नई दिल्ली। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सूचीबद्ध 1,000 से अधिक कंपनियों ने वर्ष 2014-15 में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर कुल 6,400 करोड़ रुपये खर्च किए। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने यह जानकारी दी है। बता दें कि भारत में कंपनियों द्वारा लाभ का सुनिश्चित हिस्सा सामाजिक सेवाओं के लिए खर्च करना कानून बनाकर अनिवार्य किया गया है।
सीआईआई-आईटीसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएसआर के खर्च के सर्वेक्षण में शामिल 1,181 कंपनियों में से 90 फीसदी से अधिक ने सीएसआर नियमों का पालन किया और करीब 6,400 करोड़ रुपये गत वित्त वर्ष में खर्च किए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस राशि में से करीब 55 फीसदी शिक्षा, कौशल, जीविका, स्वास्थ्य और स्वच्छता पर खर्च हुई है। यह भी कहा गया है कि, प्रधानमंत्री राहत कोष में सिर्फ दो फीसदी डाले गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, योग्य कंपनियों में से दो फीसदी ने दो फीसदी की अनिवार्यता से कम खर्च किया है।
पिछले वर्ष बनाए गए कानून के अंतर्गत निर्धारित श्रेणी में आने वाली कंपनियों को तीन साल के औसत सालाना शुद्ध लाभ का कम से कम दो फीसदी सीएसआर पर खर्च करना होता है। परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि इस विश्लेषण से यह पता चलता है कि धारा 135 का मामूली अनुपालन होने की धारणा सही नहीं है।
परिसंघ की सीएसआर पर राष्ट्रीय कमेटी के सह-अध्यक्ष और टाटा समूह के प्रवक्ता मुकुंद राजन का कहना है कि कॉरपोरेट भारत ने राष्ट्रनिर्माण में योगदान किया है, जो कि सीएसआर कानून बनाने का प्रमुख मकसद है।