पोर्ट ब्लेयर और दिल्ली की लड़कियों और हैदराबाद और बेंगलुरु के लड़कों ने सैमसंग के सॉल्व फॉर टुमॉरो प्रोग्राम के टॉप थ्री विनर्स में बनाई जगह; अपने आइडियाज को हकीकत में बदलने के लिए टीमों को IIT दिल्ली में 6 महीने के इन्क्यूबेशन के साथ मिलेगा 1 करोड़ रुपये का ग्रांट
गुरुग्राम, इंडिया। सैमसंग ने सॉल्व फॉर टुमॉरो इन इंडिया के इनॉगरल एडिशन के टॉप थ्री विनर्स की घोषणा की है। सैमसंग के इस नेशनल एजुकेशन एंड इनोवेशन कॉम्पिटीशन का उद्देश्य देश भर के युवाओं को वास्तविक जीवन के मुद्दों को इनोवेटिव आइडियाज के साथ हल करने और बदलाव लाने में मदद करना है।
सॉल्व फॉर टुमॉरो सैमसंग की एक सीएसआर पहल है।
टॉप तीन विजेता टीमों – स्पुतनिक ब्रेन, उड़ान और अल्फा मॉनिटर को अपने प्रोटोटाइप को और बेहतर बनाने के लिए 1 करोड़ की ग्रांट प्राप्त हुई है। इन विजेताओं को IIT दिल्ली के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (FITT), की ओर से अपने प्रोटोटाइप्स को और भी बेहतर बनाने और अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को वास्तविक दुनिया के उपभोक्ता से परीक्षण कराने के लिए 6 महीने का इन्क्यूबेशन दिया गया।
विजेता टीमों में से प्रत्येक को प्रमाण पत्र और एक सुंदर सॉल्व फॉर टुमॉरो ट्रॉफी मिली। यह ट्रॉफी कार्यक्रम के लोगो से प्रेरित है और साहस एवं आकांक्षा को व्यक्त करती है। टीम के प्रत्येक सदस्य को कई शानदार सैमसंग प्रोडक्ट भी मिले, जिसमें एक सैमसंग गैलेक्सी बुक 2 प्रो 360 लैपटॉप और सैमसंग गैलेक्सी बड्स 2 शामिल है। विजेता टीमों को उनके संबंधित स्कूल या कॉलेज के लिए 85 इंच का सैमसंग फ्लिप इंटरैक्टिव डिजिटल बोर्ड भी मिलेगा।
बेंगलुरु के रहने वाले स्पुतनिक ब्रेन टीम के 22 वर्षीय शंकर श्रीनिवासन ने एक वियरेबल डिवाइस प्रस्तुत किया, जो सुरक्षित ब्रेन मॉड्यूलेशन का उपयोग करके तनाव को कम करने में मदद करता है, जबकि पोर्ट ब्लेयर और दिल्ली की टीम उड़ान में शामिल 16 वर्षीय लड़कियों प्रिशा दुबे, अनुप्रिया नायक और वनालिका कोंवर ने एक इकोफ्रेंडली अफॉर्डेबल और धोने योग्य सैनिटरी पैड विकसित किए हैं, जिसे कटे हुए गन्ना खोई का उपयोग करके तैयार किया गया है। हैदराबाद के अल्फा मॉनिटर के 16 वर्षीय हेमेश चडालवाड़ा ने अल्ज़ाइमर रोगियों की निगरानी करने और उनके व्यवहार में बदलाव के बारे में उनकी देखभाल करने वालों को सतर्क करने के लिए एक स्मार्ट रिस्टबैंड विकसित किया है।
टॉप तीन विजेता टीमों का चयन नई दिल्ली में सॉल्व फॉर टुमॉरो ग्रैंड फिनाले इवेंट में किया गया था, जहां टॉप टेन टीमों ने अपनी फाइनल पर्फोर्मेंस दी और एक सम्मानित ग्रैंड जूरी को अपने प्रोटोटाइप दिखाए। इस जूरी में एंटरप्रेन्योर और मेंटर अंकुर वारिकू, एफआईटीटी, आईआईटी दिल्ली के निदेशक डॉ. अनिल वली, आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर
डॉ. अर्चना चुघ और सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट-बैंगलोर के प्रबंध निदेशक दीपेश शाह शामिल थे।
अभिनंदन और पुरस्कार समारोह की इस शानदर शाम में जिसमें सैमसंग के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी, ग्रैंड जूरी के सदस्य, एफआईटीटी और आईआईटी दिल्ली के प्रतिनिधि, मेंटर्स और टीम के सदस्यों के परिवार वाले शामिल थे। टॉप 10 टीमों के प्रत्येक सदस्य को एक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। सैमसंग और आईआईटी दिल्ली की ओर से एक हैम्पर दिया गया, जिसमें सैमसंग गैलेक्सी बुक2 प्रो 360 लैपटॉप और सैमसंग गैलेक्सी बड्स2 शामिल हैं।
