गणेश जी की आरती: विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता की भक्ति
Ganesh Ji ki Aarti: गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics), जिसे श्री गणेश आरती भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा (Ganesh Bhagwan Ki Aarti) के लिए एक लोकप्रिय भजन है। यह आरती आमतौर पर गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान गाई जाती है, लेकिन इसे पूरे वर्ष में किसी भी समय भी गाया जा सकता है।
गणेश जी की आरती का महत्व (Importance of Shri Ganesh Ji Aarti)
गणेश जी की आरती (Shri Ganesh Ji Ki Aarti) एक भक्ति गीत (Lord Ganesha Devotional Songs) है जो भगवान गणेश की स्तुति करता है। यह आरती भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh Aarti) से आशीर्वाद मांगने और उनके गुणों को याद करने का एक तरीका है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता के रूप में जाना जाता है, इसलिए उनकी आरती किसी भी नए काम को शुरू करने से पहले या किसी भी बाधा को दूर करने के लिए गाई जाती है।

गणेश चतुर्थी उत्सव (Ganesh Chaturthi Festival)
गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म में भगवान गणेश का जन्मदिन मनाने का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दौरान, भगवान गणेश की मूर्तियों को घरों और मंदिरों में स्थापित किया जाता है और पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी उत्सव 10 दिनों तक चलता है और 10वें दिन, भगवान गणेश की मूर्तियों को विसर्जित कर दिया जाता है।

गणेश जी की पूजा विधि (Ganesh Ji ki Puja Vidhi)
गणेश जी की आरती करने के लिए निम्नलिखित सामग्री आवश्यक है:
- दीपक
- अगरबत्ती
- फूल
- धूप
- कपूर
- पंचामृत
- पंचामेवा
- मोदक
- अन्य प्रसाद

गणेश जी की आरती कैसे करें (Aarti Ganesh Ji ki )
गणेश जी की आरती करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- सबसे पहले, एक साफ स्थान पर एक चौकी या थाली रखें।
- उस पर गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- दीपक, अगरबत्ती, फूल, धूप, कपूर, पंचामृत, पंचमेवा, मोदक और अन्य प्रसाद रखें।
- फिर, गणेश जी की आरती के मंत्रों को गाते हुए, दीपक या अगरबत्ती को मूर्ति के चारों ओर घुमाएं।
- आरती के अंत में, भगवान गणेश को नमन करें और उनसे आशीर्वाद मांगें।

गणेश चतुर्थी समारोह (Ganesh Chaturthi celebrations)
- गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान, भगवान गणेश की आरती को सुबह और शाम को दो बार गाई जाती है।
- आरती करने के लिए, एक दीपक या अगरबत्ती लें और भगवान गणेश की मूर्ति के सामने रखें। फिर, आरती के मंत्रों को गाते हुए, दीपक या अगरबत्ती को मूर्ति के चारों ओर घुमाएं।
- आरती के अंत में, भगवान गणेश को नमन करें और उनसे आशीर्वाद मांगें।
- गणेश चतुर्थी के दौरान, भगवान गणेश की आरती को कई सार्वजनिक स्थानों पर भी गाई जाती है, जैसे कि मंदिरों, पंडालों और समुदाय के केंद्रों में।
श्री गणेश आरती (Ganesh Ji ki Aarti in Hindi)
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
श्री गणेश आरती अंग्रेजी में (Shri Ganesh Aarti In English)
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva
Mata Jaki Parvati Pita Mahadeva
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva
Mata Jaki Parvati Pita Mahadeva
Ek Dant Daya Want Char Bhuja Dhari
Mastak Sindoor Shoye Muse Ki Sawari
Paan Chadhe Phool Chadhe Aur Chadhe Mewa
Laduvan Ka Bhog Lage Sant Kare Seva
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva
Mata Jaki Parvati Pita Mahadeva
Andhan Ko aankh Dett kodhin ko kaya
Banjhan ko Garbh dett nirdhan ko maya
Surshyaam sharan aaye safal kije Seva
Mata Jaki Parvati Pita Mahadeva
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva
Mata Jaki Parvati Pita Mahadeva
Conclusion
गणेश जी की आरती एक लोकप्रिय भजन है जो भगवान गणेश की पूजा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह आरती आमतौर पर गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान गाई जाती है, लेकिन इसे पूरे वर्ष में किसी भी समय भी गाया जा सकता है। गणेश जी की आरती भगवान गणेश से आशीर्वाद मांगने और उनके गुणों को याद करने का एक तरीका है।
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