सामुदायिक भागीदारी से विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के भोजन को अधिक पोषक बनाने की पहल है – ‘न्योता भोजन’
रायपुर, छत्तीसगढ़ (इंडिया सीएसआर)। न्योता भोजन (Invited Meal) का संबंध छ्त्तीसगढ़ राज्य (Chhattisgarh State) से है। इस अवधारणा का संबंध छत्तीसगढ़ के विद्यायलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, न्योता भोजन की अवधारणा या पहल सामुदायिक भागीदारी की भावना पर आधारित है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य में न्योता भोजन की अवधारणा रखी गई है। सरकार द्वारा इसकी घोषणा 16 फरवरी 2024 को की गई है।
न्योता भोजन – इस महत्वपूर्ण पहल को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर लागू की जा रही है। सामुदायिक सहयोग से विद्यालयीन बच्चों के खानपान में पोषण आहार की मात्रा को बढ़ाने हेतु “न्यौता भोजन’’ की अभिनव पहल की जा रही है।
न्योता भोजन (Nyota Bhojan) का शाब्दिक अर्थ
न्योता शब्द छत्तीसगढ़ी बोली से लिया गया है, जिसका हिंदी अर्थ निमंत्रण (Invitation) होता है। भोजन का सामार्थी शब्द आहार है। इस प्रकार, न्योता भोजन का अर्थ आमंत्रित भोजन। अंग्रेजी में Invited Meal or Invited Food etc.
न्योता भोजन अवधारणा की मूल भावना
यह अवधारणा त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगाँठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों अथवा त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते हैं।
‘सबका प्रयास’- सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने हेतु, ‘न्योता भोजन को बढ़ाने के लिये ‘सबका प्रयास’ अवधारणा का उपयोग किया जा रहा है।
सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के विद्यालयों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गर्म भोजन को सामुदायिक भागीदारी की बदौलत और अधिक पोषक बनाने की अभिनव पहल की गई है।
शाला अवधि में विद्यार्थियों को भोजन प्रदाय करने के लिए संचालित प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना गाईडलाईन में सामुदायिक आधार पर तिथि भोजन के प्रावधान के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में इसे ‘न्योता भोजन’ के नाम से लागू करने का निर्णय लिया गया है।
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‘न्योता भोजन’ का उद्देश्य
न्योता भोजन का उद्देश्य समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास, भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि तथा सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना विकसित करना है। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि न्योता भोजन, स्कूल में दिए जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं होगा, बल्कि यह विद्यार्थियों को दिए जा रहे भोजन का पूरक होगा।
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‘न्योता भोजन’ की प्रक्रिया
यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन, स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं अथवा अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकेंगे।
यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। ध्यान रहे न्योता भोजन शाला में दिये जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है, बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किये जाने वाले भोजन का पूरक है।
इसमें प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना से लाभांवित हो रहे बच्चों को अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान किया जा सकेगा। इसके तहत समुदाय के सदस्य किचन के बर्तन भी उपलब्ध करा सकते है।
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कौन करा कसेगा ‘न्योता भोजन’
संभावित दाताओं की पहचान- समुदाय में ऐसे दान दाताओं की पहचान की जा सकती है जो रोटेशन में माह में कम से कम एक दिन शाला में ‘न्योता भोजन’ करा सके।
