रायगढ़ / रायपुर (इंडिया सीएसआर)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को रायपुर आये। बीजेपी कार्यालय में उनका कार्यक्रम और बैठक थी। इसकी जानकारी मिलने पर रायगढ़ निवासी शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के पिता – सुभाष त्रिपाठी एवं माता – आशा त्रिपाठी उनसे मिलने पहुंचे। बैठक संपन्न होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के माता-पिता से सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने शहीद के माता-पिता से लगभग 15 मिनट तक बात की, कुशलक्षेम पूछा। घटना क्रम की पूरी जानकारी ली।
जैसे ही अपना परिचय देते हुए सुभाष त्रिपाठी ने अपने शहीद बेटे एवं परिवार के बारे में बात करनी चाहिए माननीय मंत्री ने कहा कि इस घटना के बारे में की उन्हें पूरी जानकारी है।
गृहमंत्री द्वारा हर संभव कोशिश करके शहीद एवं शहीद परिवार को न्याय और सम्मान दिलाने के लिए प्रयास की बात कही गई। गृहमंत्री बातचीत के दौरान अत्यंत भावुक हो गए और सौहार्दपूर्वक शहीद के माता-पिता को भोजन ग्रहण करके ही जाने की भी बात कही।
सुभाष त्रिपाठी ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री से मिलकर उन्हें उम्मीद जगी है कि उनके देशभक्त शहीद सुपुत्र, पुत्रवधू और नाती की राष्ट्र के प्रति बलिदान को सम्मान मिलेगा।
सुभाष त्रिपाठी एवं आशा त्रिपाठी ने मुलाकात को सार्थक बताते हुए इंडिया सीएसआर को बताया कि कहा – अमित शाह जी ने दो साल की हमारी पीड़ा को काफी हद तक कम कर दिया।
शहीद के माता-पिता ने केंद्रीय गृह मंत्री इस बात से भी अवगत कराया कि स्वयं मंत्री महोदय द्वारा घटना के उपरान्त पत्र द्वारा अपनी श्रद्धांजलि और शोक संदेश प्रेषित किया गया था।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलवाने में सुनील रामदास की प्रमुख भूमिका
रायगढ़ जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी और रामदास द्रौपदी फाउंडेशन के चेयरमैन सुनील रामदास एक दिन पूर्व ही सुभाष त्रिपाठी से कुशलक्षेम जानने उनके निवास गए थे। बातचीत के दौरान सुभाष त्रिपाठी एवं आशा त्रिपाठी ने बलिदानी कर्नल विप्लव के परिवार सहित बलिदान की उपेक्षा की जानकारी दी।
सुनील रामदास ने इस बात को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हुए, पहल करके शहीद परिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के रायपुर प्रवास के दौरान मिलवाने में प्रमुख भूमिका निभाई। मुलाकात के दौरान विप्लव के मामा रायगढ़ जिला अमेचर कबड्डी संघ के सचिव राजेश पटनायक एवं रायगढ़ नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष शीला तिवारी भी साथ में थी।
क्या हुआ था शहीद विप्लव के साथ?
सपरिवार शहीद हुए थे रायगढ़ के कर्नल विप्लव त्रिपाठी
देशभक्त, कर्तव्यनिष्ठ एवं वीर अधिकारी कर्नल विप्लव त्रिपाठी कमांडेंट (41 वर्ष) 46 वीं बटालियन, असम राइफल्स में पदस्थ थे। 13 नवंबर 2021 को मणिपुर राज्य के चुराचांदपुर जिले में पोस्ट के निरीक्षण करके लौटते समय आतंकी अलगाववादियों ने कर्नल विप्लव के काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया था, जिससे कर्नल की पत्नी अनुजा (36 वर्ष) और पुत्र अबीर (7 वर्ष) सहित चार जवानों ने आतंकियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया और वीरगति को प्राप्त हुए थे।
आखिर मिलने की वजह क्या थी?
शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के माता-पिता द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से आखिर मिलने की मुख्य वजह क्या थी, इसे जानना बहुत जरूरी है। यह बहुत ही निराश करने वाली बात है कि जिस देशभक्त ने भारत माता की आन-बान-शान की रक्षा के लिए अपने तथा अपने पूरे परिवार को न्योछावर कर दिया, ऐसे कर्तव्यनिष्ठ बलिदान को अब तक कोई सम्मान नहीं मिला है।
केंद्र सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार और सेना द्वारा कर्नल विप्लव त्रिपाठी के बलिदान की पूरी तरह अनदेखी की गई है तथा अब तक उनके सम्मान आदि के कोई भी पहल नहीं की गई है। शहीद के माता-पिता को इन्हीं बातों की पीड़ा है। अपनी इसी पीड़ा भावना को लेकर प्रसिद्ध पत्रकार एवं कर्नल विप्लव त्रिपाठी के पिता सुभाष त्रिपाठी एवं माता – समाज सेविका आशा त्रिपाठी उनसे मिलने पहुंचे थे।
त्रिपाठी परिवार इतना महत्वपूर्ण क्यों ?
रायगढ़, छत्तीसगढ़ में त्रिपाठी परिवार अत्यंत प्रतिष्ठित है। पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी भारत के संविधान निर्मात्री सभा के अत्यंत प्रतिष्ठित सदस्य थे और जाने-माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी सुभाष त्रिपाठी के पिता एवं विप्लव त्रिपाठी के दादा थे। विप्लव जब 14 वर्ष के थे, वर्ष 1994 में पं. किशोरी मोहन त्रिपाठी का स्वर्गवास हो गया। विप्लव को अपने देशभक्त दादा से बहुत लगाव था। देश की सेवा करने की प्रेरणा उन्हें अपने दादा से मिली थी।
विप्लव त्रिपाठी की माँ आशा त्रिपाठी ने इंडिया सीएसआर से बातचीत करते हुए बताया कि विप्लव 2003 में लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना अंतर्गत 2 – कुमाऊं रेजिमेंट में शामिल हुए थे। 20 मई 1981 को जन्मे विप्लव प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करके सैनिक स्कूल रीवा, मध्य प्रदेश में पढ़ने गए। स्कूली शिक्षा के बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी तथा भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में प्रवेश मिला। पिता सुभाष त्रिपाठी रायगढ़ के प्राचीन अखबार दैनिक बयार के संपादक हैं। माता आशा त्रिपाठी रायगढ़ के शासकीय कन्या महाविद्यालय से सेवानिवृत्त लाइब्रेरियन है। विप्लव के छोटे भाई भी कर्नल हैं। इस तरह पूरा त्रिपाठी परिवार राष्ट्र की सेवा में समर्पित है।
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रायगढ़ / रायपुर (इंडिया सीएसआर)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को रायपुर आये। बीजेपी कार्यालय में उनका कार्यक्रम और बैठक थी। इसकी जानकारी मिलने पर रायगढ़ निवासी शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के पिता – सुभाष त्रिपाठी एवं माता – आशा त्रिपाठी उनसे मिलने पहुंचे। बैठक संपन्न होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के माता-पिता से सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने शहीद के माता-पिता से लगभग 15 मिनट तक बात की, कुशलक्षेम पूछा। घटना क्रम की पूरी जानकारी ली।
जैसे ही अपना परिचय देते हुए सुभाष त्रिपाठी ने अपने शहीद बेटे एवं परिवार के बारे में बात करनी चाहिए माननीय मंत्री ने कहा कि इस घटना के बारे में की उन्हें पूरी जानकारी है।
गृहमंत्री द्वारा हर संभव कोशिश करके शहीद एवं शहीद परिवार को न्याय और सम्मान दिलाने के लिए प्रयास की बात कही गई। गृहमंत्री बातचीत के दौरान अत्यंत भावुक हो गए और सौहार्दपूर्वक शहीद के माता-पिता को भोजन ग्रहण करके ही जाने की भी बात कही।
सुभाष त्रिपाठी ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री से मिलकर उन्हें उम्मीद जगी है कि उनके देशभक्त शहीद सुपुत्र, पुत्रवधू और नाती की राष्ट्र के प्रति बलिदान को सम्मान मिलेगा।
सुभाष त्रिपाठी एवं आशा त्रिपाठी ने मुलाकात को सार्थक बताते हुए इंडिया सीएसआर को बताया कि कहा – अमित शाह जी ने दो साल की हमारी पीड़ा को काफी हद तक कम कर दिया।
शहीद के माता-पिता ने केंद्रीय गृह मंत्री इस बात से भी अवगत कराया कि स्वयं मंत्री महोदय द्वारा घटना के उपरान्त पत्र द्वारा अपनी श्रद्धांजलि और शोक संदेश प्रेषित किया गया था।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलवाने में सुनील रामदास की प्रमुख भूमिका
रायगढ़ जिले के प्रसिद्ध समाजसेवी और रामदास द्रौपदी फाउंडेशन के चेयरमैन सुनील रामदास एक दिन पूर्व ही सुभाष त्रिपाठी से कुशलक्षेम जानने उनके निवास गए थे। बातचीत के दौरान सुभाष त्रिपाठी एवं आशा त्रिपाठी ने बलिदानी कर्नल विप्लव के परिवार सहित बलिदान की उपेक्षा की जानकारी दी।
सुनील रामदास ने इस बात को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हुए, पहल करके शहीद परिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के रायपुर प्रवास के दौरान मिलवाने में प्रमुख भूमिका निभाई। मुलाकात के दौरान विप्लव के मामा रायगढ़ जिला अमेचर कबड्डी संघ के सचिव राजेश पटनायक एवं रायगढ़ नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष शीला तिवारी भी साथ में थी।
क्या हुआ था शहीद विप्लव के साथ?
