नई दिल्ली (इंडिया सीएसआर): Vishnupriya Hotels and Resorts Private Limited को CSR (Corporate Social Responsibility) अनुपालन न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़े हैं। कंपनी को शुरुआत में 1.59 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना भरना पड़ा, जिसे बाद में कंपनी की अपील और कोविड-19 के दौरान उत्पन्न हुई बाधाओं के कारण घटाकर 32.72 लाख रुपये कर दिया गया।
यह मामला CSR अनुपालन की अनदेखी से संबंधित है और यह दर्शाता है कि कानूनी और नैतिक जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करना कंपनियों और उनके निदेशकों को कितना भारी पड़ सकता है।
CSR नियमों का उल्लंघन: तीन वर्षों तक अनुपालन में चूक
वित्त वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के दौरान Vishnupriya Hotels ने CSR से संबंधित कंपनियों अधिनियम, 2013 की धारा 135 और 134(3)(o) के तहत जरूरी प्रावधानों का पालन नहीं किया। प्रमुख चूकें इस प्रकार रहीं:
- कंपनी ने कोई CSR नीति नहीं अपनाई।
- CSR समिति का गठन नहीं किया गया।
- CSR फंड्स का उपयोग नहीं किया गया और न ही निर्धारित फंड में स्थानांतरित किया गया।
- बोर्ड रिपोर्ट में इन चूकों का कोई उल्लेख नहीं किया गया।
भारतीय कानून के अनुसार, ऐसी कंपनियों को औसतन तीन वर्षों के शुद्ध लाभ का कम से कम 2% CSR गतिविधियों पर खर्च करना अनिवार्य है।
मूल जुर्माना: 1.59 करोड़ रुपये की सजा
Registrar of Companies (ROC) ने 19 अप्रैल 2024 को अपने आदेश में कंपनी और उसके निदेशकों पर कठोर जुर्माना लगाया:
- CSR समिति न बनाने पर: 9 लाख रुपये
- CSR फंड खर्च न करने और स्थानांतरण न करने पर: 1.36 करोड़ रुपये
- बोर्ड रिपोर्ट में गैर-प्रकटीकरण पर: 13.5 लाख रुपये
- कुल जुर्माना: 1,58,91,752 रुपये
अपील: न्याय और संदर्भ की गुहार
कंपनी ने 5 जून 2024 को MCA के समक्ष धारा 454(5) के तहत अपील दायर की। 11 दिसंबर 2024 को सुनवाई के दौरान कंपनी के प्रतिनिधि, नवरंग सैनी (प्रैक्टिसिंग कंपनी सेक्रेटरी) ने यह स्वीकार किया कि कंपनी से CSR अनुपालन में चूक हुई है, लेकिन इसके पीछे कोविड-19 के कारण आई बाधाओं और एक नई बोर्ड की नियुक्ति जैसे कारण थे।
उन्होंने बताया कि कंपनी की स्थापना 2019 में हुई थी और CSR से जुड़ी कई व्यवस्थाएं समय पर नहीं हो सकीं।
सुधारात्मक कदम: CSR अनुपालन की ओर देर से सही पर कदम
सुनवाई से पहले कंपनी ने कुछ महत्वपूर्ण सुधार किए:
- 31 जनवरी 2024 को CSR नीति को अपनाया गया।
- CSR समिति का गठन किया गया।
- 68.2 लाख रुपये की शेष CSR राशि को 4 मार्च 2024 को केंद्र सरकार द्वारा स्थापित Clean Ganga Fund में स्थानांतरित किया गया।
अंतिम आदेश: जुर्माने में बड़ी राहत
इन सुधारों को ध्यान में रखते हुए Regional Director (South East Region) ने जुर्माने को निम्नानुसार घटा दिया:
- कंपनी: 30,00,000 रुपये
- अजित पदिवाल (निदेशक): 1,36,000 रुपये
- चित्रा पदिवाल (निदेशक): 1,36,000 रुपये
- कुल जुर्माना: 32,72,000 रुपये
सभी राशि 18 दिसंबर 2024 को चुका दी गई और आदेश 8 जनवरी 2025 को जारी हुआ।
कंपनियों के लिए सबक: CSR अनुपालन को हल्के में न लें
यह मामला स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि CSR अनुपालन की अनदेखी, भले ही अनजाने में हो, गंभीर वित्तीय और कानूनी परिणाम ला सकती है। CSR अब केवल एक कॉर्पोरेट प्रथा नहीं, बल्कि कंपनियों की कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी है।
निष्कर्ष: CSR अनुपालन एक गंभीर दायित्व
Vishnupriya Hotels के मामले से यह साफ हो जाता है कि CSR कानूनों की अवहेलना अब नजरअंदाज नहीं की जा सकती। निदेशक मंडल को यह सुनिश्चित करना होगा कि CSR नीति बनाना, समिति का गठन, फंड का उपयोग और बोर्ड रिपोर्ट में पारदर्शिता—इन सभी पर गंभीरता से अमल हो।
(India CSR)
अंग्रेजी में भी पढ़ें: MCA Reduces Vishnupriya Hotels’ CSR Penalty from Rs 1.59 Cr to Rs 32.72 Lakh
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