प्रावधान
भारत कानूनी रूप से 1 अप्रैल 2014 को निगमीय सामाजिक दायित्व को अनिवार्य करने वाला पहला देश बन गया। भारत के कंपनी अधिनियम की धारा 135 एक निश्चित टर्नओवर और लाभप्रदता की कंपनियों को उनके पिछले तीन वर्षों के औसत शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत सीएसआर पर खर्च करना अनिवार्य करती है।
तमिलनाडु को CSR फंड
तमिलनाडु को सीएसआर फंड कम आवंटित होने का प्रश्न डीएमके सांसद पी. विल्सन ने उठाया था। उनको केंद्रीय कार्पोरेट राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने जवाब दिया कि कंपनी एक्ट की धारा १३५ के तहत सीएसआर का प्रावधान है। सीएसआर को लेकर कोई भी फैसला कंपनी का बोर्ड करता है। केंद्र सरकार का इसमें कोई दखल नहीं होता कि कंपनियों को क्षेत्र विशेष के लिए राशि जारी करने का निर्देश दे। सीएसआर को लेकर कंपनियां एमसीए२१ रजिस्ट्री में घोषणा करती है जो वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। तमिलनाडु को २०१६ से २०२१ के बीच ३८५१.४९ करोड़ रुपए जारी हुए है।
२०१६-१७ से प्राप्त सीएसआर (करोड़ों में)
राज्य कुल सीएसआर
दिल्ली ३०३२.१२
महाराष्ट्र १४२१७.४०
प. बंगाल १७२४.४१
राजस्थान २५४६.५५
मध्यप्रदेश १०५५.३३
गुजरात ५०५१.२९
कर्नाटक ५५८२.१५
स्रोत : राष्ट्रीय सीएसआर डेटा पोर्टल
सीएसआर से हो रहा जनहित कार्य
सभी कम्पनियों को सीएसआर के प्रावधानों का पालन करना ही पड़ता है। गत ढाई साल यानी कोरोना काल में सीएसआर के प्रावधानों के तहत हमारी कंपनियों ने करीब दस करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं। इसके अलावा जैन स्कूल व कॉलेजों में जो विद्यार्थी कोरोना पीडि़त हो गए और जिन विद्यार्थियों के परिवार में कमाने वाले की कोरोना से मौत हो गई उनकी शिक्षा पूरी तरह मुफ्त की गई।
- अभय कुमार श्रीश्रीमाल, चेयरमैन, लाइफसेल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड।