नई दिल्ली। वेदांता लिमिटेड ने आज 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाली चौथी तिमाही एवं पूरे वर्ष के लिए अपने समेकित परिणामों की घोषणा की है। वेदांता ने वित्तीय वर्ष 25 में मजबूत आर्थिक आंकड़े दर्ज किए, इस अवधि के दौरान कपंनी का राजस्व 10 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर अब तक के सर्वोच्च रु 1,50, 725 करोड के आंकड़े पर पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 25 के दौरान कंपनी का EBITDA भी 37 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर रु 43,541 करोड़ पर पहुंच गया, जो कंपनी के लिए अब तक का दूसरा सर्वोच्च स्तर है। इस अवधि के दौरान कर के बाद मुनाफ़ा (पीएटी) 172 फीसदी उछाल के साथ रु 20,535 करोड़ के आंकड़े को छू गया।
चौथी तिमाही में कंपनी का राजस्व 14 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर अब तक के अधिकतम रु 39,789 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गया। इस दौरान EBITDA भी 30 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर रु 11,618 करोड़ पर आ गया। वहीं EBITDA मार्जिन की बात करें तो यह 35 फीसदी2 रहा, जो पिछली 12 तिमाहियों में सबसे अधिक 465 बीपी सालाना वृद्धि है। तिमाही के दौरान कंपनी का मुनाफ़ा 118 फीसदी सालाना बढ़कर रु 4961 करोड़ पर पहुंच गया। इस अवधि के दौरान रु 7814 करोड़ के फ्री कैश-फ्लो (प्री-कैपेक्स) के चलते वेदांता के नकद और नकद समकक्ष में भी 34 फीसदी का सुधार आया है।
साल के दौरान वॉल्युम के विस्तार और आपूर्ति श्रृंखला के एकीकरण के चलते कंपनी का कुल पूंजी व्यय रु 12626 करोड़ रहा। तिमाही के दौरान शुद्ध ऋण कम होकर रु 53,251 करोड़ पर पहुंच गया, वहीं शुद्ध ऋण/ EBITDA 1.2 गुना हो गया (जो दिसम्बर 24 में 1.4 गुना था)। वेदांता की क्रेडिट रेटिंग को क्रिसाइल और आईसीआरए दोनों ने अपग्रेड कर एए कर दिया है।
कंपनी का एलुमिनियम उत्पादन अब का अधिकतम 2422 किलोटन दर्ज किया गया। भारत में कंपनी के ज़िंक संचालन की बात करें तो अब तक का अधिकतम खनन 1095 किलोटन और रिफाइन्ड धातु उत्पादन 1052 किलोटन दर्ज किया गया। वेदांता के लौह अयस्क कारोबार ने भी 6.2 मीट्रिक टन उत्पादन के साथ 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है, वहीं कॉपर कारोबार में कॉपर कैथोड़ का सालाना उत्पादन 149 किलोटन रहा है।
वित्तीय वर्ष 25 की चौथी तिमाही के परिणामों पर बात करते हुए श्री अरूण मिश्रा, एक्ज़क्टिव डायरेक्टर, वेदांता लिमिटेड ने कहा, ‘‘वित्तीय वर्ष 25 की चौथी तिमाही में शानदार परिणामों की घोषणा करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, ये परिणाम संचालन में अनुशासन पर हमारे फोकस को दर्शाते हैं। इस तिमाही के साथ हमने वित्तीय वर्ष 25 में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, हमने न सिर्फ एलुमिनियम और ज़िंक के लिए अब तक का अधिकतम सालाना वॉल्युम दर्ज किया, बल्कि उत्पादन की लागत में भी काफी कमी लेकर आए हैं। ज़िंक इंडिया सीओपी और एलुमिनियम में एक्स-एलुमिना सीओपी चार साल के नीचले स्तर तक पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 26 में भी हम विकास और दक्षता पर फोकस करेंगे।
हम लांजीगढ़ रिफाइनरी के विस्तार और उड़ीसा में सिजीमली बॉक्साईट खान जैसी परियोजनाओं के बदलाव को गति प्रदान कर रहे हैं, जो अगले वित्तीय वर्ष में हमारी लागत की स्थिति में बहुत अधिक सुधार लेकर आएंगे। वित्तीय वर्ष 26 में कई विस्तार योजनाएं पूरी होंगी, ऐसे में हमें विश्वास है कि आने वाला साल और भी मजबूत होगा। हम मार्केट में हो रहे बदलावों के अनुसार लम्बी अवधि में मूल्य-सृजन के अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रयासरत हैं।’’
श्री अजय गोयल, सीएफओ, वेदांता ने कहा, ‘‘इस तिमाही वेदांता ने शानदार फाइनैंशियल परफोर्मेन्स देते हुए तब तक का अधिकतम राजस्व रु 39,789 करोड़ दर्ज किया। इस दृष्टि से कंपनी ने 14 फीसदी सालाना की बढ़ोतरी दर्ज की। इसी तरह EBITDA भी 30 फीसदी सालाना बढ़ोतरी के साथ रु 11618 करोड़ तक पहुंच गया। पिछली 12 तिमाहियों में EBITDA मार्जिन 35 फीसदी रहा है। कर के बाद मुनाफ़ा 118 फीसदी सालाना बढ़ोतरी के बाद रु 4961 करोड़ पर पहुंच गया। संचालन दक्षता, लागत अनुकूलन तथा मार्केट में हो रहे बदलावों पर निरंतर फोकस करते हुए हमने ये शानदार परिणाम दर्ज किए हैं। इसके अलावा वेदांता लिमिटेड की बैलेंस शीट में चौथी तिमाही में ~500 मिलियन डॉलर की कमी आई है, और अंतिम शुद्ध ऋण 6.2 बिलियन डॉलर रहा है। ऋण में 1.2 गुना तक का सुधार हमारी आर्थिक नींव को और मजबूत बनाता है।’
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