क्या कंपनी अधिनियम, 2013 के सीएसआर प्रावधान सभी कंपनियों पर लागू होते हैं?
कंपनी अधिनियम, 2013 के सीएसआर प्रावधान कंपनी अधिनियम, 2013 और किसी अन्य पूर्व कंपनी विधि के अंतर्गत पंजीकृत प्रत्येक उस कंपनी के लिए लागू हैं जिसका किसी वित्त वर्ष के दौरान
• निवल मूल्य पांच सौ करोड़ रुपए या अधिक है, अथवा
• कारोबार एक हजार करोड रुपए या अधिक है अथवा
• निवल लाभ पांच करोड़ रुपए या अधिक है
ऊपर उल्लिखित ‘किसी वित्त वर्ष का क्या अर्थ है?
कंपनी सीएसआर नियम, 2014 के नियम 3(2) के साथ पठित अधिनियम की धारा 135 की उपधारा (1) के अंतर्गत उल्लिखित किसी वित्त वर्ष का आशय पिछले तीन वर्षों में से कोई एक है (देखें सामान्य परिपत्र संख्या 21/2014, दिनांक: 18.6.2014)
क्या किसी कंपनी के सीएसआर व्यय को व्यापार व्यय कहा जा सकता है?
किसी कंपनी द्वारा सीएसआर के लिए किए गए व्यय को व्यापार व्यय नहीं माना जा सकता। वित्त अधिनियम, 2014 में प्रावधान है कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 में यथा उल्लिखित कारपोरेट सामाजिक दायित्व संबंधी क्रियाकलापों पर निर्धारित किया गया कोई भी व्यय निर्धारिती द्वारा व्यापार या व्यवसाय के प्रयोजनों हेतु किया गया व्यय नहीं माना जाएगा।
क्या धारा 135(5) के प्रयोजनों के लिए औसत निवल लाभ का आशय कर-पूर्व निवल लाभ है अथवा करोपरांत निवल लाभ?
कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 198 के अनुसार धारा 135 के लिए निवल लाभ की गणना में यह मुख्यतया कर पूर्व लाभ (पीबीटी) है।
क्या अनुसूची-VII से अलग क्रियाकलापों पर किया गया व्यय सीएसआर व्यय है?
कारपोरेट कार्यमंत्रालय के सामान्य परिपत्र संख्या 21/2014 दिनांक 18 जून, 2014 में स्पष्ट किया गया है कि सांविधिक प्रावधान और सीएसआर नियम, 2014 के प्रावधानों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सीएसआर नीति के अनुसरण में किए जाने वाले क्रियाकलाप कंपनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची-VII से संबंधित होने चाहिए। उक्त अनुसूची-VII की प्रविष्टियों की व्याख्या उदारता से की जानी चाहिए ताकि उक्त अनुसूची में उल्लिखित विषयों का उद्देश्य व्यापक कार्यकलापों को कवर करना है। अधिनियम की अनुसूची में वर्णित आधार वाली है तथा उनका उद्देश्य विभिन्न गतिविधियों को शामिल करना है। सामान्य परिपत्र में क्रियाकलापों की उदाहरणात्मक सूची भी दी गई है जिन्हें सीएसआर के अंतर्गत शामिल किया जा सकता है। इसी प्रकार से कई अन्य क्रियाकलाप भी कवर किए जा सकते हैं। इसके लिए निर्णय कंपनी के बोर्ड द्वारा किया जाना है।
सीएसआर के अंतर्गत क्या कर लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं?
स्वाभाविक रूप से सीएसआर व्यय पर अलग से कोई कर छूट नहीं है। वित्त अधिनियम, 2014 में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सीएसआर पर किया गया व्यय व्यापार व्यय का हिस्सा नहीं है। सीएसआर पर किए गए व्यय पर अलग से कोई कर छूट नहीं है परंतु प्रधानमंत्री राहत कोष, वैज्ञानिक अनुसंधान, ग्रामीण विकास परियोजनाएं, कौशल विकास परियोजनाएं, कृषि विस्तार परियोजनाएं आदि जैसे क्रियाकलाप जो अनुसूची-VII में शामिल हैं, उन्हें आयकर अधिनियम, 1961 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत पहले से ही छूट प्राप्त है।
कौन से क्रियाकलापों को सीएसआर के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता?
