मुंबई । इंडिया सीएसआर हिंदी समाचार । देश के भीतर बने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग के बारे में आम जनता में भारी जागरूकता देखी जा रही है। खादी एक लोकप्रिय उत्पाद बनकर उभरा है। इसकी बिक्री बड़ी तेजी से बढ़ रही है। खादी की बिक्री महानगरों में भी बड़ी तेजी से बढ़ रही है। ग्रामीण समुदाय में भी खादी के बने उत्पादों को आत्मसात किया जा रहा है। खादी की बिक्री बढ़ाकर इसे लोकप्रिय बनाने में खादी और ग्रामोद्योग आयोग विशिष्ट भूमिका निभा रहा है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक माह तक चलने वाला खादी उत्सव 2023 मनाया जा रहा है।
इसके अंतर्गत खादी और ग्रामोद्योग आयोग के मुंबई स्थित मुख्यालय में बिक्री को बढ़ाने के लिए प्रदर्शनी लगाई गई है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार द्वारा 27 जनवरी को इसका उद्घाटन किया गया। खादी उत्सव 24 फरवरी तक जारी रहेगा। मुंबई में जारी इस खादी उत्सव में, खादी एवं ग्रामोद्योग संस्थान तथा खादी और ग्रामोद्योग आयोग से संबद्ध देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाली पीएमईजीपी इकाइयां अपने उत्पादों को प्रदर्शन व बिक्री के लिए प्रदर्शित कर रही हैं।
खादी एवं स्वदेशी उत्पादों की श्रृंखला
इनमें सूती खादी के अलावा खादी सिल्क, पश्मीना, पॉली वस्त्रा, पटोला सिल्क, कलमकारी साड़ी, कांजीवरम सिल्क, हल्के भार वाली सॉफ्ट सिल्क साड़ी, टसर सिल्क, फुलकारी ड्रेस सामग्री और खादी के कपड़े से बने अन्य आकर्षक परिधान, मधुबनी प्रिंट, सूखे मेवे, चाय, कहवा, सौंदर्य के हर्बल व आयुर्वेदिक उत्पाद, शहद पदार्थ, हस्त कागज उत्पाद, गृह सज्जा उत्पाद, बांस उत्पाद, कालीन, एलोवेरा उत्पाद, चमड़े के उत्पाद तथा कई अन्य खादी और ग्रामोद्योग उत्पाद उपलब्ध हैं।
सतत आजीविका के अवसर
खादी और ग्रामोद्योग आयोग को सबसे पिछड़े ग्रामीण समुदाय तथा गरीब लोगों को सतत आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। खादी उत्सव जैसे कार्यक्रम और प्रदर्शनियां खादी संस्थानों, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और पारंपरिक उद्योगों के उन्नयन एवं पुनर्निर्माण के लिए कोष की योजना जैसी उपयोगी पहल तथा स्फूर्ति के अंतर्गत हजारों कारीगरों के उत्पादों को सीधे ग्राहकों के हाथों में बेचने के लिए मंच प्रदान किया जा रहा है।
राजनीतिक इच्छा शक्ति की भूमिका
देश के अन्य हिस्सों के साथ-साथ विदेशों में भी इस तरह के बिक्री पहल को बड़ी संख्या में आयोजित करने की योजना पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की जनता से खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को खरीदने के आह्वान के बाद खादी की बिक्री में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी देखी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण “वोकल फॉर लोकल एंड लोकल टू ग्लोबल” वाले स्वप्न को वास्तव में पूरा करने में ऐसी परियोजनाओं का अमूल्य योगदान रहेगा।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अधिकारियों व कर्मचारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब जनों के उत्थान की जिम्मेदारी निभाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
खादी उत्पादों की बिक्री में रिकार्ड वृद्धि
नवंबर माह में दिल्ली में आयोजित आईआईटीएफ-2022 में अब तक की सर्वाधिक 12 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री हुई है। यह आयोग के सक्रिय कर्मचारियों की मेहनत जीता जागता उदाहरण है।
2022 में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर खादी इंडिया के दिल्ली विक्रय केंद्र ने एक बार फिर एक ही दिन में 1.34 करोड़ रुपये की खादी उत्पाद बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाया था। यहाँ यह बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 2021-22 में खादी और ग्रामोद्योग से निर्मित उत्पादों की रिकॉर्ड एक लाख पंद्रह हजार करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी। अक्टूबर के महीने में आयोजित खादी उत्सव-2022 में 3.03 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई थी।
खादी उत्पादों की उपयोगिता के बारे में व्यापक प्रचार
खादी को स्वीकार्यता मिले इसके लिए खादी उत्सवों और खादी उत्पादों की उपयोगिता के बारे में व्यापक प्रचार करने की आवश्यकता है। देश के गरीब सूत कातने वालों, बुनकरों, महिलाओं एवं कारीगरों के लिए सम्मानजनक तरीके से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खादी और ग्रामोद्योग से उत्पादित वस्तुओं की खरीदारी करने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।।
बुनकरों का सम्मान
यह अत्यंत सुखद बात है कि नगालैंड की खादी बुनकर सुश्री निहुनुओ सोरही को पद्म श्री पुरस्कार और संत कबीर पुरस्कार दिया गया है। केरल के अनुभवी खादी बुनकर श्री वी पी अप्पुकुट्टन पोडुवल को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।
( कापीराइट – इंडिया सीएसआर)