Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन, भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक, इस साल 9 अगस्त 2025 को पूरे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाएगा। यह पवित्र पर्व, जो श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को पड़ता है, लाखों परिवारों को एकजुट करता है, जहां बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। इस बार चार साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है कि रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं होगा, जिससे राखी बांधने का मुहूर्त और भी शुभ हो गया है। यह त्योहार न केवल पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति में प्रेम और कर्तव्य की गहरी भावना को भी दर्शाता है। इस लेख में हम रक्षाबंधन 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, और सांस्कृतिक महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें नवीनतम ज्योतिषीय जानकारी और विशेषज्ञों के विचार शामिल हैं।
रक्षाबंधन का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
रक्षाबंधन का पर्व भारतीय संस्कृति में गहरे तक समाया हुआ है, जो भाई-बहन के रिश्ते को पवित्र और अटूट बंधन के रूप में स्थापित करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब श्रीकृष्ण की उंगली शस्त्र से कट गई थी, तब द्रौपदी ने अपने आंचल का टुकड़ा बांधकर उनकी रक्षा की थी। बदले में, श्रीकृष्ण ने चीरहरण के दौरान द्रौपदी की लज्जा की रक्षा की। हिंदुस्तान टाइम्स के एक लेख के अनुसार, यह घटना रक्षासूत्र की परंपरा की शुरुआत मानी जाती है। प्राचीन काल में ब्राह्मण अपने यजमानों को रक्षासूत्र बांधकर उनकी मंगलकामना करते थे, और यह दिन यजुर्वेद का पाठ शुरू करने के लिए भी शुभ माना जाता था।
आज, रक्षाबंधन भारत के साथ-साथ नेपाल, मॉरीशस, फिजी, और विश्व भर में बसे भारतीय समुदायों में उत्साह से मनाया जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने हाल ही में बताया कि यह पर्व सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है, जहां विभिन्न समुदाय एक-दूसरे को राखी बांधकर प्रेम और विश्वास का संदेश देते हैं। X पर ट्रेंडिंग पोस्ट्स में लोग राखी की तैयारियों, जैसे घर में बनी मिठाइयों और अनोखी राखियों की तस्वीरें साझा कर रहे हैं, जो इस त्योहार की लोकप्रियता को दर्शाता है।
Table: रक्षाबंधन 2025 मुख्य जानकारियाँ
तथ्य | विवरण |
---|---|
तिथि | 9 अगस्त 2025 (शनिवार) |
राखी बांधने का मुहूर्त | सुबह 5:47 से दोपहर 1:24 तक (कुल 7 घंटे 37 मिनट) |
भद्रा काल | 8 अगस्त दोपहर 2:12 से 9 अगस्त तड़के 1:52 तक (रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं) |
मुख्य शुभ योग | ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग |
पूर्णिमा तिथि | 8 अगस्त 2:12 PM से 9 अगस्त 1:24 PM तक |
पूजन विधि मुख्य बिंदु | तिलक, रक्षासूत्र, आरती, मिठाई, आशीर्वाद |
महत्वपूर्ण सामग्री | रोली, अक्षत, चंदन, मिठाई, घी का दीपक, रक्षासूत्र |
पौराणिक संदर्भ | श्रीकृष्ण-द्रौपदी प्रसंग, यजुर्वेद पाठ की परंपरा |
प्रभावित राशियाँ | कर्क, सिंह, धनु (विशेष शुभ प्रभाव) |
समाज में प्रभाव | सामाजिक एकता, वैश्विक भारतीय समुदायों में उत्सव |
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन 2025 के लिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इसकी अवधि 7 घंटे 37 मिनट की होगी, जो बहनों को अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने के लिए पर्याप्त समय देता है। आज तक के पंचांग विशेषज्ञों के अनुसार, यह मुहूर्त पूर्णिमा तिथि और शुभ योगों के संयोजन के कारण विशेष रूप से मंगलकारी है। इस समय राखी बांधने से भाई-बहन का बंधन और मजबूत होता है, और परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। यह मुहूर्त उन लोगों के लिए भी उपयुक्त है जो पारंपरिक अनुष्ठानों का पालन करते हुए राखी बांधना चाहते हैं।

