रायपुर (इंडिया सीएसआर) । छत्तीसगढ़ सरकार का दो दशकों से प्रतीक्षित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रोजेक्ट अब आखिरकार साकार होता नजर आ रहा है। राज्य में आईटी हब (Chhattisgarh IT Hub) बनाने की यह योजना पहली बार वर्ष 2003 में प्रस्तावित की गई थी, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लंबे समय तक सफलता नहीं मिली थी।
आईटी हब का सपना और तैयारियां
छत्तीसगढ़ सरकार ने 2003 में राज्य में 450 एकड़ भूमि पर आईटी हब बनाने की योजना बनाई थी। इसके तहत सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन, निवेश क्षेत्रों का निर्माण, रेडी-टू-ऑक्युपाई इमारतों का निर्माण और विशेष आर्थिक क्षेत्र, आईटी निवेश क्षेत्र, तथा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना की तैयारी की थी। नया रायपुर, जो छत्तीसगढ़ की नई राजधानी के रूप में विकसित हो रही है, में यह सुविधाएं प्रदान की गईं। साथ ही, सरकार ने घोषणा की थी कि आईटी क्षेत्र में स्थापित इकाइयों को भूमि प्रीमियम का 80 प्रतिशत पुनःप्राप्त किया जाएगा।
बावजूद इसके, क्यों नहीं मिले निवेशक?
सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद आईटी हब के लिए खरीदार नहीं मिले। कई आईटी कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए, लेकिन इनमें से अधिकांश कंपनियां अपनी योजनाओं को लागू नहीं कर पाईं। इससे यह परियोजना लंबे समय तक अधूरी रही।
पहली आईटी कंपनी की शुरुआत
हाल ही में, हैदराबाद स्थित एक आईटी कंपनी ने नया रायपुर में अपना कार्यालय खोलकर राज्य के आईटी हब में नई ऊर्जा का संचार किया है। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने बताया, “यह इस परियोजना के तहत पहली स्थापना है।” यह कंपनी सॉफ्टवेयर और ऐप डेवलपमेंट में संलग्न है और नए कार्यालय में 1,500 से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान किया है।
नए निवेशकों का आगमन
वित्त मंत्री चौधरी ने बताया कि जल्द ही दो और कंपनियां नया रायपुर में अपने कार्यालय शुरू करेंगी। उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी आईटी कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है, और उम्मीद है कि 2025 तक राज्य में आईटी सेक्टर में बड़े निवेश होंगे।
विशेषज्ञों की राय
आईटी विशेषज्ञों का मानना है कि इस सरकारी पहल से परियोजना को तेजी मिल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार को बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करने के लिए टैक्स रियायतें, सब्सिडी वाली भूमि, और तेज़ी से कागजी कार्यवाही तथा परमिट प्रदान करने जैसी सुविधाएं देनी चाहिए। इसके साथ ही, राज्य में कुशल श्रमिकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करनी होगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सके।
अवरोधों को दूर करने का प्रयास
सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकार अब उन मुख्य समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिनके कारण पहले आईटी परियोजना में देरी हुई थी। स्थानीय विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सरकार अपनी नई रणनीतियों पर अमल करती है, तो यह परियोजना राज्य में आईटी उद्योग को बढ़ावा देगी और छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख आईटी हब के रूप में उभरने में मदद करेगी।
छत्तीसगढ़ का यह आईटी प्रोजेक्ट अब राज्य के विकास और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों का द्वार खोल रहा है।
(इंडिया सीएसआर)