नई दिल्ली। अब गांव की महिलाएं किसी भी रूप में कमतर नहीं रहेंगी। वे अब उद्योगों के भारी वाहनों को भी चलाएंगी। त्रिवेणी सैनिक माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम आयोजित कर एक बेहतरीन उदहारण प्रस्तुत किया गया। इस कंपनी को एनटीपीसी द्वारा झारखण्ड राज्य में पकरिबरवाडीह कोल् माइनिंग परियोजना क्षेत्र में कोयला खदान संचालित करने का कार्य दिया गया है।
इस कंपनी ने झारखण्ड की स्थानीय 12 महिलाओं को 100 टन डंफर (हॉलपैक ) भारी वाहन चलाने के लिये प्रशिक्षण उपरान्त आज वाहन चलाने के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया ।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने India CSR Network को बताया कि महिलाओं को भारी वाहन चलाने के लिए प्रशिक्षण उपरान्त वाहन चलाने के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में परियोजना के कार्यपालक निदेशक, एनटीपीसी NTPC पकरिबरवाडीह – श्री कश्यप, एनटीपीसी के अधिकारी श्री चक्रवर्ती, त्रिवेणी सैनिक माइनिंग के हिम्मत सिंह, श्री भास्कर, मानव संसाधन विभाग के महा प्रबंधक श्री कौशल राज, सतेंद्र सिंह, सत्यदेव सिंह भी उपस्थित थे I कार्यक्रम एचईएमएम क्षेत्र उरुब में आयोजित किया गया ।
यह कार्यक्रम विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण, सामानांतर रोजगार के अवसर के साथ साथ STEP जो की भारत सरकार द्वारा संचालित योजना सपोर्ट टु ट्रैनिंग एंड एम्प्लॉयमेंट प्रोग्राम फॉर वूमेन के अंतर्गत था ।
इसमें झारखण्ड की चयनित 12 स्थानीय महिलाओं के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण आयोजित किया गया। उन्हें प्रशिक्षण उपरांत अपने हौसले, लगन व कठिन मेहनत के बदौलत माइंस में 100 टन डम्फर (हॉल पैक) चलाकर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि जो महिला कभी घर की दहलीज से बाहर जाने से झिझकती थी, अब वे विशेष कार्यों को करने में समर्थ हो रही हैं । पहले ये महिलाएं सड़कों पर आटो चलाती थीं।
एक महिला ऑपरेटर ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यहाँ आने से पहले वे ऐसे नए तकनीक के डम्फर (भारी वाहन) को देखे भी नहीं थे। इसे आज हम सब महिला साथी बिना किसी डर के माइंस के सड़को पर चला रहे हैं I
उक्त कार्यक्रम का संचालन उत्तम झा द्वारा किया गया। खनन प्रमुख चंदेल सहित एनटीपीसी, त्रिवेणी सैनिक के कई वरिष्ठ अधिकारी व HR व CSR विभाग के कर्मचारी भी उपस्थित थे I