• India CSR Awards 2025
  • India CSR Leadership Summit
  • Guest Posts
Friday, November 28, 2025
India CSR
  • Home
  • Corporate Social Responsibility
    • Art & Culture
    • CSR Leaders
    • Child Rights
    • Culture
    • Education
    • Gender Equality
    • Around the World
    • Skill Development
    • Safety
    • Covid-19
    • Safe Food For All
  • Sustainability
    • Sustainability Dialogues
    • Sustainability Knowledge Series
    • Plastics
    • Sustainable Development Goals
    • ESG
    • Circular Economy
    • BRSR
  • Corporate Governance
    • Diversity & Inclusion
  • Interviews
  • SDGs
    • No Poverty
    • Zero Hunger
    • Good Health & Well-Being
    • Quality Education
    • Gender Equality
    • Clean Water & Sanitation – SDG 6
    • Affordable & Clean Energy
    • Decent Work & Economic Growth
    • Industry, Innovation & Infrastructure
    • Reduced Inequalities
    • Sustainable Cities & Communities
    • Responsible Consumption & Production
    • Climate Action
    • Life Below Water
    • Life on Land
    • Peace, Justice & Strong Institutions
    • Partnerships for the Goals
  • Articles
  • Events
  • हिंदी
  • More
    • Business
    • Finance
    • Environment
    • Economy
    • Health
    • Around the World
    • Social Sector Leaders
    • Social Entrepreneurship
    • Trending News
      • Important Days
        • Festivals
      • Great People
      • Product Review
      • International
      • Sports
      • Entertainment
    • Case Studies
    • Philanthropy
    • Biography
    • Technology
    • Lifestyle
    • Sports
    • Gaming
    • Knowledge
    • Home Improvement
    • Words Power
    • Chief Ministers
No Result
View All Result
  • Home
  • Corporate Social Responsibility
    • Art & Culture
    • CSR Leaders
    • Child Rights
    • Culture
    • Education
    • Gender Equality
    • Around the World
    • Skill Development
    • Safety
    • Covid-19
    • Safe Food For All
  • Sustainability
    • Sustainability Dialogues
    • Sustainability Knowledge Series
    • Plastics
    • Sustainable Development Goals
    • ESG
    • Circular Economy
    • BRSR
  • Corporate Governance
    • Diversity & Inclusion
  • Interviews
  • SDGs
    • No Poverty
    • Zero Hunger
    • Good Health & Well-Being
    • Quality Education
    • Gender Equality
    • Clean Water & Sanitation – SDG 6
    • Affordable & Clean Energy
    • Decent Work & Economic Growth
    • Industry, Innovation & Infrastructure
    • Reduced Inequalities
    • Sustainable Cities & Communities
    • Responsible Consumption & Production
    • Climate Action
    • Life Below Water
    • Life on Land
    • Peace, Justice & Strong Institutions
    • Partnerships for the Goals
  • Articles
  • Events
  • हिंदी
  • More
    • Business
    • Finance
    • Environment
    • Economy
    • Health
    • Around the World
    • Social Sector Leaders
    • Social Entrepreneurship
    • Trending News
      • Important Days
        • Festivals
      • Great People
      • Product Review
      • International
      • Sports
      • Entertainment
    • Case Studies
    • Philanthropy
    • Biography
    • Technology
    • Lifestyle
    • Sports
    • Gaming
    • Knowledge
    • Home Improvement
    • Words Power
    • Chief Ministers
No Result
View All Result
India CSR
No Result
View All Result
Home Trending News

विशेष पिछड़ी जनजातियों का विकास : 300 करोड़ रुपये खर्च करेगी छत्तीसगढ़ सरकार

300 करोड़ रुपए के बजट आवंटन से विशेष पिछड़ी जनजातियों के इलाकों में विकास की गति तेज होगी। यह योजना जनजातियों के भौगोलिक परिवेश की चुनौतियों को दूर करने में सहायक होगी।