इस साल जून में, अपने सॉल्व फॉर टुमॉरो प्रोग्राम के हिस्से के रूप में सैमसंग ने भारत में 16-22 साल के युवाओं को शिक्षा, पर्यावरण, हेल्थ केयर और कृषि क्षेत्रों में इनोवेटिव आइडियाज के साथ आने के लिए आमंत्रित किया था। यही क्षेत्र भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों की प्राथमिकता में शामिल हैं, जिनका लक्ष्य आसपास के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। कार्यक्रम ने युवाओं को अपने आइडियाज को वास्तविकता में बदलने के लिए मदद की पेशकश की है। इस इनॉगरल एडिशन में रिकॉर्ड 18,000 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए थे।
विजेताओं को ट्रॉफी और ग्रांट चेक प्रदान करते हुए श्री केन कांग, प्रेसिडेंट और सीईओ, सैमसंग साउथवेस्ट एशिया ने कहा, “युवाओं में दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों को नया और हल करने की शक्ति है। सभी युवा सॉल्वर भारत का भविष्य हैं। उनमें भारत और दुनिया को बदलने की क्षमता है। हमें उन पर गर्व है और हम उनके विचारों को अमल में लाने और लोगों के जीवन को बदलने के लिए उनके साथ काम करेंगे।”
आईआईटी दिल्ली के प्रो.रंगन बनर्जी ने कहा, “अपने पहले साल में, सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो युवा इनोवेटर्स के एक रोमांचक समुदाय का निर्माण करते हुए, भारतीय इनोवेशन इकोसिस्टम के लिए एक मददगार के रुप में सामने आया है। एफआईटीटी और आईआईटी दिल्ली शीर्ष तीन विजेताओं को प्रोत्साहित करने और उन्हें सलाह देने के लिए तत्पर हैं और सामाज में सकारात्मक बदलाव लाने लिए उनके आइडिया को आगे बढ़ाने में उनकी मदद कर रहे हैं।
श्री पार्था घोष, हेड, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड कम्युनिकेशंस, सैमसंग साउथवेस्ट एशिया ने कहा, “हम सॉल्व फॉर टुमॉरो के इनॉगरल एडिशन को मिले शानदार रिस्पॉन्स को देखकर बेहद उत्साहित हैं। सभी प्रतिभागी शानदार आइडिया के साथ आए थे, ऐसे में जूरी को टॉप तीन विजेताओं को चुनने में बेहद कठिनाई हुई। हम तीनों विजेताओं को बधाई देते हैं और उनकी पूरी क्षमता को दुनिया के सामने पेश करने और पावरिंग डिजिटल इंडिया के हमारे दृष्टिकोण को मजबूत करने के लिए उनकी भविष्य की यात्रा में उनकी मदद करने को लेकर बेहद खुश हैं।”
सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो 2022 के तीन विजेताओं की जानकारी:
स्पुतनिक ब्रेन – शंकर श्रीनिवासन एक वियरेबल डिवाइस पर काम कर रहे हैं जो सुरक्षित ब्रेन मॉड्यूलेशन के माध्यम से तनाव को कम करने में मदद करेगा। वह घातक तनाव की वैश्विक समस्या से निपटना चाहते हैं और रासायनिक और प्रतिकूल-प्रभाव मुक्त तकनीक की आवश्यकता को हल करना चाहते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के लिए उनका सुरक्षित ब्रेन मॉड्यूलेशन वियरेबल डिवाइस एफडीए की फ्रीक्वेंसी, इंटेंसिटी और पल्स रिपीटिशन पीरियड की सीमा के भीतर ब्रेन में मूड सेंटर्स तक वेव्स को ट्रांसमिट करता है। तनाव के कारण हाई ब्लडप्रेशर, हाईपरटेंशन और कई अन्य समस्याओं पर विचार करते हुए शंकर ने तनाव को कम करने के लिए एक इनोवेशन पर काम करने का फैसला किया है। अपने इनोवेशन के लिए वह लगातार प्रतिष्ठित डॉक्टरों, बायोमेडिकल इंजीनियरों, न्यूरोसाइंटिस्ट और विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ अपने आइडिया को क्रॉस चेक कर रहे हैं।