भद्रा का साया नहीं: एक दुर्लभ संयोग
रक्षाबंधन पर भद्रा काल का प्रभाव आमतौर पर शुभ कार्यों को प्रभावित करता है, क्योंकि हिंदू शास्त्रों में इस समय राखी बांधना वर्जित माना जाता है। लेकिन इस बार, चार साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। दैनिक भास्कर के ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, भद्रा 8 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी और 9 अगस्त को तड़के 1 बजकर 52 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसके बाद राखी बांधने का शुभ समय शुरू होगा, जो इस पर्व को और भी विशेष बनाता है। यह दुर्लभ संयोग भक्तों के लिए खुशी का अवसर है, क्योंकि वे बिना किसी अशुभ प्रभाव के राखी बांध सकते हैं।
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शुभ योग: रक्षाबंधन को बनाएंगे खास
रक्षाबंधन 2025 पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन को और मंगलकारी बनाते हैं। नवभारत टाइम्स के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, निम्नलिखित योग इस पर्व पर प्रभावी होंगे:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 22 मिनट से 5 बजकर 02 मिनट तक, जो पूजा, ध्यान, और शुभ कार्यों के लिए आदर्श है।
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक, जो सभी शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त माना जाता है।
- सौभाग्य मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 08 मिनट से 10 अगस्त तड़के 2 बजकर 15 मिनट तक, जो परिवार की समृद्धि और सुख के लिए लाभकारी है।
- सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर 2 बजकर 23 मिनट तक, जो कार्यों की सिद्धि और सफलता का प्रतीक है।
ये शुभ योग राखी बांधने और पूजा करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करते हैं, जिससे भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम, विश्वास, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जागरण ने बताया कि ये योग न केवल राखी बांधने के लिए, बल्कि नई शुरुआत, जैसे शिक्षा या व्यवसाय, के लिए भी शुभ हैं।
रक्षाबंधन की तिथि और पंचांग
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण शुक्ल पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर, रक्षाबंधन 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। हिंदुस्तान के पंचांग विशेषज्ञों के अनुसार, यह तिथि सावन मास की अंतिम पूर्णिमा के साथ संयुक्त होने के कारण विशेष महत्व रखती है। इस दिन वेदपाठी ब्राह्मण यजुर्वेद का पाठ शुरू करते हैं, और शिक्षा, ज्ञान, या नए कार्यों की शुरुआत के लिए यह समय शुभ माना जाता है।

रक्षाबंधन की पूजन विधि
रक्षाबंधन की पूजा एक भावनात्मक और पवित्र अनुष्ठान है, जो भाई-बहन के बंधन को और मजबूत करता है। दैनिक भास्कर के अनुसार, पूजा की विधि इस प्रकार है:
- पूजा की तैयारी: बहनें एक थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र, मिठाई, और घी का दीपक सजाएं।
- भगवान को अर्पण: सबसे पहले रक्षासूत्र और पूजा की थाली भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, या कुलदेवता को समर्पित करें।
- भाई की पूजा: भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठाएं। उनकी दाहिनी कलाई पर तिलक लगाएं, रक्षासूत्र बांधें, और आरती करें।
- मंगलकामना: भाई को मिठाई खिलाएं और उनके दीर्घायु, सुख, और समृद्धि की प्रार्थना करें।
- आशीर्वाद और उपहार: राखी बंधवाने के बाद भाई-बहन माता-पिता और गुरु का आशीर्वाद लें। भाई अपनी सामर्थ्य के अनुसार बहन को उपहार दें, जैसे गहने, कपड़े, या अन्य मंगलकारी वस्तुएं।
पूजा के दौरान भाई और बहन का सिर ढका होना चाहिए, और काले वस्त्र, तीखा, या नमकीन भोजन देने से बचना चाहिए। नवभारत टाइम्स के विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि घर में बनी मिठाइयां, जैसे साबूदाना बर्फी, इस अवसर पर विशेष रूप से शुभ मानी जाती हैं।