सीएसआर परियोजनाएं या कार्यक्रम या क्रियाकलाप जिनका लाभ केवल कंपनी के कर्मचारियों और उनके परिवारों को मिल रहा हो।
एक बार किए जाने वाले क्रियाकलाप जैसे मैराथन/पुरस्कार/धर्मार्थ अंशदान विज्ञापन/टीवी कार्यक्रम प्रयोजित करना आदि।
कंपनियों द्वारा किसी अन्य अधिनियम/नियमनों/विधि (जैसे श्रम कानून, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013, प्रशिक्षु अधिनियम, 1961 आदि) की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए किया गया व्यय।
किसी राजनैतिक दल को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दी गई राशि।
किसी कंपनी द्वारा व्यापार के सामान्य क्रम में किए जाने वाले क्रियाकलाप
भारत के बाहर चलाई गई परियोजना या कार्यक्रम या क्रियाकलाप।
क्या धारा 135(1) के मानकों को पूरा करने वाली कंपनी की नियंत्री या अनुषंगी कंपनी को भी धारा 135 का अनुपालन करना होगा चाहे वह नियंत्री या अनुषंगी कंपनी स्वयं मानकों को पूरा न करती हो।
किसी कंपनी की नियंत्री या अनुषंगी कंपनी द्वारा धारा 135(1) का अनुपालन तभी किया जाएगा जबकि नियंत्री या अनुषंगी कंपनी स्वयं इन मानकों को पूरा करती हो।
क्या सीएसआर के प्रावधान धारा 8 कंपनी पर लागू हैं, यदि वह अधिनियम की धारा 135(1) के मानकों को पूरा करता हो?
अधिनियम की धारा 135 के पाठ में “प्रत्येक कंपनी ……..” कहा गया है, अर्थात् धारा 135 की प्रयोजनियता के संबंध में धारा 8 कंपनियों को कोई विशिष्ट छूट नहीं दी गई है, अत: धारा 8 कंपनियों के लिए सीएसआर प्रावधानों का अनुपालन अपेक्षित है।
क्या किसी कंपनी द्वारा किसी ट्रस्ट/सोसायटी/धारा 8 कंपनियों को किसी राशि का अंशदान कंपनी का सीएसआर व्यय माना जाएगा ?
कारपोरेट कार्य मंत्रालय का सामान्य परिपत्र संख्या 21/2014 दिनांक 18 जून, 2014 में यह स्पष्ट किया गया है कि –
किसी ट्रस्ट/सोसायटी/धारा 8 कंपनियों आदि की समग्र निधि में अंशदान तभी तक सीएसआर व्यय माना जाएगा जब तक कि:
(क) उस ट्रस्ट/सोसायटी/धारा 8 कंपनी आदि का सृजन अनन्य रूप से सीएसआर कार्यकलाप चलाने के लिए किया गया हो या
(ख) जहां सृजित समग्र निधि अधिनियम की अनुसूची-VII में शामिल किसी विषय से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित किसी उद्देश्य के लिए अनन्य रूप से सृजित की गई हो।
क्या किसी कंपनी की सीएसआर नीति को कंपनी की वेबसाइट पर प्रदर्शित करना अनिवार्य है या नहीं?
धारा 135(4) के अनुसार, कंपनी का निदेशक मंडल सीएसआर समिति के अनुशंसाओं को ध्यान में रखते हुए कंपनी के लिए सीएसआर नीति का अनुमोदन करेगा और ऐसी नीति की विषय-वस्तु अपनी रिपोर्ट में प्रकट करेगा तथा इसे कंपनी की वेबसाइट, यदि कोई हो पर प्रदर्शित किया जाएगा (सीएसआर नीति नियम, 2014 का नियम 8 और 9 देखें)।
क्या बोर्ड की रिपोर्ट में सीएसआर की रिपोटिंग अनिवार्य है?
धारा 135(1) के अधीन अर्हता प्राप्त किसी कंपनी की 01 अप्रैल, 2014 को या उसके बाद प्रारंभ होने वाले किसी वित्तीय वर्ष से संबंधित बोर्ड की रिपोर्ट में अनुलग्नक में विनिर्दिष्ट ब्यौरों को शामिल करते हुए सीएसआर पर वार्षिक रिपोर्ट शामिल होगी (सीएसआर नीति नियम, 2014 का नियम 9 देखें)।
क्या विदेशी कंपनी के लिए सीएसआर कार्यकलापों पर रिपोर्ट देना अनिवार्य है?
