उदयपुर। भारत की एकमात्र और दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने अपनी 8वीं वार्षिक टैक्स ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकारी खजाने में 18,963 करोड़ रूपयें का योगदान दिया है। यह योगदान कंपनी के कुल राजस्व का 56 प्रतिशत जो कि भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गत वर्ष की तुलना में यह 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। पिछले पाँच वित्तीय वर्षों में, हिन्दुस्तान जिंक का कुल योगदान 87,616 करोड़ रहा है। वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव और धातुओं की कीमतों में अस्थिरता के बावजूद, कंपनी ने वित्तीय अनुशासन, राष्ट्र-निर्माण और आत्मनिर्भर भारत मिशन का सहयोग करने पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है। हिन्दुस्तान जिंक को अपने कर योगदानों के बारे में स्वेच्छा से जानकारी देने पर गर्व है, जो भारत के मजबूत विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान में सहायक है।
रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन से बढ़ा योगदान
सरकारी खजाने में यह बड़ा योगदान हिन्दुस्तान जिंक के रिकॉर्ड-तोड़ परिचालन उपलब्धियों के कारण संभव हुआ है। इसमें अब तक का सबसे अधिक अयस्क और रिफाइंड धातु उत्पादन शामिल है, जो क्रमशः 1,095 किलो टन और 1,052 किलो टन रहा। कंपनी ने जिंक उत्पादन की लागत को चार साल के निचले स्तर, 1,052 डालर प्रति मेट्रिक टन पर ला दिया है। हिन्दुस्तान जिंक ने पहली बार 13.1 मिलियन टन से अधिक धातु भंडार (1.2 मिलियन टन उत्पादन घटाने के बाद) को पार कर लिया है, जबकि 25 साल से अधिक की माइन लाइफ भी बनाए रखी है। ये परिचालन मील के पत्थर वैश्विक खनन क्षेत्र में हिन्दुस्तान जिंक के नेतृत्व और भारत के औद्योगिक तथा बुनियादी ढांचे के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को और मजबूत करते हैं।
टैक्स ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट की मुख्य बातें
8वीं रिपोर्ट पिछले पांच वित्तीय वर्षों में हिंदुस्तान जिंक के कर योगदान का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। सरकारी रॉयल्टी और लेवी 18,191 करोड़ रूपये, इसमें राजस्थान सरकार, डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन और नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट को किए गए भुगतान शामिल हैं। आय पर कर 12,393 करोड़ रूपये है इसमें वैधानिक रिटर्न में दर्ज कॉर्पोरेट आयकर शामिल है। भारत सरकार को कॉर्पोरेट लाभांश 21,627 करोड़, अप्रत्यक्ष कर 27,500 करोड़ है इसमें वस्तुओं की बिक्री से प्राप्त सीजीएसटी, एसजीएसटी और आईजीएसटी शामिल हैं।
हिंदुस्तान जिंक ने राजस्थान राज्य को रॉयल्टी, डीएमएफ योगदान और अन्य वैधानिक लेवी के माध्यम से प्रति वर्ष औसतन 3,600 करोड़ का योगदान दिया है, जो राज्य के साथ अपनी गहरी आर्थिक साझेदारी की पुष्टि करता है।
कंपनी ने रिपोर्ट की सटीकता की पुष्टि के लिए बिग 4 ऑडिट फर्म से स्वतंत्र आश्वासन प्राप्त किया है। स्वतंत्र आश्वासन रिपोर्ट टैक्स ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट का हिस्सा है, जो हिन्दुस्तान जिंक के शासन सिद्धांतों को और मजबूत करती है।
कर पारदर्शिता हिन्दुस्तान जिंक के व्यापक पर्यावरण, सामाजिक और शासन, ईएसजी एजेंडा का मुख्य घटक है। अपने स्वैच्छिक और सक्रिय खुलासे के माध्यम से, कंपनी का लक्ष्य हितधारकों का विश्वास बढ़ाना और कॉर्पोरेट प्रशासन के उच्चतम मानकों को बनाए रखना है। हिंदुस्तान जिंक को लगातार दूसरे वर्ष एसएण्डपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट द्वारा विश्व की सबसे सस्टेनेबल मेटल और माइनिंग कंपनी के रूप में मान्यता दी गयी है।