नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी और विश्व की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड जिंक, लेड और सिल्वर उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक 44वें इण्डिया इंटनेशनल ट्रेड फेयर 2025 में अपनी तकनीक-समृद्ध और उद्देश्य-संचालित प्रदर्शनी प्रस्तुत कर रही है। यह ट्रेड फेयर 14-27 नवंबर तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान, भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है। माइनिंग पवेलियन, हॉल नंबर 5, स्टॉल नंबर 34 ए में स्थित, कंपनी का स्टॉल इस वर्ष के राष्ट्रीय विषय “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के अनुरूप है। यह दर्शाता है कि कैसे महत्वपूर्ण क्रिटीकल मेटल्स और जिम्मेदारी पूर्ण खनन भारत को विकसित भारत बनाने की यात्रा को सक्षम कर रहे हैं।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री, श्री जी. किशन रेड्डी ने आईआईटीएफ के उद्घाटन के दौरान हिन्दुस्तान जिंक के इमर्सिव शोकेस और तकनीक-आधारित प्रदर्शनी का दौरा किया। उन्होंने वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से माइंस और स्मेल्टर संयंत्रों के संचालन का भी अनुभव किया और ब्रांड उत्पादों के रचनात्मक चित्रण की सराहना की और राष्ट्र के विकास में धातुओं के महत्व पर बल दिया।
भारत अपने महत्वपूर्ण खनिज मिशन और व्यापक ऊर्जा परिवर्तन एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है, ऐसे में हिन्दुस्तान जिंक का आईआईटीएफ 2025 शोकेस, प्रौद्योगिकी, नवाचार और सस्टनेबिलिटी को एक साथ लाकर कंपनी के एक बहु-धातु, भविष्य-तैयार उद्यम के रूप में विकास को प्रदर्शित कर रहा है।
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ, अरुण मिश्रा, ने कहा कि, विकसित भारत बनने की भारत की यात्रा इसके महत्वपूर्ण खनिजों, विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचे और भविष्य के लिए तैयार औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र की ताकत पर आधारित होगी। हिंदुस्तान जिंक में, हमारा ध्यान जिम्मेदार खनन, प्रौद्योगिकी-आधारित संचालन और स्थिरता के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के माध्यम से इस परिवर्तन को सक्षम बनाना है। आईआईटीएफ 2025 में हमारी उपस्थिति इस उद्देश्य का प्रतिबिंब है – यह प्रदर्शित करने के लिए कि कैसे जस्ता, चांदी और अन्य रणनीतिक धातुएँ भारत के ऊर्जा परिवर्तन को शक्ति प्रदान करेंगी, खनिज आत्मनिर्भरता को सुरक्षित करेंगी और राष्ट्र के लिए दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक मूल्य का निर्माण करेंगी।

स्टॉल के केंद्र में इंटरैक्टिव इंस्टॉलेशन, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन, आरएफआईडी क्यूब आधारित इंटरैक्टिव तकनीक के साथ एक संवादात्मक इंस्टॉलेशन है जो कि इमर्सिव लर्निंग अनुभव प्रदान करेगा। यह प्रदर्शित करता है कि कैसे जिंक, सिल्वर, लेड और अन्य महत्वपूर्ण धातुएं भारत के क्लीन एनर्जी, मैन्यूफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम की रीढ़ हैं, जो खनिज आत्मनिर्भरता में कंपनी के योगदान को रेखांकित करती हैं।
आगंतुकों को एक अद्भुत वर्चुअल रियलिटी सेटअप के माध्यम से हिन्दुस्तान जिंक के विश्व-स्तरीय ऑपरेशंस का वर्चुअल अनुभव करने का अवसर मिलेगा। यह प्रतिभागियों को रामपुरा आगुचा माइन और चंदेरिया स्मेल्टर की उन्नत खनन प्रणालियों, पर्यावरण प्रबंधन, डिजिटल नियंत्रण और सर्कुलर इकाॅनोमी की प्रथाओं को देखने का मौका देगा, जिसके माध्यम से कंपनी विश्व स्तर पर सबसे सस्टेनेबल मेटल उत्पादकों में से एक है।
कंपनी मुख्य धातुओं विशेष उच्च श्रेणी का जिंक, इकोजेन, एशिया का पहला निम्न-कार्बन जिंक, 99.99 प्रतिशत शुद्ध चांदी, स्फालराइट, जिंक अयस्क, और 3 हजार साल पुराने रिटॉर्ट, साथ ही वास्तविक अयस्क नमूनों और उनके उपयोग को प्रदर्शित कर रहा है।
यह प्रदर्शन गैल्वनाइजेशन में जिंक की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है, जो स्टील और बुनियादी ढांचे को जंग से बचाता है। जंग के कारण भारत को सालाना जीडीपी का लगभग 5 प्रतिशत नुकसान होता है। हिन्दुस्तान जिंक के अभिनव, जिंक-आधारित समाधान भारत के तेजी से हो रहे शहरीकरण और औद्योगिक विकास के लिए सस्टेनेबल, पर्यावरण-कुशल और लंबे समय तक चलने वाले बुनियादी ढांचे को सक्षम करते हैं।
आकर्षक शैक्षिक सत्र के तहत स्टाॅल में ” यह कंपनी के राष्ट्रीय अभियान “जंग के खिलाफ जिंक 2.0 का दूसरा चरण शुरू किया गया है। यहाँ एक सामाजिक प्रयोग, इंटरैक्टिव प्रदर्शन और गैल्वनाइजेशन क्विज के माध्यम से आगंतुकों को गैल्वनाइजेशन के महत्व के बारे में शिक्षित करेगा। इसका उद्देश्य जंग से बचाव को भारत के लिए मुख्यधारा की बुनियादी ढांचा प्राथमिकता बनाना है।
सामाजिक प्रभाव और सामुदायिक विकास के तहत् कंपनी द्वारा सीएसआर के अंतर्गत संचालित सखी परियोजना में राजस्थान में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए दाल, घी, अचार, मसाले और नमकीन जैसे उत्पादों का अनुभव किया जा सकेगा। साथ ही उपाया ब्रांड जो कि स्थानीय महिलाओं द्वारा बनाए गए उच्च गुणवत्ता वाले हस्तनिर्मित कपड़ों का भी प्रदर्शन किया गया है जो समावेशी और बाजार-उन्मुख कौशल विकास कार्यक्रमों के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पाँच दशकों से अधिक के माइनिंग और स्मेल्टिंग विशेषज्ञता और दुनिया की सबसे कम लागत वाली जिंक उत्पादन प्रणालियों में से एक के साथ, हिन्दुस्तान जिंक भारत की महत्वपूर्ण खनिज सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नवाचार, अनुसंधान एवं विकास और जिम्मेदार संसाधन प्रबंधन को संयोजित करने की ओर अग्रसर हुए है। आईआईटीएफ 2025 में इसकी भागीदारी, तकनीक, स्थिरता और समावेशन के माध्यम से एक मजबूत, आत्मनिर्भर और कम कार्बन वाले भविष्य के निर्माण के कंपनी के दृष्टिकोण को दर्शाती है।
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