सपरिवार शहीद हुए थे रायगढ़ के कर्नल विप्लव त्रिपाठी
देशभक्त, कर्तव्यनिष्ठ एवं वीर अधिकारी कर्नल विप्लव त्रिपाठी कमांडेंट (41 वर्ष) 46 वीं बटालियन, असम राइफल्स में पदस्थ थे। 13 नवंबर 2021 को मणिपुर राज्य के चुराचांदपुर जिले में पोस्ट के निरीक्षण करके लौटते समय आतंकी अलगाववादियों ने कर्नल विप्लव के काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया था, जिससे कर्नल की पत्नी अनुजा (36 वर्ष) और पुत्र अबीर (7 वर्ष) सहित चार जवानों ने आतंकियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया और वीरगति को प्राप्त हुए थे।
आखिर मिलने की वजह क्या थी?
शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के माता-पिता द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से आखिर मिलने की मुख्य वजह क्या थी, इसे जानना बहुत जरूरी है। यह बहुत ही निराश करने वाली बात है कि जिस देशभक्त ने भारत माता की आन-बान-शान की रक्षा के लिए अपने तथा अपने पूरे परिवार को न्योछावर कर दिया, ऐसे कर्तव्यनिष्ठ बलिदान को अब तक कोई सम्मान नहीं मिला है।
केंद्र सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार और सेना द्वारा कर्नल विप्लव त्रिपाठी के बलिदान की पूरी तरह अनदेखी की गई है तथा अब तक उनके सम्मान आदि के कोई भी पहल नहीं की गई है। शहीद के माता-पिता को इन्हीं बातों की पीड़ा है। अपनी इसी पीड़ा भावना को लेकर प्रसिद्ध पत्रकार एवं कर्नल विप्लव त्रिपाठी के पिता सुभाष त्रिपाठी एवं माता – समाज सेविका आशा त्रिपाठी उनसे मिलने पहुंचे थे।
त्रिपाठी परिवार इतना महत्वपूर्ण क्यों ?
रायगढ़, छत्तीसगढ़ में त्रिपाठी परिवार अत्यंत प्रतिष्ठित है। पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी भारत के संविधान निर्मात्री सभा के अत्यंत प्रतिष्ठित सदस्य थे और जाने-माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी सुभाष त्रिपाठी के पिता एवं विप्लव त्रिपाठी के दादा थे। विप्लव जब 14 वर्ष के थे, वर्ष 1994 में पं. किशोरी मोहन त्रिपाठी का स्वर्गवास हो गया। विप्लव को अपने देशभक्त दादा से बहुत लगाव था। देश की सेवा करने की प्रेरणा उन्हें अपने दादा से मिली थी।
विप्लव त्रिपाठी की माँ आशा त्रिपाठी ने इंडिया सीएसआर से बातचीत करते हुए बताया कि विप्लव 2003 में लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना अंतर्गत 2 – कुमाऊं रेजिमेंट में शामिल हुए थे। 20 मई 1981 को जन्मे विप्लव प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करके सैनिक स्कूल रीवा, मध्य प्रदेश में पढ़ने गए। स्कूली शिक्षा के बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी तथा भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में प्रवेश मिला। पिता सुभाष त्रिपाठी रायगढ़ के प्राचीन अखबार दैनिक बयार के संपादक हैं। माता आशा त्रिपाठी रायगढ़ के शासकीय कन्या महाविद्यालय से सेवानिवृत्त लाइब्रेरियन है। विप्लव के छोटे भाई भी कर्नल हैं। इस तरह पूरा त्रिपाठी परिवार राष्ट्र की सेवा में समर्पित है।
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