आगे बढ़ेगी देश की रफ्तारः विश्व बैंक का अनुमान
नई दिल्ली ( इंडिया सीएसआर) । वर्ल्ड बैंक ने भारत India की GDP को लेकर उत्साहजनक आंकड़े पेश किए। आंकड़े को जारी करते हुए विश्व बैंक World Bank ने यह भरोसा जताया है कि जारी वर्ष में भले ही Economy GDP ग्रोथ थोड़ी सुस्त रहेगी लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में विकास की रफ्तार (Speed of Development) में तेजी आएगी और भारत की ग्रोथ Growth अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा ही रहेगी।
विश्व बैंक ने कठिन वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारत India के राजकोषीय प्रबंध और महंगाई पर अंकुश लगाने की नीतियों Policy की प्रशंसा करते हुए मंगलवार 3 अक्टूबर को अनुमान जताया कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था Economy के सकल घरेलू उत्पाद Gross Domestic Products (जीडीपी) में 6.3% की वृद्धि होगी।
इंडिया डेवलपमेंट अपडेट
वर्ष 2022-23 में भारत के जीडीपी की वृद्धि 7.2 % थी और देश विश्व की सबसे तीव्र गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था Economy था। भारत के बारे में विश्व बैंक की यहां जारी ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट-अक्टूबर 2023′(भारत की परिस्थितियों की ताजा रिपोर्ट) शीर्षक रिपोर्ट में व्यक्त यह अनुमान छह माह पहले के उसके अनुमान के बराबर है।
रिपोर्ट में भारत में उपभोग और निवेश की मांग की स्थिति को मजबूत बताते हुए अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि दर 6.4 % तथा उसके बाद के वर्ष में यह 6.5 % तक जा सकती है। बैंक का अनुमान है कि भारत में आने वाले समय में मुद्रास्फीति का दबाव और कम होगा तथा यह भारत रिजर्व बैंक के लिए आसान माने जाने वाले 2-6 प्रतिशत के दायरे में रहेगी।
खुदरा मुद्रास्फीति
रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.9 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 4.7 % तथा उसके बाद के वर्ष में 4.1 % रहने का अनुमान है।
भारत में विश्वबैंक के स्थानीय निदेशक आगस्ते तानो कोउआमे ने यह रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, “आज दुनिया की स्थिति बहुत कठिन है। मुद्रास्फीति ऊँची है और ब्याज दरें चढ़ी हुई हैं, ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने कुछ समय तक चुनौतियां बनी रहेंगी।” उन्होंने कहा कि भारत ने 2047 तक विकसित देश Developed Nation बनने का लक्ष्य रखा है। देश के कुछ दीर्घकालिक लक्ष्य हैं और कुछ अल्पकालिक चुनौतियां हैं।
मजबूत आर्थिक वृद्धि
आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में कुछ समय से मुद्रास्फीति के ऊँचा रहने और मौद्रिक नीति की कठोरता के बावजूद देश की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है। भारत में निवेश Investment मजबूत बना हुआ है, राजकोषीय घाटा धीरे-धीरे कम हो रहा है और जीडीपी GDP के हिसाब से कर्ज का अनुपात कम हो रहा है।
निजी उपभोग मांग में वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में निजी उपभोग मांग में वृद्धि 5.9 %, सरकारी उपभोग में 4.1 %, सकल पूंजीगत निर्माण (निवेश) में 8.9 %, वस्तु एवं सेवा क्षेत्र के निर्यात में 0.9 % और आयात में तीन प्रतिशत की वृद्धि होगी। विश्व बैंक के अधिकारियों ने कहा कि भारत में निवेश में वृद्धि जीडीपी वृद्धि से ऊपर है जो अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेत है।
सकल स्थिर पूंजी निर्माण
रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान निवेश (सकल स्थिर पूंजी निर्माण) में 7.8 % तथा उसके अगले साल निवेश में वृद्धि 7.3 % रहेगी। इस तरह आगे वाले वर्षों में भी निवेश की गति जीडीपी वृद्धि से तेज रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष में निर्यात में 6.7 % और उसके बाद के वर्ष में 8.2 % की वृद्धि का अनुमान है। विश्व बैंक के अधिकारियों ने पिछले आम बजट को एक बहुत ही मजबूत बजट बताया और कहा कि इससे राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता झलकती है और आगामी चुनावों के कारण राजकोषीय घाटे के बढ़ने का कोई खतरा नहीं दिखता।
(India CSR)