पीएम मोदी ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों और हरित क्रांति के जनक को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान करने का ऐलान किया
नई दिल्ली: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) और पीवी नरसिम्हा राव (P.V. Narasimha Rao) को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने का ऐलान किया। इसके अलावा, कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामीनाथन (Dr. M.S. Swaminathan) को भी देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया जाएगा। पीएम मोदी ने इस बारे में ट्विटर पर जानकारी दी और इन व्यक्तियों के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की।
चौधरी चरण सिंह: किसानों के अधिकार और कल्याण के लिए जीवन समर्पित
पीएम मोदी ने चौधरी चरण सिंह के बारे में लिखा, “हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।” पीएम मोदी ने याद दिलाया कि चौधरी चरण सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और विधायक के रूप में भी राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे और लोकतंत्र की रक्षा की।
पीवी नरसिम्हा राव: आर्थिक उन्नति और वैश्विकीकरण के अग्रदूत
पीएम मोदी ने पीवी नरसिम्हा राव के बारे में लिखा, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री, श्री पीवी नरसिम्हा राव गरू को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में, नरसिम्हा राव गरू ने विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़े पैमाने पर सेवा की।” पीएम मोदी ने उनके आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, वैश्विक बाजारों के लिए भारत को खोल देने और विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनके योगदान की सराहना की।
एमएस स्वामीनाथन: हरित क्रांति के जनक और कृषि वैज्ञानिक
पीएम मोदी ने एमएस स्वामीनाथन के बारे में लिखा, “यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने में आगे बढ़ने के लिए, डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का नेतृत्व किया और विश्व कृषि अनुसंधान संस्थान (सीजीआईएआर) के सदस्य रहे। उन्होंने भारतीय कृषि को जैविक विविधता, जैव प्रौद्योगिकी और जैव सुरक्षा के क्षेत्रों में अग्रणी बनाया। उन्होंने भारत के किसानों को उच्च उत्पादकता वाले बीज, उर्वरक, सिंचाई, फसल सुरक्षा और संसाधन प्रबंधन के बारे में जागरूक और प्रशिक्षित किया।
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पीएम मोदी ने इन तीन व्यक्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लेने के लिए भारत रत्न प्रदान समिति का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उनके अनुकरणीय जीवन और उनके द्वारा देश के लिए किए गए अद्भुत कार्यों को प्रकाशित करेगा। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे इन व्यक्तियों के विचारों और दर्शनों को अपने जीवन में उतारें और भारत को एक विकासशील, समृद्ध और समावेशी राष्ट्र बनाने में योगदान दें।
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियों या राष्ट्रीय हितों के लिए दिया जाता है। इसका गठन 1954 में हुआ था और अब तक 48 व्यक्तियों को इससे सम्मानित किया जा चुका है। इस सम्मान के साथ एक पीले रंग का पट्टा, एक पीले रंग का पदक और एक सनद दी जाती है। इस सम्मान को प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।