किसी विदेशी कंपनी के मामले में धारा 381 की उपधारा (1) के उपखंड (ख) के अधीन दायर तुलन पत्र में सीएसआर पर रिपोर्ट से संबंधित एक अनुलग्नक शामिल होगा।
क्या आपदा राहत के लिए अंशदान सीएसआर के रूप में मान्य है या नहीं?
(कृपया कापोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक 18.06.2014 के सामान्य परिपत्र के अनुलग्नक की बिन्दू संख्या 7 देखें)।
क्या वस्तु में अंशदान को सीएसआर व्यय के रूप में दिखाने के लिए राशि में बदला जा सकता है?
धारा 135 में विहित किया गया है “…. यह सुनिश्चित करेगी कि कंपनी …. व्यय करती है”। कंपनी को यह राशि व्यय करनी है।
यदि कोई कंपनी किसी वर्ष में अपने लगातार तीन वर्षों के निवल के औसत के दो प्रतिशत से अधिक सीएसआर पर व्यय करती है तो क्या यह अतिरिक्त राशि अगले वर्ष में अग्रेनीत की जा सकती है और यह अगले वर्ष के लिए अपेक्षित दो प्रतिशत सीएसआर व्यय के विरूद्ध समायोजित की जा सकती है?
कोई अतिरिक्त राशि (अर्थात् धारा 135 में यथाविनिर्दिष्ट दो प्रतिशत से अधिक) को पश्चातवर्ती वर्षों के लिए अग्रेनीत और उसे उस वर्ष के सीएसआर के विरूद्ध समायोजित नहीं किया जा सकता है।
क्या न्यूनतम अपेक्षित सीएसआर व्यय से बची हुई राशि को अगले वर्ष अग्रेनीत किया जा सकता है?
बोर्ड (निदेशक मंडल) को यह निर्णय करने की स्वतंत्रता है कि वह न्यूनतम अपेक्षित सीएसआर व्यय से बची किसी राशि को अगले वर्ष के लिए अग्रेनीत करे। किंतु, इस प्रकार अग्रेनीत की गई राशि अगले वर्ष के लगातार तीन पिछले वर्षों के लिए कंपनी के औसत निवल लाभ के न्यूनतम दो प्रतिशत के बराबर सीएसआर आबंटन के ऊपर और उसके अतिरिक्त होनी चाहिए।
कंपनी अधिनियम, 2013 के उपबंधों के अधीन कंपनियों द्वारा सीएसआर के कार्यान्वयन की निगरानी में सरकार की क्या भूमिका है?
कानून का मुख्य जोर और भावना निगरानी करना नहीं है बल्कि ऐसा वातावरण तैयार करना है जो कारपोरेटों द्वारा देश के मानव विकास लक्ष्यों में उनका अंशदान करते हुए सामाजिक रूप से जवाबदेह पूर्ण रीति से स्वयं संचालन करने को बढ़ावा मिले।
वर्तमान कानूनी प्रावधान जैसे अनिवार्य प्रकटीकरण, सीएसआर समिति और बोर्ड की जवाबदेयता, कंपनी के लेखों की लेखापरीक्षा के लिए उपबंध आदि इस संबंध में पर्याप्त सुरक्षा का प्रावधान करते हैं। कंपनियों द्वारा सीएसआर के कार्यान्वयन की निगरानी में सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
क्या सरकार के पास कंपनियों द्वारा सीएसआर कार्यान्वयन व्यय की गुणवत्ता और प्रभावकारिता की निगरानी और सीएसआर के प्रभाव मूल्यांकन के लिए तीसरे पक्षों हेतु कोई तंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है?
कंपनियों द्वारा सीएसआर की गुणवत्ता और प्रभावकारिता की निगरानी के लिए बाहरी विशेषज्ञों की सेवाएं लेने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। बोई/सीएसआर समितियां कानून के सीएसआर उपबंधों के अनुपालन को सत्यापित करने के लिए अपने सीएसआर कार्यक्रम के प्रभाव आकलन के लिए तीसरे पक्षों की सेवाएं लेने के लिए पूर्णत: सक्षम है।
क्या सीएसआर निधि को सरकारी योजना के कोष में काम में लिया जा सकता है?