India CSR by India CSR
February 18, 2024
in Trending News
Reading Time: 7 mins read
विशेष पिछड़ी जनजातियों का विकास इसके लिए बजट प्रावधान का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में रहने वाली बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार, और अबूझमाड़िया जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियों को बुनियादी सुविधाओं जैसे पक्के घर, पेयजल आदि का लाभ पहुँचाना है।
Share Share Share Share
WhatsApp icon
WhatsApp — Join Us
Instant updates & community
Google News icon
Google News — Follow Us
Get our articles in Google News feed

विशेष पिछड़ी जनजातियों का विकास इसके लिए बजट प्रावधान का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में रहने वाली बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार, और अबूझमाड़िया जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियों को बुनियादी सुविधाओं जैसे पक्के घर, पेयजल आदि का लाभ पहुँचाना है।

*************

रायपुर, छत्तीसगढ़ (इंडिया सीएसआर) । भारत में विशेष पिछड़ी जनजातियों का विकास बहुत बड़ी चुनौती है। छत्तीसगढ़ में निवासरत लगभग 1 लाख 14 हजार विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए स्थानीय राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण पहल की है। छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 16 फरवरी 2024 को इस पहल की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के सदस्यों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए 300 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान निर्धारित किया है।

छत्तीसगढ़ राज्य, 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया था। जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार, छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या 255.45 लाख है। इनमें से अनुसचित जनजातियों की जनसंख्या 78.22 लाख है, एवं अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 32.47 लाख है।

छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातियाँ

सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार और अबूझमाड़िया आदि जनजातियाँ निवासरत हैं। इस बजट प्रावधान से छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न अंचलों में रहने वाली बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार और अबूझमाड़िया आदि जनजातियों के लोगों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा।

विशेष पिछड़ी जनजातियाँ को मिलेंगी यह सुविधाएँ

बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार और अबूझमाड़िया आदि जनजातियाँ वन क्षेत्रों के आसपास तथा सघन वनों के बीच में रहती हैं।

पक्का मकानः इन जनजातियों के सदस्य सदियों से घास-फूस के घरों में रहते आए हैं। सरकार द्वारा पक्के मकान का इंतजाम किया जाएगा।

पेयजलः वर्तमान में अधिकांश विशेष पिछड़ी जनजाति की बस्तियों में पानी का स्त्रोत काफी दूर रहता है। पानी के ये स्त्रोत छोटी नदी, नाले आदि होते हैं। अर्थात पानी दूर से लाना होता है। कई बार इस जनजातीय समुदाय के लोग झिरिया आदि का पानी पीते हैं। अशुद्ध पेयजल पीकर अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। सरकार पेयजल की अच्छी सुविधा विकसित करेगी।

300 करोड़ रुपए के बजट आवंटन से विशेष पिछड़ी जनजातियों के इलाकों में विकास की गति तेज होगी। यह योजना जनजातियों के भौगोलिक परिवेश की चुनौतियों को दूर करने में सहायक होगी।

आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का मार्गदर्शन

छत्तीसगढ़ सरकार के जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि जनजाति समूह के विकास के वृहद आकार के बजटीय प्रावधान को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वयं जनजाति समूह से संबंध रखते हैं। मुख्यमंत्री बनने से पहले विष्णु देव साय, छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासियों के लिए आरक्षित लोकसभा क्षेत्र रायगढ़ से 4 बार सासंद निर्वाचित हुए थे।

छत्तीसगढ़ में इस योजना पर तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है। विकास योजनाओं की गतिविधियों पर मुख्यमंत्री द्वारा सीधी नजर और निगरानी रखी जा रही है। बीते माह मुख्यमंत्री ने रायगढ़ जिले में बिरहोर बस्तियों का भ्रमण किया। उन्होंने यहां प्रधानमंत्री जनमन योजना के क्रियान्वयन की स्थिति देखी। मुख्यमंत्री द्वारा इन बस्तियों में रहने वाले जानजाति लोगों से संवाद भी किया था।

300 करोड़ रुपए के बजट आवंटन से विशेष पिछड़ी जनजातियों के इलाकों में विकास की गति तेज होगी। यह योजना जनजातियों के भौगोलिक परिवेश की चुनौतियों को दूर करने में सहायक होगी।

प्रधानमंत्री जनमन योजना – विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए विकास योजना

