बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में हाथियों की करंट से हो रही मौतों के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। रायगढ़ जिले के घरघोड़ा वन परिक्षेत्र और अचानकमार टाइगर रिजर्व में हाथियों की करंट लगने से हुई मौतों पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने इस घटना को जनहित याचिका मानकर सुनवाई की शुरुआत की है।
ऊर्जा विभाग और विद्युत वितरण कंपनी को नोटिस
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के ऊर्जा विभाग के सचिव और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूछा है कि इन घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।
धरमजयगढ़ में करंट से मरे थे 3 हाथी
हाल ही में धरमजयगढ़ क्षेत्र में बिजली के करंट की चपेट में आने से तीन हाथियों की मौत हो गई थी। इसके कुछ दिनों बाद अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में भी एक हाथी के शावक की लाश मिली, जिसमें बिजली करंट से मौत की बात सामने आई। इन घटनाओं पर मीडिया में आई रिपोर्ट्स के बाद हाईकोर्ट ने इन मामलों पर गंभीरता दिखाते हुए जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई शुरू की है।
वन्य जीव प्रेमी ने हस्तक्षेप याचिका दाखिल की
रायपुर के वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने भी जनहित याचिका में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। याचिका में बताया गया कि बिलासपुर वन मंडल में एक नवंबर को बिजली करंट से एक हाथी शावक की मौत हो गई थी। इसके अलावा, 9 अक्टूबर को कांकेर में बिजली तार टूटने से तीन भालुओं की मौत हो गई थी।
शिकार के लिए बिछाए गए तार से अन्य घटनाएं
याचिका में बताया गया कि शिकार के उद्देश्य से बिछाए गए बिजली तारों की वजह से कोरबा में 15 अक्टूबर को दो लोगों की और 21 अक्टूबर को अंबिकापुर के बसंतपुर जंगल में एक व्यक्ति की मौत हुई थी। हाईकोर्ट ने इन घटनाओं को भी संज्ञान में लेते हुए संबंधित पक्षकारों को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट का सख्त रुख
हाईकोर्ट ने वन्य प्राणियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार और संबंधित विभागों से ठोस कदम उठाने की अपेक्षा की है। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है कि जंगल क्षेत्रों में बिजली लाइन की व्यवस्था सुधारने और सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है।