इंडिया सीएसआर हिंदी समाचार सेवा
भारत सरकार के कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा 18 जून 2014 के सामान्य परिपत्र के साथ पठित कंपनी अधिनियम 2031 की धारा 135, अधिनियम की अनुसूची – और कंपनी की सीएसआर नीति नियम, 2014 में पात्र कंपनियों द्वारा अपनी सीएसआर नीतियों के साथ-साथ संपादित किए जाने वाले कार्यकलापों और उसे गंभीरतापूर्वक लागू करने की विस्तृत रूपरेखा दी गई है।
अधिनियम के कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) प्रावधानों का अनुपालन करते हुए योग्य कंपनियों के निदेशक मंडल (बोर्ड) को यह अधिकार दिया गया है कि वे सीएसआर परियोजनाओं या कार्यक्रमों या किए जाने वाले कार्यकलापों सहित अपनी सीएसआर नीतियों का मूल्यांकन व अनुमोदन करें।
कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा समय-समय पर बार-बार पूछे जाने प्रश्नों के बारे में जानकारी जाती है। कुछ रोचक प्रश्नों के जवाब की श्रृंखला में प्रस्तुत कुछ उपयोगी प्रश्नों के उत्तर दिए जा रहे हैंः
प्रश्नः
क्या कंपनी अधिनियम 2013 के सीएसआर प्रावधान सभी कंपनियों पर लागू होते हैं?
उत्तरः
कंपनी अधिनियम, 2013 के सीएसआर प्रावधान कंपनी अधिनियम 2013 और किसी अन्य पूर्व कंपनी विधि के अंतर्गत पंजीकृत प्रत्येक उस कंपनी के लिए लागू हैं जिसका किसी वित्तीय वर्ष के दौरान-
- निवल मूल्य 500 करोड़ रुपये या अधिक है, अथवा
- कारोबार 1000 करोड़ रुपये या अधिक है अथवा
- निवल लाभ 5 करोड़ रुपये या अधिक है।
प्रश्नः
यहां पर किसी वित्त वर्ष का क्या अर्थ है
कंपनी सीएसआर नियम 2014 के नियम 3 (2) के साथ पठित अधिनियम की धारा 135 की उपधारा (1) के अंतर्गत उल्लिखित किसी वित्त वर्ष का आशय पिछले तीन वर्षों में से कोई एक है।
प्रश्नः
क्या किसी कंपनी के सीएसआर व्यय को व्यापार व्यय कहा जा सकता है?
उत्तरः
किसी कंपनी द्वारा सीएसआर के लिए किए गए व्यय को व्यापार व्यय नहीं माना जा सकता। वित्त अधिनियम, 2014 में प्रावधान है कि कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 में यथा उल्लेखित कारपोरेट सामाजिक दायित्व संबंधी क्रियाकलापों पर निर्धारित किया गया कोई भी व्यय निर्धारिती द्वारा व्यापार या व्यवसाय के प्रयोजनों हेतु किया व्यय नहीं माना जाएगा।
(इंडिया सीएसआर हिंदी समाचार सेवा)
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