हिन्दुस्तान ज़िंक की कार्य संस्कृति में सुरक्षा एक अटूट पहलू है और इसी पहलू का विस्तार करते हुए कंपनी ने अपनी रामपुरा अगुचा खदान में भारत का पहला अंडरग्राउंड फर्स्ट एड एवं ऐम्बुलेंस सेंटर स्थापित किया है।
यह अंडरग्राउंड फर्स्ट एड एवं ऐम्बुलेंस सेंटर फ्रैश एयर बेस से युक्त है जिसे विशेषतौर पर जमीन के भीतर स्थित खदान के लिए बनाया गया है।
यहां एक बचाव दल तैनात किया गया है जिसकी अगुआई के लिए योग्य चिकित्सा पेशेवर एवं बचाव प्रमुख की नियुक्ति की गई है।
अपनी किस्म की यह पहली ज़मीन के भीतर स्थित बचाव एवं उपचार व्यवस्था 24 घंटे कार्यरत रहेगी और यहां पर समर्पित बचाव एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती रहेगी। इस अंडरग्राउंड माइन स्टेशन में एक समर्पित आपातस्थिति वाहन भी है जो एईडी, ईसीजी और रिवाइविंग अपैरेटस से युक्त है।
इस स्टेशन में आराम के लिए वातानुकूलित सुविधा भी है और साथ में पोर्टेबल आॅक्सीजन सिलिंडर व सैलाइन बोतलें, बीपी माॅनिटरिंग इंस्ट्रूमेंट, डिहाइड्रेशन मैज़रिंग इंस्ट्रूमेंट व पल्स आॅक्सीमीटर भी हैं जिन्हें आपातस्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है।
माइन रेस्क्यू रूल 1985 (रूल 27) के अनुसार आपातस्थिति में फ्रैश एयर बेस पर पैरामेडिकल स्टाफ के साथ एक रेस्क्यू टीम होनी चाहिए। हिन्दुस्तान ज़िंक ने अंडरग्राउंड फर्स्ट एड व ऐम्बुलेंस सेंटर स्थापित कर के इन नियमों के अनुपालन में एक अतिरिक्त कदम आगे की ओर बढ़ाया है।
यह सेंटर और ऐम्बुलेंस रेस्क्यू टीम के रिस्पाँस टाईम को तीव्र करेंगे जिससे की आपातस्थिति में तत्परता से कार्यवाही की जा सके।