छत्तीसगढ़ अंजोर विजन @2047 एक महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी दस्तावेज है, जिसे छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित राज्य बनाने के लिए तैयार किया गया है। यह विजन भारत सरकार के ‘विकसित भारत @2047’ के संकल्प से प्रेरित है और छत्तीसगढ़ को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य रखता है। नवा रायपुर, अटल नगर में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा इस दस्तावेज का विमोचन किया गया, जो राज्य के तीन करोड़ लोगों के सपनों और आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि समावेशी विकास, सुशासन और आर्थिक प्रगति का एक ठोस संकल्प है।
इस विजन का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्षों में दोगुना करना और 2047 तक राज्य की जीडीपी को 15 गुना बढ़ाकर 75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है। इसके साथ ही प्रति व्यक्ति आय को 10 गुना बढ़ाकर 20 लाख रुपये वार्षिक करने का लक्ष्य है। यह महत्वाकांक्षी योजना 13 प्रमुख सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, अधोसंरचना, लॉजिस्टिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं। विशेष रूप से शिक्षा और कौशल विकास पर जोर दिया गया है, जिसके तहत साक्षरता दर को 2047 तक 99.9% और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 65% तक ले जाने का लक्ष्य है।
छत्तीसगढ़ अंजोर विजन @2047 की एक विशेषता इसका जनभागीदारी पर आधारित होना है। इस दस्तावेज को तैयार करने में विशेषज्ञों, विभागों, वर्किंग ग्रुप्स, संभागीय जनसंवाद और ‘मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़’ पोर्टल के माध्यम से जनता के सुझाव शामिल किए गए हैं। यह दस्तावेज अल्पकालिक (2030), मध्यकालिक (2035) और दीर्घकालिक (2047) लक्ष्यों को परिभाषित करता है, जो राज्य के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करता है।
विजन में स्मार्ट विलेज और स्मार्ट सिटी के निर्माण, आईटी हब के विकास और लॉजिस्टिक्स नीति के माध्यम से ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने की योजना है। इसके अलावा, मैन्युफैक्चरिंग, पावर और स्टील जैसे कोर सेक्टर्स को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया है। यह विजन नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के साथ विकास को गति देने का भी संकल्प लेता है।
छत्तीसगढ़ अंजोर विजन @2047 न केवल आर्थिक विकास, बल्कि सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण, युवा विकास और ग्रामीण क्षेत्रों के उत्थान पर भी केंद्रित है। यह दस्तावेज छत्तीसगढ़ को एक नवाचारशील और आत्मनिर्भर राज्य बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है, जो भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।