दान दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिये उन्हें शाला की प्रार्थना सभा अथवा वार्षिक दिवस में सम्मानित किया जाए। भोजन दान की प्रकृति को महादान के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिए, जिसमें पूरे विद्यालय अथवा किसी कक्षा विशेष के बच्चों को ‘न्योता भोजन’ कराया जाता है।
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‘न्योता भोजन’ में दानदाताओं की भूमिका
‘न्योता भोजन’ के दिन दान-दाता को शाला में आमंत्रित किया जाए। ‘न्योता भोजन’ की घोषणा प्रार्थना के दौरान की जाए। घोषणा में दान-दाता के नाम की भी घोषणा की जा सकती है अथवा उन्हें आमंत्रित किया जा सकता है।
‘न्योता भोजन’ के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली सामग्रियाँ- प्रदान की जाने वाली सामग्री में शाला के लिये पूर्ण भोजन, कक्षा विशेष के लिये पूर्ण भोजन अथवा अतिरिक्त पोषण आहार हो सकता है। इसके अतिरिक्त पूर्ण या अतिरिक्त पोषण हेतु सामग्री प्रदान की जा सकती है जिसे शाला के रसोईयों के द्वारा बनाकर बच्चों को परोसा जा सकता है।
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‘न्योता भोजन’ के प्रकार
‘न्योता भोजन’ तीन प्रकार के हो सकते है-
- पूर्ण भोजन (शाला की सभी कक्षाओं हेतु),
- आंशिक पूर्ण भोजन (शाला के किसी कक्षा विशेष हेतु),
- अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री।
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‘न्योता भोजन’ में फूड हैबिट का ध्यान
दान-दाताओं द्वारा प्रदान किया जाने वाला खाद्य पदार्थ अथवा सामग्री उस क्षेत्र के खान-पान की आदत (फुड हैबिट) के अनुसार होनी चाहिए। पूर्ण भोजन की स्थिति में नियमित रूप से दिये जाने वाले भोजन के समान बच्चों को दाल, सब्जी और चावल सभी दिया जाना है। फल, दूध, मिठाई, बिस्किट्स, हलवा, चिक्की, अंकुरित खाद्य पदार्थ जैसे सामग्री, जो बच्चों को पसंद हो का चुनाव अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। पौष्टिक एवं स्वादिष्ट मौसमी फलों का चयन भी पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है।
मौसमी फल अपेक्षाकृत सस्ते एवं पौष्टिक होते है। शाला में बच्चों से पूछकर भी ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची तैयार की जानी चाहिये जो बच्चे ‘न्योता भोजन’ में खाना चाहते हो। इस सूची को दान-दाताओं को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे वे बच्चों के पसंद की खाद्य सामग्री का अपने बजट के अनुसार चयन कर बच्चों को ‘न्योता भोजन’ में उपलब्ध करा सकें। ‘न्योता भोजन’ हेतु किसी प्रकार की कैश, चेक शाला द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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‘न्योता भोजन’ की आवृति
‘न्योता भोजन’ की आवृति एवं भागीदारी की भावना- समुदाय की शाला में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये समुदाय के सदस्यों के मध्य माह में कम से कम एक दिन स्वच्छता एवं स्वच्छता प्रोटोकाल का पालन करते हुये ‘न्योता भोजन’ को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। ‘न्योता भोजन’ में बच्चे एक साथ बैठ सकते है और सही मायने में भोजन, अतिरिक्त खाद्य पदार्थों का आनंद उठा सकते है।
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शाला प्रबंधन समिति की भूमिका
शाला प्रबंधन समिति की भूमिका- शाला प्रबंधन समिति की बैठकों के दौरान ‘न्योता भोजन’ के प्रावधान, दान-दाताओं की पहचान, ‘न्योता भोजन’ की समय सारणी पर चर्चा की जाए। ‘न्योता भोजन’ के दौरान बच्चों को प्रदान किये जाने वाले खाद्य पदार्थों के प्रकार और मात्रा पर बैठकों में चर्चा की जाए। सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराने में पर्याप्त सावधानी बरती जाए।
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‘न्योता भोजन’ में पोषण संबंधी लाभ
