सिविल सर्जन डॉ. गंगेश से पूछा गया कि उन्होंने किस नियम के तहत जेम से टेंडर निकाला, तो उन्होंने नियम की जानकारी नहीं होने की बात कही। साथ ही ये भी कहा कि यदि आपके पास शासन का नियम है तो मुझे भेज दें।
पंकज भदौरिया/दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में खनिज न्यास निधी डीएमएफ और सीएसआर दोनों महत्वपूर्ण मदों का दुरुपयोग कर करोड़ों का टेंडर नियम विरुद्ध स्वास्थ्य उपकरण खरीदने का मामला सामने आया है। सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से डीएमएफ और सीएसआर मद के तहत कराए जा रहे कार्यों में खुले आम जिले में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
सीएस को नियम की जानकारी नहीं
इस संबंध में जब सिविल सर्जन डॉ. गंगेश से पूछा गया कि उन्होंने किस नियम के तहत जेम से टेंडर निकाला, तो उन्होंने नियम की जानकारी नहीं होने की बात कही। साथ ही ये भी कहा कि यदि आपके पास शासन का नियम है तो मुझे भेज दें। हालांकि इस प्रश्न के बाद पूरे विभाग के हाथ पांव फूल गए और जिला अस्पताल का पूरा अमला घंटों शासन के नियम ढूंढने में लगा रहा। खबर लिखे जाने तक डॉ. गंगेश ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। अब देखना होगा की जिला अस्पताल इन उपकरणों की खरीदी नियम विरुद्ध करेगा या टेंडर निरस्त कर शासन के नियमों का पालन करते नई प्रक्रिया के तहत खरीदी की जाएगी।
अत्याधुनिक मशीनें अस्पताल में पहले से ही उपलब्ध
दरअसल मामला दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में फिर से स्वास्थ्य उपकरण और अन्य सामग्री खरीदी का है। अस्पताल में शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाते सिविल सर्जन की ओर से जेम के तहत टेंडर जारी कर दिया गया है, जबकि शासन की ओर से अप्रैल 202 में ही सभी विभागों को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करते जेम के तहत सामग्री क्रय नहीं करने का आदेश जारी किया था। लेकिन दंतेवाड़ा सिविल सर्जन डॉ. गंगेश ने शासन के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए करीब दो करोड़ के उपकरण खरीदी के लिए जेम के तहत निविदा आमंत्रित की है। इसमें डिजिटल एक्सरे मशीन, ईसीजी मशीन, डेफेब्रिलेटर और एचएफएनसी मशीन शामिल है। वहीं विभागीय सूत्रों की माने तो इनमें से ज्यादातर अत्याधुनिक मशीनें अस्पताल में पहले से ही उपलब्ध हैं और टेंडर में इनका रेट कई गुना बढ़ा दिया गया है। मतलब किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने पहले तो शासन के नियमों का धज्जियां उड़ाते जेम के तहत टेंडर कॉल किया गया और फिर शासन को चूना लगाने उपकरणों का रेट कई गुना बढ़ा दिया गया।
सदन में गूंजा था मामला
जेम के तहत नियम विरुद्ध करीब 2 सौ करोड़ रुपए की खरीदी का मामला सदन में गूंजा था। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि मार्च 202 के बाद प्रतिबंध लगाने के बाद भी प्रदेश में करीब 2 सौ करोड़ रुपए से अधिक जेम के लेकर भाजपा ने सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव भी लाया था।
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