देश में पहली बार, प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से इन जनजातियों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ में तेजी से हो रहा है।

सरकार विज्ञप्ति के अनुसार, भारत में सर्वप्रथम इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनमन नामक योजना बनाई गई। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु से की गई थी।

योजनाओं का क्रियान्वयन

आदिवासी बस्तियों में रहने वाले लोगों को योजनाओं का लाभ मिलते रहे, इसके लिए लगातार कैंप लगाये जा रहे हैं। जनमन योजना के माध्यम से बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं। रोजगार के अवसर भी इसके माध्यम से सृजित किये जा रहे हैं। सरगुजा और बस्तर की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार की नीति भी इन अवसरों को बढ़ाने की दिशा में काफी उपयोगी होगी।

चुनौतियों का समाधान

विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए विस्तृत बजट उपलब्ध हो जाने से अब इन अंचलों में तेजी से विकास हो सकेगा। यह योजना इसलिए भी आवश्यक थी क्योंकि इन जनजातियों का भौगोलिक परिवेश बहुत कठिन है। जहाँ पर भी बस्तियाँ बसी हैं वहाँ तक पेयजल की सुविधा उपलब्ध करा पाना तथा अन्य बुनियादी सुविधाएँ दे पाना चुनौती होती थी। मुख्यमंत्री के दृढ़ संकल्प के विकास के लिए आगे रास्ता आसान हो गया है।

‘जनमन मित्र’ और ‘सखी’ के माध्यम से, सरकार घर-घर जाकर लोगों को योजनाओं के बारे में जानकारी दे रही है, जिससे योजनाओं का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचाया जा सके।

उद्यमिता विकास

विशेष आर्थिक प्रावधान के द्वारा स्थानीय उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर इन जनजातियों के लिए रोजगार सृजन हो सकेगा। सरकार यह भी बताया है कि इन योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुँचाने के लिए जनमन मित्र तथा सखी विशेष रूप से उपयोगी साबित हुए हैं। वे घर-घर जाते हैं पीवीटीजी से उनकी भाषा या बोली में बात करते हैं। सरकार की योजनाओं की जानकारी देते हैं। फार्म भी भरवाये जाते हैं। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के समन्वय से इन योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को देना सुनिश्चित किया जाता है।

योजना के क्रियान्वयन का उदाहरण

बिलासपुर में 15 दिनों का कौशल विकास प्रशिक्षण

प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत, छत्तीसगढ़ राज्य के कोटा तहसील के दारसागर ग्राम पंचायत के अधीनस्थ गांवों कुपाबांधा और झरना में बैगा जनजाति के समुदाय के 20 सदस्यों के लिए आर्थिक विकास और स्वरोजगार की दिशा में 15 दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महुआ लड्डू निर्माण के साथ-साथ उद्यमिता, वित्तीय प्रबंधन, और विभिन्न घरेलू उत्पादों जैसे अगरबत्ती, डिटर्जेंट, फिनायल, और साबुन बनाने के कौशल पर भी फोकस किया गया।

इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य विशेष पिछड़ी जनजातियों के सदस्यों को स्वरोजगार से जोड़ना और महुआ के विभिन्न उपयोगों के महत्व को समझाना था। प्रशिक्षण सत्र के दौरान, प्रतिभागियों को न केवल उत्पाद निर्माण की तकनीकी जानकारी प्रदान की गई, बल्कि उन्हें उद्यमिता और वित्तीय प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलुओं से भी परिचित कराया गया, जिससे वे अपने उद्यमों को सफलतापूर्वक संचालित कर सकें। (बिलासपुर, 31 जनवरी 2024)

****************

विकास अभिकरण का गठन

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य में 5 विशेष पिछड़ी जनजातियाँ – अबूझमाड़िया, कमार, पहाड़ी कोरबा, बिरहोर एवं बैगा रहती हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ शासन द्वारा घोषित 2 विशेष रूप से कमजोर जनजाति पंडो एवं भुंजिया के समग्र विकास कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु सूरजपूर में पंडो विकास अभिकरण तथा गरियाबंद में भुंजिया विकास अभिकरण का गठन किया गया हैं।

छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जाति की कितनी जनसंख्या निवासरत है

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, छतीसगढ़ राज्य के 10 जिलों में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों की संख्या 1,14,483 है। विशेष रूप से कमजोर जनजातियों समूह के विकास करने के लिए समग्र विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु 6 विशेष रूप से कमजोर जनजाति विकास अभिकरण एवं 9 प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।

छत्तीसगढ़ के आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
छत्तीसगढ़ के आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

छत्तीसगढ़ में निवासरत विशेष रूप से कमजोर जनजातियों समूह में साक्षारता वृद्धि

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के अनुसार, विगत 10 वर्षों में (वर्ष 1992-93 वर्ष 2002-03) विशेष रूप से कमजोर जनजातियों की साक्षारता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्तमान में प्रत्येक 25 विद्यार्थियों (विशेष रूप से कमजोर जनजातियों) के लिये एक आवासीय शैक्षणिक संस्था उपलब्ध है। जिसका परिणाम यह है कि विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में साक्षरता दर में उल्लेखनीय वृध्दि हुई है। जिसका विवरण निम्नानुसार है:

क्रमांकविशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहसाक्षरता प्रतिशत वर्ष 1992-93साक्षरता प्रतिशत वर्ष 2002-03
1कमार8.82%32.76%
2अबूझमाड़िया2.28%24.24%
3पहाड़ी कोरबा15.55%43.58%
4बैगा7.77%19.81%
5बिरहोर1.81%11.58%
(स्त्रोतः आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की वेबसाइट)

विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह अभिकरणवार जनसंख्या विवरण

(जनगणना 2005-06 के अनुसार)

क्रमांकविशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह का नामजिलाग्राम संख्याकुल परिवारकुल जनसंख्या (विशेष पिछड़ी जनजाति)
1कमारगरियाबंद217335014386
धमतरी12614545740
महासमुंद736712898
कांकेर1367264
 योग 429554223288
2बैगाकबीरधाम217335014386
बिलासपुर268789036123
कोरिया127427916811
राजनांदगाव359753495
मुंगेली4012755742
 योग 5221667571862
3पहाड़ी कोरवासरगुजा14023749509
जशपुर97309713011
कोरबा336102397
बलरामपुर134298612555
 योग 404906737472
4बिरहोररायगढ़28243959
जशपुर14118414
बिलासपुर686367
कोरबा343531294
 योग 828003034
5अबुझमाड़िया (सर्वे वर्ष 2002)नारायणपुर201389519401
दंतेवाड़ा8  
बीजापुर41  
 योग 201389519401
 कुल योग 163835979155057

(स्त्रोतः आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की वेबसाइट)

छत्तीसगढ़ -विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह अभिकरण / प्रकोष्ठ का नाम

क्रमांकविशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह का नामअभिकरण / प्रकोष्ठ
1अबुझमाड़ियाअबुझमाड़िया विकाश अभिकरण , नारायणपुर
2बैगाबैगा एवं बिरहोर विकाश अभिकरण, बिलासपुर
बैगा विकाश प्रकोष्ठ , मुंगेली
बैगा विकाश प्रकोष्ठ , राजनांदगाव
बैगा विकाश प्रकोष्ठ , बैकुंठपुर
बैगा विकाश प्रकोष्ठ , कवर्धा
3पहाड़ी कोरवापहाड़ी कोरवा विकाश अभिकरण, अंबिकापुर
पहाड़ी कोरवा विकाश प्रकोष्ठ, बलरामपुर
4पहाड़ी कोरवा / बिरहोरपहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर विकाश प्रकोष्ठ, कोरबा
पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर विकाश अभिकरण, जशपुर
5बिरहोरबिरहोर विकाश प्रकोष्ठ, धरमजयगढ़
6कमारकमार विकाश अभिकरण, गरियाबंद
कमार विकाश प्रकोष्ठ, नगरी
कमार विकाश प्रकोष्ठ, भानुप्रतापपुर
कमार विकाश प्रकोष्ठ, महासमुंद
(स्त्रोतः आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की वेबसाइट)

