Chaitra Navratri 2024: भारत वर्ष में आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। पूरे देश में भक्तों में नवरात्रि को लेकर काफ़ी उत्साह देखने को मिल रहा है। जगह-जगह मंदिरों को सजाया गया है और भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। आइये जानते हैं चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानि घटस्थापना के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियमों के बारे में:
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2024 Shubh Muhurat)
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का विशेष महत्व है। इस दिन कलश स्थापना करके माँ दुर्गा का आह्वान किया जाता है। इस वर्ष घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
तिथि | दिन | शुभ मुहूर्त |
---|---|---|
9 अप्रैल 2024 | मंगलवार | 6:05 AM – 10:16 AM (वैधृति योग) |
9 अप्रैल 2024 | मंगलवार | 12:04 PM – 12:54 PM (अभिजित मुहूर्त) |
घटस्थापना पूजा विधि
घटस्थापना की पूजा विधि इस प्रकार है:
- पूजा की तैयारी: सबसे पहले पूजा स्थल को साफ़ करके चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
- कलश स्थापना: इसके बाद कलश में जल भरकर उसमें सुपारी, सिक्का, अक्षत, दूर्वा और कुछ फूल डालें। कलश के मुख पर आम या अशोक के पत्ते रखकर उसके ऊपर नारियल रखें।
- माँ दुर्गा का आह्वान: कलश स्थापना के बाद माँ दुर्गा का आह्वान करें और दीप प्रज्जवलित करें।
- पूजा और आरती: माँ दुर्गा को अक्षत, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें और दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। अंत में आरती कर प्रसाद वितरित करें।
चैत्र नवरात्रि 2024 पूजा सामग्री
चैत्र नवरात्रि की पूजा के लिए आपको निम्नलिखित सामग्रियां चाहिए:
- कलश स्थापना सामग्री: सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का कलश, नारियल, लाल चुनरी, हल्दी, अक्षत, लाल रंग का वस्त्र, सिक्का, पंच पल्लव, सुपारी, शहद, गंगाजल, पंच पल्लव, रोली, जौं के बीज, लाल कपड़ा.
- माता की पूजा सामग्री: गंगाजल, रोली, अटूट चावल (अक्षत), गंगाजल, सिक्का, कुमकुम, आम के 5 पत्ते, जौ, मिट्टी का दीपक, घी, रुई और बाती, जौ बोने के लिए मिट्टी, जटा वाला नारियल, लाल वस्त्र, लौंग, कपूर, कलावा, फूलों की माला.
- माता की श्रृंगार सामग्री: बिंदी, मेहंदी, सिंदूर, लाल चूड़ी, लाल चुनरी, बिछिया, माला, नाक की नथ, काजल, मेहंदी, नेलपॉलिश, लिपस्टिक, इत्र, पायल.
यह सामग्रियां आपको पूजा से पहले तैयार रखनी चाहिए. इसके अलावा, आपको घटस्थापना का शुभ मुहूर्त भी जानना चाहिए, जो 9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 03 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा.
नवरात्रि के नियम
नवरात्रि के नौ दिनों में कुछ नियमों का पालन करना चाहिए, जैसे:
- सात्विक आहार: नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए। प्याज, लहसुन और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
- ब्रह्मचर्य का पालन: नवरात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- नियमित पूजा: नौ दिनों तक नियमित रूप से माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
- सकारात्मक विचार: मन में सकारात्मक विचार रखने चाहिए और किसी से भी कटु वचन नहीं बोलना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि का पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व में माँ दुर्गा की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
चैत्र नवरात्रि 2024 (Chaitra Navratri 2024)
दिन | नवरात्रि दिन | तिथि | पूजा-अनुष्ठान |
09 अप्रैल 2024 | नवरात्रि दिन 1 | प्रतिपदा | मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना |
10 अप्रैल 2024 | नवरात्रि दिन 2 | द्वितीया | मां ब्रह्मचारिणी पूजा |
11 अप्रैल 2024 | नवरात्रि दिन 3 | तृतीया | मां चंद्रघंटा पूजा |
12 अप्रैल 2024 | नवरात्रि दिन 4 | चतुर्थी | मां कुष्मांडा पूजा |
13 अप्रैल 2024 | नवरात्रि दिन 5 | पंचमी | मां स्कंदमाता पूजा |
14 अप्रैल 2024 | नवरात्रि दिन 6 | षष्ठी | माँ कात्यायनी पूजा |
15 अप्रैल 2024 | नवरात्रि दिन 7 | सप्तमी | मां कालरात्रि पूजा |
16 अप्रैल 2024 | नवरात्रि दिन 8 | अष्टमी | मां महागौरी दुर्गा महाअष्टमी पूजा |
17 अप्रैल 2024 | नवरात्रि दिन 9 | नवमी | मां सिद्धिदात्री, राम नवमी |
18 अप्रैल 2024 | नवरात्रि दिन 10 | दशमी | नवरात्रि पारण |
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा से लाभ
दिन | देवी का नाम | रूप | पूजा से लाभ |
---|---|---|---|
1 | शैलपुत्री | हिमालय की पुत्री | शक्ति, साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि |
2 | ब्रह्मचारिणी | ब्रह्मा की शक्ति | ज्ञान, शिक्षा और बुद्धि में वृद्धि |
3 | चंद्रघंटा | चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण करने वाली | मन की शांति, एकाग्रता और ध्यान में वृद्धि |
4 | कूष्मांडा | ब्रह्मांड की रचनाकार | सृजनात्मकता, कल्पना और प्रेरणा में वृद्धि |
5 | स्कंदमाता | भगवान कार्तिकेय की माता | संतान प्राप्ति, परिवार में सुख और समृद्धि |
6 | कात्यायनी | ऋषि कात्यायन की पुत्री | शत्रुओं पर विजय, सुरक्षा और रक्षा |
7 | कालरात्रि | राक्षसों का नाश करने वाली | नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति, भय और चिंता से मुक्ति |
8 | महागौरी | श्वेत वस्त्र धारण करने वाली | सौंदर्य, आकर्षण और मोहकता में वृद्धि |
9 | सिद्धिदात्री | सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली | मनोकामनाओं की पूर्ति, सफलता और समृद्धि |
नवरात्रि में करें इन मंत्रों का जाप
नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर स्वरूप की अपनी अलग शक्ति और महत्व है। माँ के इन स्वरूपों की कृपा पाने के लिए आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं:
- माँ शैलपुत्री: “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः”
- माँ ब्रह्मचारिणी: “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः”
- माँ चंद्रघंटा: “ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः”
- माँ कूष्माण्डा: “ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः”
- माँ स्कंदमाता: “ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः”
- माँ कात्यायनी: “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः”
- माँ कालरात्रि: “ॐ देवी कालरात्र्यै नमः”
- माँ महागौरी: “ॐ देवी महागौर्यै नमः”
- माँ सिद्धिदात्री: “ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः”
इन मंत्रों का जाप करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
नवरात्रि व्रत का महत्व
नवरात्रि में व्रत रखने का विशेष महत्व है। व्रत रखने से मन और शरीर दोनों की शुद्धि होती है। व्रत के दौरान सात्विक भोजन करने से शरीर स्वस्थ रहता है और मन में सकारात्मकता का संचार होता है। इससे व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है और माँ दुर्गा की कृपा से जीवन में सुख-शांति आती है।
चैत्र नवरात्रि का पर्व भक्ति और आस्था का प्रतीक है। इस पर्व को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। माँ दुर्गा की कृपा से सभी के जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली आए, यही कामना है।
नवरात्रि में करें इन मंदिरों के दर्शन
नवरात्रि के पावन अवसर पर देश भर के देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लोग दूर-दूर से माँ के दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं।
यहाँ कुछ प्रसिद्ध देवी मंदिरों की सूची दी गई है जहाँ आप नवरात्रि में दर्शन कर सकते हैं:
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू कश्मीर: यह मंदिर माँ वैष्णो देवी को समर्पित है और भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
कामाख्या देवी मंदिर, असम: यह मंदिर तंत्र साधना का केंद्र माना जाता है और यहाँ माँ के 51 शक्तिपीठों में से एक है।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता: यह मंदिर माँ काली को समर्पित है और यहाँ नवरात्रि में भव्य आयोजन होते हैं।
महाकाली मंदिर, उज्जैन: यह मंदिर माँ महाकाली को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित है।
चामुंडा देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश: यह मंदिर माँ चामुंडा को समर्पित है और 51 शक्तिपीठों में से एक है।
इनके अलावा और भी कई प्रसिद्ध देवी मंदिर हैं जहाँ आप नवरात्रि में दर्शन कर सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2024 कन्या पूजन
नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है. यह माना जाता है कि कन्याओं में देवी दुर्गा का वास होता है और उनका पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन, यानी महाष्टमी और महानवमी के दिन, कन्या पूजन किया जाता है.
कन्या पूजन के नियम:
- कन्याओं की संख्या: कम से कम 9 कन्याओं और एक बालक का भोजन कराना चाहिए.
- कन्याओं का चयन: कन्याओं का चयन करते समय ध्यान रखें कि वे कुंवारी हों और उनकी आयु 9 वर्ष से कम न हो.
- भोजन: कन्याओं को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन कराना चाहिए.
- दक्षिणा: कन्याओं को भोजन के बाद दक्षिणा देना चाहिए.
- आशीर्वाद: कन्याओं से आशीर्वाद लेना चाहिए.
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