इंडिया सीएसआर न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। सामाजिक क्षेत्र के अपनी तरह की पहली पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत, वेदांता देश में आंगनवाड़ी संरचना का आधुनिकीकरण कर रहा है। देश भर में जल्द ही बनेंगे 4,000 नंदघर बनाएं जाएंगे।
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने पीलीभीत (उत्तरप्रदेश) के रूपपुर कमालू, रामनगर जगतपुर और जोगीठेर गाँव में आयोजित समारोहों में ‘नंदघर’ – जो नई पीढ़ी के आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्र हैं, का उद्घाटन किया।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ मिल कर वेदांता लिमिटेड, एक विविध प्राकृतिक संसाधन कंपनी, देश भर में ऐसे 4,000 मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र बनाएगी। ये देश के सामाजिक क्षेत्र के विकास के लिए अपनी तरह की पहली पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप है।
आंगनवाड़ी का नाम लेते ही अगर आपके मस्तिष्क में एक पुराने और जर्जर भवन में संसाधनों के अभाव के साथ पढ़ रहे ग्रामीण बच्चों का चित्र उभरता हो तो इस खबर को पढ़ने के बाद आप कुछ अलग सोचने पर मज़बूर हो जायेंगे। देश में आंगनवाड़ी का एक नया-डिजिटल अवतार सामने आ चुका है। भौतिक सुख सुविधाओं से दूर गाँवों के लिए बड़े शहरों के प्ले स्कूल जैसे ‘नंदघर’ आंगनवाड़ी के अच्छे दिनों की तरफ पहला कदम साबित होंगे।
इस तरह के आंगनवाड़ी केंद्रों के पीलीभीत में शुभारम्भ पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए श्रीमती गांधी ने कहा, “मैं श्री अनिल अग्रवाल की शुक्रगुज़ार हूँ जिन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में 4000 आंगनवाड़ी बनाने पर सहमति प्रदान की जिनमें से कुछ का निर्माण पीलीभीत में किया जा रहा है। वास्तव में यह सामाजिक क्षेत्र के विकास के लिए किया गया एक अनूठा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप है और मुझे पूरा विश्वास है कि ये केंद्र कई और कॉरपोरेट्स को सरकार के साथ हाथ मिलाने की प्रेरणा देंगे ताकि देश में महिलाओं और बच्चों से जुडी कुछ समस्याओं का समाधान किया जा सके।”
अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, वेदान्ता समूह का कहना है कि नंदघर प्रोजेक्ट अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल प्रशिक्षण मुहैय्या कराने की ओर उठाया गया एक कदम है जो समाज के विभिन्न वर्गों को दीर्घकालिक लाभ पहुंचाएगा। नंदघर के माध्यम से गांवों के बच्चों और महिलाओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं मुहैय्या करायी जाएंगी। इनमें सौर ऊर्जा के जरिये बिजली, एक प्रेरक माहौल में ई-लर्निंग (e-learning) की सुविधा, आर.ओ (R.O) द्वारा स्वच्छ पीने का पानी और मोबाइल चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं जैसी कई सुविधाएं शामिल हैं।
भारत सरकार द्वारा एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस – ICDS) के तहत स्थापित नंदघर एक सेवा वितरण इकाई है और मौजूदा आंगनवाड़ी व्यवस्था का ही आधुनिक विस्तार है। इसे विकसित करने के लिए वेदांता ने भारत सरकार के साथ हाथ मिलाया है ताकि देश के आंगनवाड़ी केन्द्रों को बच्चों की देखभाल और शिक्षा केंद्रों के रूप में रूपांतरित किया जा सके। शुक्रवार को श्रीमती गांधी पीलीभीत में ही सांसद आदर्श गाँव गुलड़िया भूप सिंह के अलावा जल्लूपुर गाँव के आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्रों का उद्घाटन करेंगीं और इस परियोजना से हर वर्ष करीब 25 लाख बच्चों और महिलाओं लाभान्वित होंगे।
नंदघर में दिन का आधा समय बच्चों की शिक्षा को दिया जाएगा और बाकी बचे हुए आधे समय में महिलाओं के कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। “इमारत भी शिक्षण का एक जरिया हो” यूनिसेफ की इस अवधारणा के अनुसार नंदघर विकास किया गया है और इसके अंदर कई विषयों को रोचक तरीके से सीखने की सुविधा होगी, ताकि बच्चे इसकी ओर आकर्षित हों और ज्यादा से ज्यादा उपस्थिति रहें।
नंदघर बच्चों के लिए सुबह शिक्षा और स्वास्थ्य केंद्र के रूप में चलाने के लिए और दोपहर में व्यावसायिक कौशल के क्षेत्र में महिलाओं को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से तैयार किए जा रहे हैं। यह एक बदलाव लाने वाला कदम है जिससे देश में बच्चों के कुपोषण उन्मूलन और महिला उद्यमियों को तैयार करने का कार्य किया जाएगा।
नंदघर इटली की शनेल टेक्नोलॉजी से निर्मित किए जा रहे हैं। ये संरचना आग प्रतिरोधी, नमी और भूकंप प्रतिरोधी है। इंटरैक्टिव लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए नंदघर को ‘बाला’ डिजाइन से सुसज्जित किया गया है। इमारत को ही सीखने का साधन बनाने और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए नंदघर में टी.वी. के ज़रिए जीवंत शिक्षण की सुविधा भी होगी। प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने के लिए नंदघर के ज़रिये बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली स्त्रियों के लिए मोबाइल स्वास्थ्य वैन की सुविधा उपलब्ध होगी।