****************

प्रधानमंत्री-जनजातीय गौरव मिशन (PM-Janman) क्या है

प्रधानमंत्री-जनजातीय गौरव मिशन (PM-Janman), जिसकी शुरुआत 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के महत्वपूर्ण अवसर पर की गई थी, वह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है। इसका उद्देश्य समाज के सबसे कमजोर वर्गों, विशेषकर विशेष रूप से संरक्षित जनजातीय समूहों (PVTGs) को सशक्त बनाना है। इस पहल के माध्यम से, प्रधानमंत्री ने अंत्योदय के अपने विजन को आगे बढ़ाया है, जिसका लक्ष्य समाज के अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्ति को सशक्त बनाना है।

PM-Janman लगभग 24,000 करोड़ रुपये के भारी बजट के साथ संचालित हो रहा है और इसे 9 मंत्रालयों के सहयोग से लागू किया जा रहा है। इस मिशन का उद्देश्य 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों के माध्यम से PVTG परिवारों और उनकी बस्तियों को विभिन्न बुनियादी सुविधाओं से लैस करना है। इन सुविधाओं में सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, और स्वच्छता शामिल हैं, जिनके माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, बिजली, सड़क सुविधाएं, दूरसंचार कनेक्टिविटी, और स्थायी आजीविका के अवसरों तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

इस मिशन का मुख्य लक्ष्य PVTG की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाना है। इसके लिए, सरकार ने एक व्यापक और समेकित दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के साथ समन्वय और सहयोग पर बल दिया गया है। इस पहल के तहत, PVTG परिवारों को न केवल उनकी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति के लिए सहायता प्रदान की जा रही है, बल्कि उन्हें समाज के मुख्यधारा में शामिल करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

PM-Janman के माध्यम से, सरकार ने PVTG समूहों के लिए एक नई उम्मीद की किरण प्रज्वलित की है, जिससे उन्हें एक सुरक्षित, स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने के लिए आवश्यक संसाधन और समर्थन प्रदान किया जा सके। इस पहल के माध्यम से, सरकार ने जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है।

यह भी उपयोगी जानकारी है, इसे भी पढ़िएः

नियद नेल्ला नार का क्या अर्थ है, इसका संबंध किस राज्य से हैः पढ़िए पूरी जानकारी


मध्य प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति समूह (PVTG)

छत्तीसगढ़ राज्य पहले मध्य प्रदेश राज्य का हिस्सा था। छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश से अलग करके बनाया गया है। इसलिए यहाँ पर मध्य प्रदेश में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी जा रही है। यह लेख PVTG के बारे में जानकारी प्रदान करता है और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को उजागर करता है।

मध्य प्रदेश में तीन विशेष पिछड़ी जनजातियां हैं: बैगा, भारिया और सहरिया। इन जनजातियों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास को ध्यान में रखते हुए, मध्य प्रदेश शासन ने इनके लिए विशेष योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए हैं।

विशेष पिछड़ी जनजाति विकास प्राधिकरण

11 विशेष पिछड़ी जनजाति विकास अभिकरणों का गठन किया गया है।

ये अभिकरण मंडला, बैहर (बालाघाट), डिंडौरी, पुष्पराजगढ़ (अनुपपुर), शहडोल, उमरिया, ग्वालियर (दतिया जिला सहित), श्योपुर (भिंड, मुरैना जिला सहित), शिवपुरी, गुना (अशोकनगर जिला सहित) और तामिया (छिंदवाड़ा) में स्थित हैं।

इन अभिकरणों के अंतर्गत 2314 चिन्हित ग्रामों में 5.51 लाख विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग निवास करते हैं।

प्राधिकरण की कार्यप्रणाली

चिन्हित क्षेत्रों में PVTG के लिए योजनाओं के निर्माण, क्रियान्वयन, अनुश्रवण और मूल्यांकन के लिए गवर्निंग बॉडी का गठन किया गया है।
PVTG समुदाय के सदस्यों को ही अध्यक्ष और संचालक मंडल के सदस्यों के रूप में दो वर्षों के लिए मनोनीत किया जाता है।
संचालक मंडल में संबंधित क्षेत्र के आदिवासी विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष और जनपद पंचायतों के अध्यक्ष भी सदस्य होते हैं।
संबंधित अभिकरण के परियोजना प्रशासक/सहायक आयुक्त/जिला संयोजक सदस्य सचिव के रूप में कार्य करते हैं।

