उदयपुर। भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक वेदांता की हिन्दुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) ने अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के सहयोग से राजसमंद में 31 नंद घरों के उद्घाटन के साथ राजस्थान की आंगनवाड़ी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राजसमंद के रेलमगरा ब्लॉक के मदारा नंद घर में आयोजित समारोह में नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड, राजसमंद सांसद श्रीमती महिमा कुमारी मेवाड़ एवं हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने आधुनकि आंगनवाडियों नंद घर, का उद्घाटन किया। इस अवसर पर वेदांता हिन्दुस्तान जिंक की हेड सीएसआर अनुपम निधि, राजपुरा दरीबा काॅम्प्लेक्स के सीईओ बलवंत सिंह राठौड एवं प्रबुद्धजन कल्याण सिंह शक्तावत उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय के सदस्यं, जिला प्रशासन, नंद घर टीम और हिन्दुस्तान जिंक के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान, श्रीमती महिमा कुमारी मेवाड़ और विश्वराज सिंह मेवाड़ ने राजस्थान की आंगनवाड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने हेतु प्रतिबद्धता के लिए हिन्दुस्तान जिंक एवं अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की सराहना की।
नंद घर वेदांता की प्रमुख सामुदायिक पहल है, जिसे भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की साझेदारी में अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के तत्वावधान में विकसित किया गया है। ये आधुनिक आंगनवाड़ी पोषण कार्यक्रम, डिजिटल प्रारंभिक बचपन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और महिला सशक्तिकरण गतिविधियों के माध्यम से विकास के अवसर प्रदान करती हैं। रेलमगरा और खमनोर ब्लॉक में स्थित नवनिर्मित नंद घरों का उद्देश्य बच्चों और महिलाओं के समग्र विकास को बढ़ावा देकर ग्रामीण समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाना है।
उद्घाटन के अवसर पर राजसमंद सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने कहा कि, “बच्चे और महिलाओं का विकास हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इन नंद घरों का उद्घाटन राजस्थान सरकार, वेदांता, हिन्दुस्तान जिंक और अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के बुनियादी स्तर पर बच्चों और महिलाओं के पोषण के साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है जो कि सराहनीय है। मैं इस परिवर्तनकारी परियोजना से जुड़े सभी लोगों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं।” नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा, “राजस्थान का भविष्य यहां के बच्चों और महिलाओं के विकास में निहित है। हम राज्य के आंगनवाड़ी केंद्रों में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए वेदांता और हिन्दुस्तान जिंक के प्रयास अनुकरणीय हैं। नंद घर पहल जिले भर में समग्र विकास केंद्र बनाएगी, जो विशेष रूप से बच्चों में कुपोषण को दूर करने और नई पीढ़ी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे हमारे समुदायों की भलाई और विकास सुनिश्चित होगा।”
उद्घाटन के दौरान हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्यकार्यकारी अधिकार अरुण मिश्रा ने कहा कि, “हिन्दुस्तान जिंक वेदांता, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के साथ मिलकर, हम राजस्थान की भावी पीढ़ी, यहां के बच्चों को पोषित कर इनके उज्जवल भविष्य निर्माण हेतु समर्पित हैं। नंद घर पहल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सतत विकास के अवसरों के माध्यम से बच्चों और महिलाओं को सशक्त बनाकर ग्रामीण समुदायों को बदलने के हमारे दृष्टिकोण का प्रतीक है। साथ मिलकर, हम एक समावेशी और समृद्ध कल की नींव रख रहे हैं।”
यह मील का पत्थर 2024 में फाउंडेशन की उपलब्धियों पर आधारित है, जिसके दौरान राजस्थान के छह जिलों में 550 से अधिक नंद घर स्थापित किए गए। अब तक 15 जिलों में लगभग 3,500 नंद घर प्रदेश के बाल विकास में योगदान दे रहे है। राष्ट्रीय स्तर पर, नंद घर पहल ने 15 राज्यों में 6,600 से अधिक आंगनवाड़ियों का आधुनिकीकरण किया है, जिसका 2 लाख 60 हजार से अधिक बच्चों और 1,90,000 महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ई-लर्निंग टूल्स, सौर ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवाओं से लैस नंद घर ग्रामीण सामुदायिक विकास के लिए एक नया मानदंड स्थापित कर रहे हैं, जो भारत में सतत विकास और सामाजिक परिवर्तन के लिए वेदांता और हिन्दुस्तान जिंक की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं। पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा से परे, हिन्दुस्तान जिंक का सामाजिक प्रभाव शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, महिला सशक्तिकरण, जल और स्वच्छता, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे में सुधार को शामिल करता है। पेयजल, शिक्षा संबल, जीवन तरंग, ऊंची उड़ान, जिंक फुटबॉल अकादमी, सखी और समाधान जैसे प्रमुख कार्यक्रमों ने 3,700 गांवों में लगभग 20 लाख लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। डिजिटल साक्षरता, छात्रवृत्ति, स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने वाली पहलों के साथ, हिन्दुस्तान जिंक अपने परिचालन क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त कर रहा है।
इसे अंग्रेजी में भी पढ़ें: Vedanta’s Hindustan Zinc Inaugurates 31 Modernized Nand Ghars in Rajasthan
(इंडिया सीएसआर)