रक्षासूत्र का स्वरूप और महत्व
रक्षासूत्र रक्षाबंधन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भाई की रक्षा और दीर्घायु का प्रतीक है। जागरण के अनुसार, रक्षासूत्र में तीन धागे—लाल, पीला, और सफेद—होने चाहिए, जिसमें लाल और पीला धागा अनिवार्य है। चंदन से सजा रक्षासूत्र विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यदि विशेष राखी उपलब्ध न हो, तो साधारण कलावा भी श्रद्धा के साथ बांधा जा सकता है। हाल ही में साध्वी प्राची ने चांद-सितारे वाली राखियों पर आपत्ति जताई थी, लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स के ज्योतिषियों ने स्पष्ट किया कि राखी का भाव और श्रद्धा ही सर्वोपरि है, न कि उसका डिज़ाइन।
सामाजिक और वैश्विक प्रभाव
रक्षाबंधन का प्रभाव भारत तक सीमित नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, यह पर्व नेपाल, मॉरीशस, फिजी, और विश्व के अन्य हिस्सों में बसे भारतीय समुदायों में भी उत्साह से मनाया जाता है। भारत में यह सामाजिक एकता का प्रतीक है, जहां विभिन्न समुदाय एक-दूसरे को रक्षासूत्र बांधकर प्रेम और विश्वास का संदेश देते हैं। X पर लोग रक्षाबंधन की तैयारियों, जैसे घर में बनी मिठाइयों और अनोखी राखियों की तस्वीरें साझा कर रहे हैं, जो इस पर्व की जीवंतता को दर्शाता है।
राशियों पर शुभ प्रभाव
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, रक्षाबंधन 2025 कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ होगा। आज तक के एक लेख में बताया गया कि कर्क, सिंह, और धनु राशि वालों पर सावन पूर्णिमा का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे उनके पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे और करियर में उन्नति होगी। यह दिन नई शुरुआत, जैसे शिक्षा या व्यवसाय, के लिए भी शुभ माना जा रहा है, खासकर सर्वार्थ सिद्धि योग के कारण।
रक्षाबंधन की आधुनिक तैयारियां
आज के समय में रक्षाबंधन ने आधुनिक रूप भी ले लिया है। बाजारों में डिज़ाइनर राखियां, जैसे सोने-चांदी की राखियां, पर्यावरण-अनुकूल राखियां, और थीम-आधारित राखियां, लोकप्रिय हो रही हैं। इंडिया टुडे के अनुसार, इस साल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर राखी और उपहारों की बिक्री में 30% की वृद्धि देखी गई है, जो डिजिटल युग में इस पर्व की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। लोग घर में बनी मिठाइयों, जैसे साबूदाना बर्फी और लड्डू, को भी इस अवसर पर विशेष महत्व दे रहे हैं।

प्रेम और विश्वास का उत्सव
रक्षाबंधन 2025, 9 अगस्त को बिना भद्रा साये और शुभ योगों के साथ, भाई-बहन के प्रेम का एक अनूठा उत्सव होगा। सुबह 5:47 से दोपहर 1:24 तक का शुभ मुहूर्त इस पर्व को और मंगलकारी बनाएगा। यह त्योहार न केवल पारिवारिक बंधनों को मजबूत करता है, बल्कि समाज में रक्षा, विश्वास, और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। जैसे-जैसे परिवार इस पवित्र दिन की तैयारियों में जुट रहे हैं, रक्षाबंधन की भावना—प्रेम, कर्तव्य, और सौहार्द—हर भारतीय के दिल को छू रही है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. रक्षाबंधन 2025 कब है?
9 अगस्त 2025, शनिवार को रक्षाबंधन मनाया जाएगा।
2. राखी बांधने का शुभ समय क्या है?
सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक का समय राखी बांधने के लिए शुभ है।
3. क्या इस बार भद्रा का साया रहेगा?
नहीं, 2025 में रक्षाबंधन पर भद्रा समाप्त हो चुकी होगी, जिससे यह दिन अत्यंत शुभ है।
4. कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं?
ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, सौभाग्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग इस दिन बन रहे हैं।
5. रक्षाबंधन की पूजा कैसे करें?
भाई को तिलक लगाएं, रक्षासूत्र बांधें, आरती करें, मिठाई खिलाएं और आशीर्वाद लें।
6. किन राशियों के लिए यह दिन विशेष रहेगा?
कर्क, सिंह और धनु राशि वालों के लिए यह रक्षाबंधन विशेष शुभ रहेगा।