प्रमुख प्राधिकरण

  • सहरिया जनजाति विकास प्राधिकरण
  • बैगा जनजाति विकास प्राधिकरण
  • भारिया जनजाति विकास प्राधिकरण

प्राधिकरणों के लाभ

  • इन प्राधिकरणों से राज्य में PVTG का सामाजिक विकास संभव होगा।
  • इन समाजों के लोगों को राज्य स्तर पर नीतिगत निर्णयों और राजनीतिक विषयों पर निर्णय लेने में प्रतिनिधित्व मिलेगा।
  • विभिन्न विकास और कल्याणकारी विभागों में बेहतर समन्वय और अभिकरण सुनिश्चित होगा।

अभिकरणों का कार्य क्षेत्र

वर्तमान में संचालित क्षेत्रीय अभिकरण और राज्य के विभिन्न जिलों में निवासरत समस्त PVTG (बैगा, भारिया और सहरिया)।
इन प्राधिकरणों के गठन से PVTG समुदाय के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, आवास आदि क्षेत्रों में बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा PVTG के विकास के लिए किए गए प्रयास सराहनीय हैं। इन प्राधिकरणों के गठन से इन समुदायों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा और वे मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।

अतिरिक्त जानकारी

PVTG को विशेष रूप से वंचित माना जाता है और उन्हें अन्य जनजातियों की तुलना में अधिक सहायता की आवश्यकता होती है।
सरकार PVTG के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, आजीविका और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम चलाती है।
PVTG के विकास के लिए सरकार और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है।


विशेष पिछड़ी बैगा समाज के प्रमुख ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रकाशित पुस्तक बैगा आदिम जाति के इतिहास एवं संस्कृति से संबंधित पुस्तक भेंट किया
फोटो- छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क विभाग

छत्तीसगढ़ के बैगा समाज के मुखिया ने राष्ट्रपति को पुस्तक भेंट की, बिरनमाला से हुआ स्वागत

रायपुर (इंडिया सीएसआर) 15 जून 2023। छत्तीसगढ़ के जनसम्पर्क विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से 15 जून 2023 के दिन नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के पांच विशेष पिछड़ी जनजातियों के 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भेंट-मुलाकात की थी।

इस अवसर पर बैगा समाज के मुखिया ईतवारी बैगा मछिया ने आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रकाशित पुस्तक “बैगा आदिम जाति के इतिहास एवं संस्कृति” भेंट की।

राष्ट्रपति मुर्मू ने छत्तीसगढ़ के सभी जनजाति समुदाय के लोगों से सीधा संवाद किया और उनकी संस्कृति, रीति-रिवाजों सहित सभी पहलुओं से रूबरू हुईं। उनका बैगा जनजातियों के विशेष श्रृंगार बिरनमाला से स्वागत किया गया।

इसके बाद सभी जनजातीय समूह ने संसद भवन का भ्रमण किया और लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिडला से भेंट-मुलाकात की और अपनी संस्कृति और रीति-रिवाजों से अवगत कराया।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल

  • ईतवारी राम मछिया, प्रदेश अध्यक्ष, आदिम जाति बैगा समाज
  • पुसूराम बैगा, अध्यक्ष, बैगा विकास अभिकरण
  • सेमलाल बैगा, सदस्य, बैगा विकास अभिकरण
  • सोनालाल बैगा, सदस्य, बैगा विकास अभिकरण
  • जगोतीन बाई बैगा
  • बैसाखीन बाई बैगा

छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातियां

छत्तीसगढ़ में 17 जिलों में केंद्र सरकार द्वारा चिन्हित पाँच विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय निवासरत हैं:

