सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला खनन करने वाली कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और उसकी सहायक इकाइयों ने पिछले चार वित्त वर्ष के दौरान कॉरपोरेट सामजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) Corporate Social Responsibility (CSR) के अंतर्गत कुल 1,977.76 करोड़ रुपये खर्च किए।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सीआईएल और उसकी सहायक कंपनियों ने कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में क्रमश: 489.67 करोड़ रुपये, 483.78 करोड़ रुपये, 416.47 करोड़ रुपये और 587.84 करोड़ रुपये खर्च किए। कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने बुधवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने वित्त वर्ष 2016-17 से वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सीएसआर पर कुल 1,977.76 करोड़ रुपये खर्च किए।
इस दौरान कानूनी अनिवार्यताओं के तहत सीआईएल और उसकी सहायक कंपनियों को कुल मिलाकर 1,575.98 करोड़ रुपये सीएसआर पर खर्च करने थे, लेकिन कंपनी ने इससे अधिक धनराशि खर्च की।
इसी तरह समान अवधि में एनएलसी (इंडिया) लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनी एनटीपीएल ने सीएसआर पर 213.75 करोड़ रुपये खर्च किए।
भारत में कपनी कानून के तहत कंपनियों को अपने मुनाफे का 2 प्रतिशत हिस्सा उनके कामकाज के स्थलों के आसपास के क्षेत्र के सामुदायिक विकास तथा ऐसी ही अन्य गतिविधियों में खर्च करना होता है।
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