समुदाय को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों के लिये अतिरिक्त खाद्य पदार्थों के प्रावधान के पोषण संबंधी लाभ से अवगत कराया जाए। इसमें मौसमी फल जो कम कीमत वाले और विटामिन तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर हों, बच्चों को दिया जा सकता है। ‘न्योता भोजन’ के तहत अतिरिक्त भोजन प्रदान करने में रुचि रखने वाले सभी समुदाय के सदस्यों के लिये शाला स्तर पर एक रोस्टर तैयार किया जा सकता है।
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‘न्योता भोजन’ कराने वालों का सम्मान
अधिकतम योगदान देने वाले समुदाय के सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित किया जा सकता है। वास्तव में सबका प्रयास के माध्यम से सभी समुदाय के सदस्य या तो पूर्ण भोजन के रूप में खाद्य पदार्थ या फल, मिष्ठान आदि उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। न्योता भोजन की अवधारणा को सफलतापूर्वक जनांदोलन बनाया जाए।
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पहल के क्रियान्वयन की निगरानी
प्रदान किये गये भोजन की संख्या और प्रकार, अतिरिक्त खाद्य सामग्री और आवधिकता की जानकारी, संधारित करने के लिये, एक रजिस्टर रखा जाए। शाला से विकासखण्ड कार्यालय में भेजे जाने वाले मासिक प्रपत्र में न्योता भोजन की जानकारी दी जाए। जिस तिथि में ‘न्योता भोजन’ प्रदान किया जाता है उस तिथि में विकासखण्ड स्तर पर न्योता भोजन अन्तर्गत विस्तृत जानकारी की प्रविष्टि की की जाए। इसकी प्रविष्टि राज्य साफ्टवेयर में की जाएगी।
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न्योता भोज या न्योता भोजन पहल के क्रियान्वयन का उदाहरण
हमारे संस्कृत सुभाषित वाक्यों में शुभस्य शीघ्रम की बात कही जाती है अर्थात शुभ कार्य में शीघ्रता की जानी चाहिए। 16 फरवरी 2024 को ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने न्योता भोजन के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे। मुख्यमंत्री ने निर्देश में कहा था कि अपने जन्मदिन पर स्कूली बच्चों के साथ समय बिताएँ। उनके साथ भोजन करें। इस शुभ कार्य के लिए शीघ्रता से पहल करते हुए रायपुर कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने अपने जन्मदिन के अवसर पर शासकीय नवीन प्राथमिक शाला धरमपुरा के स्कूली बच्चों को न्योता भोज दिया।
शासकीय नवीन प्राथमिक शाला धरमपुरा में न्योता भोजन
डॉ गौरव सिंह सुबह सपरिवार स्कूल पहुँचे। सबसे पहले सरस्वती माता का वंदन किया। उसके बाद वे बच्चों के बीच पहुँचे। बच्चों को पंगत में बैठाया गया और वन बाई वन थाली लगाई। उसके बाद पूडी, सब्जी, दाल, चावल और खीर परोसा। यहीं नही वे बच्चों के पास जाते रहे और उनकी पसंद पूछकर व्यंजन को फिर से परोसा।
अंत में, बच्चों को केक खिलाया गया। उनके साथ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह, डीएफओ विश्वेश्वर राय, नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा और जिला पंचायत के सीईओ विश्वदीप ने भी भोजन परोसा। साथ ही कलेक्टर ने इन स्कूली बच्चों के बीच बैठ पत्नी डॉ सुनिता सिंह और दोनो बच्चे आद्या सिंह और अक्षरा सिंह के साथ भोजन किया।
भोजन करते समय बच्चों के चेहरे पर खुशियाँ झलक रही थी, वे खिल उठे और प्यार से कलेक्टर के पास जाकर उपहार स्वरूप पुष्प दिया। यहीं नही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और कलेक्टर को थैंक यू कहा। साथ ही उन्होंने उत्साहित होकर कलेक्टर बनने की भी इच्छा जाहिर की।
इस खुशी के क्षण में श्रीमती बूंदा बाई साहू ने सोहर गीत गाकर कलेक्टर को जन्मदिन की बधाई दी। श्रीमती साहू सरस्वती महिला समूह की अध्यक्ष है वह जब से मध्याह्न भोजन योजना शुरू हुई है तब से स्कूल में भोजन आपूर्ति कर रही है।
कलेक्टर ने अधिकारीगण और आम नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि वे अपने जीवन के महत्वपूर्ण दिन क्षण इत्यादि को स्कूल के बच्चों के साथ मनाएँ। उन्हें इसी प्रकार से न्योता भोज देें। उन्हें इस प्रकार का भोजन करा सकते है या उनके भोजन में पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल कर सकते है।
(इंडिया सीएसआर)