  • बैगा
  • पहाड़ी कोरवा
  • बिरहोर
  • कमार
  • अबूझमाड़िया

विशेष जानकारी

  • बैगा जनजाति कबीरधाम, मनेद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, राजनांदगांव और मुंगेली जिलों में निवास करते हैं।
  • पहाड़ी कोरवा जनजाति सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर और कोरबा जिलों में निवास करते हैं।
  • बिरहोर जनजाति कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर और जशपुर जिलों में निवास करते हैं।
  • कमार जनजाति गरियाबंद, धमतरी, कांकेर और महासमुंद जिलों में निवास करते हैं।
  • अबूझमाड़िया जनजाति नारायणपुर जिले में निवास करते हैं।


(इंडिया सीएसआर)

IIMA AID Conference
ADVERTISEMENT
ESG Professional Network
ADVERTISEMENT
India CSR Image 1 India CSR Image 2
India Sustainability Awards 2026 India Sustainability Awards 2026
Tags: विशेष पिछड़ी जनजातियों का विकास

CSR, Sustainability, and ESG success stories
India CSR

India CSR

India CSR is the largest media on CSR and sustainability offering diverse content across multisectoral issues on business responsibility. It covers Sustainable Development, Corporate Social Responsibility (CSR), Sustainability, and related issues in India. Founded in 2009, the organisation aspires to become a globally admired media that offers valuable information to its readers through responsible reporting.

Related Posts

LALVIS INTERNATIONAL Brings Large-Scale Precision to the First-Ever Tejas Rotary Institute 2025
Corporate

LALVIS INTERNATIONAL Brings Large-Scale Precision to the First-Ever Tejas Rotary Institute 2025

11 hours ago
AI Hairstyle Changer and AI Facial Analysis
Trending News

Reinv​ent Yo‍ur Look with AI Hairstyle Changer and AI Facial Analysis: Sm‌art Beauty at Your​ F‌ingertips

2 weeks ago
Fire Door Exporters in China
Trending News

Top 6 Fire Door Exporters in China (Based on Customs Export Data)

1 month ago
United Nations Day. October 24. History, Origin, Purpose, Significance, Core Themes, Key Actions & Developments
Important Days

United Nations Day. October 24. History, Origin, Purpose, Significance, Core Themes, Key Actions & Developments

1 month ago
World Polio Day
Important Days

World Polio Day – October 24: History, Origin, Purpose, Significance, Pillars and Actions

1 month ago
Marico ESG 2030 Roadmap Marks Milestone in Climate Action with 93% Emission Reduction
Important Days

International Day of Climate Action – October 24: History, Origin, Significance, Pillars and Activities

1 month ago
Load More
IIMA AID Conference
ADVERTISEMENT
India Sustainability Awards 2026
ADVERTISEMENT

LATEST NEWS

Expression 360 Powers the Complete ESTIC 2025 Experience, Bringing IMAGINE–INNOVATE–INSPIRE to Life for Viksit Bharat 2047

Miles2Go Consulting Partners with Texvalley Erode to Shape it into a Retail, Lifestyle and Family Entertainment Hub

Hindustan Zinc Concludes High-Impact ‘Zung Ke Khilaaf Zinc’ Showcase at IITF

हिन्दुस्तान जिंक ने जंग के खिलाफ जिंक जागरूकता अभियान के साथ आईआईटीएफ 2025 में किया सफल प्रदर्शन

How PDFmigo.com Simplifies PDF Conversions for Everyone

PixNova AI Video Face Swap: Fun, Creativity & Virality on Social Media

Ad 1 Ad 2 Ad 3
ADVERTISEMENT
ESG Professional Network
ADVERTISEMENT

TOP NEWS

CSR: TTD Secures Rs 20 Lakh Donation of 105 Hearing Aids as Rituals Advance in Tirupati

हिन्दुस्तान जिंक ने स्वीडन में दुनिया की सबसे गहरी मैराथन पूरी कर दो नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए

हिन्दुस्तान जिंक ने नए बीआईएस सर्टिफिकेशन के साथ नवाचार को दिया बढ़ावा

Sri Sri Holistic Hospitals Achieves a National Milestone with India’s First Implantation of the Amvia Edge CRTP QP, a Next-Generation Auto-MRI Pacing Device

NTPC Kanti Wins India CSR Award 2025 for Empowering 1,480 Women in Bihar

AI is an Aid to knowledge, Not a Substitute: Justice Maheshwari

Load More
STEM Learning STEM Learning STEM Learning
ADVERTISEMENT

Interviews

Sita Ram Gupta speaking at the 16th India CSR Summit in New Delhi on November 21, 2025. © India CSR
Interviews

Life is a Forward Progression, not a Backward Regression, Says Sita Ram Gupta

by India CSR
November 26, 2025

In an exclusive interview with Rusen Kumar, rural development leader Sita Ram Gupta explains why life must be driven by...