उड़ान – प्रिशा दुबे, अनुप्रिया नायक और वनालिका कोंवर की ऑल-गर्ल्स टीम मासिक धर्म स्वास्थ्य में एक बड़ी चुनौती को हल करने की कोशिश कर रही है। वे चीनी कारखानों में उत्पादित गन्ने की खोई का उपयोग करके पर्यावरण के अनुकूल, किफायती और धोने योग्य सैनिटरी पैड विकसित कर रहे हैं जो बाजार में मौजूदा प्रोडक्ट्स की तुलना में बेहद सस्ती होगी। तीनों लड़कियां मासिक धर्म से जुड़े सामाजिक कलंक को खत्म करना चाहती हैं और अपने प्रोडक्ट के साथ वंचित और ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचना चाहती हैं।
अल्फा मॉनिटर – हेमेश चडालवाड़ा ने अल्जाइमर रोगियों की निगरानी करने और उनके देखभाल करने वालों को उनके व्यवहार में बदलाव के बारे में सचेत करने के लिए एक स्मार्ट रिस्टबैंड विकसित किया है। डिवाइस रोगी के स्वास्थ्य मापदंडों जैसे कि नाड़ी और ब्लड प्रेशर की देखभाल करने वाले की निगरानी करता है और यदि रोगी बिस्तर से बाहर निकलता है और घूमने लगता है तो डॉक्टर स्वचालित रूप से सतर्क हो जाते हैं। हेमेश की दादी भी अल्जाइमर की मरीज हैं और देखभाल करने वालों को बताए बिना असामान्य समय पर भटकती रहती थीं। उनकी रिपोर्ट के लिए उन्हें हर हफ्ते डॉक्टर के पास ले जाने की भी जरूरत पड़ती थी ।
पर्यावरण संरक्षण के आइडिया के साथ हेल्थ केयर को अधिक सुलभ बनाने, ग्रामीण महिलाओं के लिए मासिक धर्म स्वच्छता और तनाव को कम करने से जुड़े आइडिया के साथ प्रतियोगिता में शामिल टॉप 10 टीमों को, सैमसंग और उसके नॉलेज पार्टनर एफआईटीटी, आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों द्वारा छह सप्ताह तक मेंटॉर किया गया। उन्होंने अपने आइडिया को बेहतर बनाने और एक प्रोटोटाइप तैयार करने में मदद की, जिसे टीमों ने फिनाले इवेंट में प्रदर्शित किया।
टीमों ने गुरुग्राम में सैमसंग इंडिया के मुख्यालय और बेंगलुरु और नोएडा में उसके रिसर्च एवं विकास और डिजाइन केंद्रों का भी दौरा किया, जहां उन्होंने सैमसंग के युवा कर्मचारियों और शोधकर्ताओं के साथ बातचीत की। उन्होंने बेंगलुरु में प्रतिष्ठित सैमसंग ओपेरा हाउस में सैमसंग प्रोडक्ट इकोसिस्टम और इनोवेशन का भी अनुभव किया।
एफआईटीटी, आईआईटी दिल्ली द्वारा चुनी गई टॉप 50 टीमों और सैमसंग के विशेषज्ञों ने आईआईटी दिल्ली में तीन दिवसीय बूटकैंप में डिजाइन थिंकिंग पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। वहां उन्होंने टॉप 10 टीमों में चुने जाने के लिए सैमसंग के जूरी के सामने अपने प्रोटोटाइप पेश किये। बूटकैंप के अंत में टीम के टॉप 50 सदस्यों में से प्रत्येक को भागीदारी का प्रमाण पत्र और डिजाइन थिंकिंग, एसटीईएम, इनोवेशन और नेतृत्व में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए 1 लाख रुपये के वाउचर से सम्मानित किया गया।
सैमसंग अपनी नागरिकता इनिशिएटिव के माध्यम से समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने और लोगों के लिए जीवन को बेहतर बनाने के लिए इनोवेशन का उपयोग करने में विश्वास रखता है। शिक्षा के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाना एक सबसे अच्छा तरीका है, जिससे हम अपने युवाओं को भविष्य की दुनिया का साहसपूर्वक सामना करने के लिए तैयार कर सकते हैं।सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स वैश्विक स्तर पर सैमसंग इनोवेशन कैंपस और सॉल्व फॉर टुमॉरो इनिशिएटिव चलाती है, जिसके माध्यम से यह भविष्य के लीडर्स को सशक्त बना रही है और उन्हें उन स्किल्स से लैस कर रही है जिनकी उन्हें सार्थक बदलाव लाने में जरूरत होगी।
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