इस प्रावधान का वास्तविक उद्देश्य कंपनियों को अपने नवीन विचार और प्रबंधकीय कौशल से अधिक प्रभावी और बेहतर परिणामों के साथ अपने सामाजिक दायित्व को करने के लिए संलग्न करना है। अतः सीएसआर को सरकारी योजना में संसाधनों की कमी दूर करने के लिए वित्तीय स्रोत के रूप में नही आंका जाना चाहिए। कारपोरेट के नवाचार और प्रबंधन का प्रयोग ‘सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में करना कंपनियों द्वारा सीएसआर कार्यान्वयन का केन्द्र बिंदु है। सिद्धांतः कंपनियों की सीएसआर निधि को सरकारी योजनाओं के कोष के रूप में नहीं प्रयुक्त करना चाहिए। सीएसआर योजनाओं का सरकारी योजनाओं से वृहद बहुविध प्रभाव होना चाहिए।
हालांकि, इस अधिनियम और इसके तहत बने नियमों के सीएसआर प्रावधान पात्र कंपनी बोर्ड को किसी भी सरकारी योजना को पूरा करने का निर्णय लेने में सक्षम होती है बशर्ते कि वह कारपोरेट भागीदारी और अधिनियम की धारा 135 और उसके तहत बने नियमों के सभी प्रावधानों के अनुपालन को स्वीकृत करती है।
किसी कंपनी के सीएसआर कार्यक्रमों/योजनाओं को अनुमोदित करने और लागू करने के लिए उचित प्राधिकरण कौन है?
इस संबंध में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक 18.06.2014 के सामान्य परिपत्र के साथ पठित अधिनियम की धारा 135, अनुसूची-VII और कंपनी सीएसआर नीति नियम, 2014 में बोर्ड की रूपरेखा का उल्लेख है जिसमें पात्र कंपनियों को गतिविधियां करने तथा उसी उत्साह के साथ उन्हें लागू करने सहित अपनी सीएसआर नीतियों का प्रतिपादन करने की आवश्यकता है। अतः सभी सीएसआर कार्यक्रमायोजनाएं बोर्ड द्वारा अपनी सीएसआर समितियों की सिफारिशों पर अनुमोदित की जानी चाहिए। यदि कार्यक्रम/योजना में कोई परिवर्तन होता है, तो वे समिति/बोर्ड के | अनुमोदन से ही किए जाने चाहिए।
कम सीएसआर निधि के साथ कंपनियां सीएसआर गतिविधियों को योजना/कार्यक्रम के रूप में किस प्रकार कर सकती हैं?
एक अच्छी रूपरेखा वाली सीएसआर योजना या कार्यक्रम का संचालन कम निधि के साथ भी किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सीएसआर नीति नियम, 2014 में एक प्रावधान है कि इस तरह की कंपनियां अपने सीएसआर कार्यक्रम ऐसी ही अन्य कंपनियों के साथ अपने सीएसआर स्रोतों को मिलाकर भी कर सकती हैं। (कंपनी (सीएसआर नीति) नियम, 2014 के नियम 4 का संदर्भ लें)
क्या किसी कंपनी की सीएसआर योजना कार्यक्रमों में कंपनी के कर्मचारियों की भागीदारी का मुद्रीकरण किया जा सकता है और ‘सीएसआर व्यय’ शीर्ष के तहत गणना की जा सकती है?
कंपनी की सीएसआर गतिविधियों में कर्मचारियों का योगदान और भागीदारी निसंदेह सीएसआर कार्य में रूचि/गर्व उत्पन्न करेगा और कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) से अपनी कार्यप्रणाली के सभी पहलुओं में सामाजिक कारपोरेट दायित्व (एसआरसी) के प्रति नैतिक बंधन में परिवर्तन को बढ़ावा देगा। अतः कंपनियों को अपने कर्मचारियों को सीएसआर गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हालांकि कर्मचारियों को निःस्वार्थ सेवाओं का मुद्रीकरण सीएसआर व्यय में नहीं माना जाएगा।