Read moreDetails
Brijesh Agarwal, Co-Founder of IndiaMART InterMESH Limited

Driving Education and Skill Development Through CSR: An Interview with Brijesh Agarwal of IndiaMART

November 10, 2025
Ritu Prakash Chhabria, Managing Trustee and Co-founder of the Mukul Madhav Foundation (MMF)

Redefining CSR with Compassion: An Interview with Ritu Prakash Chhabria of Mukul Madhav Foundation

October 28, 2025
Kashiish A Nenwani, Director, Shivtek Spechemi Industries Ltd

Empowering Women and Strengthening Communities: An Interview with Kashiish A Nenwani, Director of Shivtek Spechemi Industries

October 27, 2025
Load More
Facebook Twitter Youtube LinkedIn Instagram
India CSR Logo

India CSR is the largest tech-led platform for information on CSR and sustainability in India offering diverse content across multisectoral issues. It covers Sustainable Development, Corporate Social Responsibility (CSR), Sustainability, and related issues in India. Founded in 2009, the organisation aspires to become a globally admired media that offers valuable information to its readers through responsible reporting. To enjoy the premium services, we invite you to partner with us.

Follow us on social media:


Dear Valued Reader

India CSR is a free media platform that provides up-to-date information on CSR, Sustainability, ESG, and SDGs. We need reader support to continue delivering honest news. Donations of any amount are appreciated.

Help save India CSR.

Donate Now

Donate at India CSR

  • About India CSR
  • Team
  • India CSR Awards 2025
  • India CSR Leadership Summit
  • Partnership
  • Guest Posts
  • Services
  • ESG Professional Network
  • Content Writing Services
  • Business Information
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Donate

Copyright © 2025 - India CSR | All Rights Reserved

IIM Ahmedabad
CONTACT NOW
No Result
View All Result
  • Home
  • Corporate Social Responsibility
    • Art & Culture
    • CSR Leaders
    • Child Rights
    • Culture
    • Education
    • Gender Equality
    • Around the World
    • Skill Development
    • Safety
    • Covid-19
    • Safe Food For All
  • Sustainability
    • Sustainability Dialogues
    • Sustainability Knowledge Series
    • Plastics
    • Sustainable Development Goals
    • ESG
    • Circular Economy
    • BRSR
  • Corporate Governance
    • Diversity & Inclusion
  • Interviews
  • SDGs
    • No Poverty
    • Zero Hunger
    • Good Health & Well-Being
    • Quality Education
    • Gender Equality
    • Clean Water & Sanitation – SDG 6
    • Affordable & Clean Energy
    • Decent Work & Economic Growth
    • Industry, Innovation & Infrastructure
    • Reduced Inequalities
    • Sustainable Cities & Communities
    • Responsible Consumption & Production
    • Climate Action
    • Life Below Water
    • Life on Land
    • Peace, Justice & Strong Institutions
    • Partnerships for the Goals
  • Articles
  • Events
  • हिंदी
  • More
    • Business
    • Finance
    • Environment
    • Economy
    • Health
    • Around the World
    • Social Sector Leaders
    • Social Entrepreneurship
    • Trending News
      • Important Days
      • Great People
      • Product Review
      • International
      • Sports
      • Entertainment
    • Case Studies
    • Philanthropy
    • Biography
    • Technology
    • Lifestyle
    • Sports
    • Gaming
    • Knowledge
    • Home Improvement
    • Words Power
    • Chief Ministers

Copyright © 2025 - India CSR | All Rights Reserved

This website uses cookies. By continuing to use this website you are giving consent to cookies being used. Visit our Privacy and Cookie Policy.