रायपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में औद्योगिक और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में 11 सितंबर 2025 को ‘बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट’ का आयोजन होने जा रहा है। यह महत्वाकांक्षी पहल, जो पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, रायपुर और टोक्यो, ओसाका, सियोल जैसे अंतरराष्ट्रीय शहरों में सफल रही, अब बस्तर की समृद्ध संभावनाओं को उजागर करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। नवंबर 2024 से अब तक 6.65 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों के साथ, यह आयोजन बस्तर को समावेशी और सतत विकास का केंद्र बनाने का लक्ष्य रखता है, जो स्थानीय समुदायों को सशक्त करेगा और उनकी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करेगा।
क्षेत्रीय विकास को गति देने की पहल
‘बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट’ छत्तीसगढ़ की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 का हिस्सा है, जो संतुलित क्षेत्रीय विकास पर केंद्रित है। इस नीति का लक्ष्य रोजगार सृजन, उद्यमिता को बढ़ावा देना और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना है। आयोजन में 200 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशक, उद्योग दिग्गज और स्थानीय उद्यमी हिस्सा लेंगे। कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जो बस्तर के लिए ऐतिहासिक होंगे। नीति के तहत ₹1,000 करोड़ से अधिक के निवेश या 1,000 से अधिक नौकरियां सृजित करने वाली परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जिसमें औषधि निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, आईटी, एयरोस्पेस और डिफेंस जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
पर्यटन और बुनियादी ढांचे पर जोर
बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जनजातीय विरासत को देखते हुए, सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। होटल, इको-टूरिज्म, वेलनेस सेंटर, एडवेंचर स्पोर्ट्स और खेल सुविधाओं जैसी परियोजनाओं पर 45% तक सब्सिडी दी जाएगी। बस्तर के 88% ब्लॉक ग्रुप-3 श्रेणी में आते हैं, जिससे निवेशकों को रियायती दरों पर जमीन और सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के तहत तेजी से मंजूरी जैसे अधिकतम लाभ मिलेंगे। 2025-26 के लिए ₹9,500 करोड़ के बुनियादी ढांचा बजट में ₹2,000 करोड़ सड़क और रेलवे आधुनिकीकरण के लिए हैं, जो बस्तर के कांगेर वैली जैसे यूनेस्को टेंटेटिव साइट्स तक कनेक्टिविटी बढ़ाएंगे।
समावेशी विकास के लिए विशेष प्रावधान
औद्योगिक नीति में समावेशिता पर विशेष ध्यान दिया गया है। अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) उद्यमियों और नक्सलवाद प्रभावित परिवारों को 10% अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। एक अनूठी पहल के तहत, नई औद्योगिक इकाइयों में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने पर उनके वेतन पर 40% सब्सिडी (प्रति वर्ष अधिकतम ₹5 लाख) पांच साल तक मिलेगी। बस्तर में स्टील क्षेत्र की इकाइयों को 15 वर्षों तक रॉयल्टी रीइम्बर्समेंट की सुविधा दी जाएगी, जिससे दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। 2025 में 1,500 से अधिक आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास कार्यक्रमों से लाभ मिला है, जो सामाजिक समावेश की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आर्थिक प्रभाव और रोजगार के अवसर
‘बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट’ नक्सलवाद और अविकसितता से प्रभावित क्षेत्र को बदलने की क्षमता रखता है। 2024-25 में छत्तीसगढ़ ने ₹4.4 लाख करोड़ के निवेश आकर्षित किए, जिसमें नवा रायपुर में ₹11,000 करोड़ का सेमीकंडक्टर प्लांट और 150 मेगावाट का AI डेटा सेंटर शामिल है, जिससे 2,000 से अधिक नौकरियां बनीं। बस्तर में इको-टूरिज्म और MSME पर ध्यान देने से 2027 तक 10,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। X पर वायरल पोस्ट बस्तर को “नया औद्योगिक केंद्र” बता रही हैं, हालांकि कुछ यूजर्स ने सांस्कृतिक और पर्यावरणीय संवेदनशीलता की मांग की है।
बस्तर की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
सरकार औद्योगिक विकास को बस्तर की जनजातीय पहचान के संरक्षण के साथ संतुलित करने के लिए प्रतिबद्ध है। होमस्टे, सांस्कृतिक उत्सव और बस्तर ओलंपिक जैसे कार्यक्रम स्थानीय समुदायों को सशक्त बना रहे हैं। धूमधरास गांव को 2024 में यूएन द्वारा “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव” का दर्जा मिला। नीति में इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण जैसे हरित उद्योगों को प्राथमिकता दी गई है, जो अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन@2047 के अनुरूप है। यह दृष्टिकोण बस्तर को सतत और समावेशी विकास का प्रतीक बनाएगा।
बस्तर का नया भविष्य
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “हम बस्तर के युवाओं को उनके हक के अवसर और कौशल देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि वे छत्तीसगढ़ की प्रगति में सक्रिय भागीदार बनें।” ‘बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट’ न केवल निवेश को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाकर समृद्धि को हर घर तक पहुंचाएगा। यह आयोजन बस्तर को वैश्विक निवेश मानचित्र पर स्थापित करने और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।