यूरिक एसिड शरीर में अनुपयोगी उत्पाद होता है जो खाना पचाते समय बनता है। खून में पाया जाने वाला ये पदार्थ मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। अगर किसी कारण की वजह से यूरिक एसिड की मात्रा शरीर में ज्यादा हो जाये या गुर्दे इसे शरीर से बाहर निकालने में असमर्थ हो, तो यह क्रिस्टल के रूप में शरीर में जमा होने लगते है। यही क्रिस्टल्स शरीर के अनेक जोड़ो को प्रभावित करते है और उनपर जमा होने लगते है। इससे शरीर के विभिन्न हिस्सों और अंगों को नुकसान होने की संभावना होती है। ऐसा होने पर शरीर के इन अंगों में:
- जोड़ो का दर्द
- सूजन
- लालपन
- चलने में परेशानी अदि जैसे लक्षण महसूस हो सकते है
इस लेख में आप जानेंगे इस बीमारी के लक्षण, कारण और यूरिक एसिड का आयुर्वेदिक इलाज। आयुर्वेद में इसे वात रक्त भी कहा जाता है जो वात दोष के कारण होता है। आयुर्वेदिक दर्शन के अनुसार वात तीन मुख्य दोषों में से एक दोष है। ऐसा माना जाता है कि ये तीन दोष यानी वात, पित्त, और कफ शरीर का आधार बनाते हैं। इन तीनों में कोई भी असंतुलन आपके पूरे शरीर को परेशान कर सकता है। शरीर का मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है और विभिन्न कारणों से रक्त (यूरिक एसिड) बढ़ सकता है। इसे मुख्य रूप से हाथों और पैरों के जोड़ो में देखा जाता है जैसे कि पैर की उंगलियां, घुटने, हाथों की उंगलियां, कलाई या कोहनी।
पुरषों और महिलाओं में यूरिक एसिड का स्तर
शरीर में यूरिक एसिड एक सामान्य मात्रा में मौजूद होता है मगर इसका लगातार बढ़ता स्तर महिलाओं और पुरषों की सेहत में एक चिंताजनक कारण बन सकता है। जब यह स्तर निश्चित मात्रा से कम हो तो इसका संकेत है की यूरिक एसिड सामान्य से अधिक मात्रा में शरीर से बाहर निकल रहा है। पुरषों और महिलाओं में यूरिक एसिड का स्वस्थ और असामान्य स्तर निम्नलिखित है :
यूरिक एसिड का स्तर | पुरषों | महिलाओं |
साधारण | 2.5-7 mg/dL | 1.5-6 mg/dL |
उच्चतर | >7 mg/dL | >6 mg/dL |
कम | <2 mg/dL | <1.5 mg/dL |
यूरिक एसिड के कारण
ऐसे काफी कारण है जिसकी वजह से हमारे शरीर मे यूरिक एसिड, सामान्य स्तर से बढ़ सकता है। जैसे की:
- शराब का नियमित सेवन
- रेड मीट और मांसाहारी भोजन का अधिक सेवन
- अधिक मीठे का सेवन
- पारिवारिक इतिहास
- उच्च रक्तचाप, किडनी की समस्या, मधुमेह और मोटापा जैसी स्थितियाँ
- प्यूरीन युक्त आहार
- अत्यधिक प्रोटीन का सेवन
- जंक फूड
यूरिक एसिड के उच्च स्तर के लक्षण
यूरिक एसिड बढ़ने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जिसके अतिरिक्त गाउट, हृदय रोग, गठिया और गुर्दे के रोग शामिल है। यूरिक एसिड के लक्षण जो की आम तोर पर देखे जाते है निम्नलिखित हैं:
- जोड़ों में तेज़ दर्द
- जोड़ों के आस पास लालिमा
- जोड़ों में सूजन
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना
- जोड़ों में गर्माहट महसूस होना
- अकड़न जकरण होना
- गुर्दे में पथरी बनना
घरेलु उपचार
उच्च यूरिक एसिड का घरेलू उपचार अपनाकर ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद में ऐसे कई उपचार मौजूद हैं जिन्हे अपनाकर यूरिक एसिड सामान्य हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार जीवनशैली और आहार में परिवर्तन करके तीनों दोषों को संतुलित किया जाता है जिससे यूरिक एसिड जैसी समस्या दूर हो जाती है।
कुछ घरेलू उपचार निम्नलिखित है जिन्हे अपनाकर आप यूरिक एसिड से मुक्त एक स्वस्थ जीवन जी सकते है।
- प्यूरीन से भरपूर पदार्थ और शराब का परहेज करें
- वज़न को नियंत्रित रखें
- रोज़ाना योग या व्यायाम को अपनाएं
- यूरिक एसिड में मूंग दाल का सेवन कर सकते है लेकिन सीमित मात्रा में
- स्वस्थ आहार लें जिसमे हरी भरी सब्जियाँ और ताज़े फल खाएं
- शरीर को हाइड्रेटेड रखें
- मांसाहारी आहार का सेवन बिलकुल ना करे
- यूरिक एसिड में बादाम खाना चाहिए
- कम वसा वाले डेयरी उत्पाद का सेवन कर सकते है
- आयुर्वेदिक जड़ी बूटियाँ जैसे की हल्दी, गिलोय, अश्वगंधा, गोखरू, हरसिंगार आदि यूरिक एसिड की रामबाण दवा मानी जाती है। इनका सेवन अवश्य करें।
ऊपर दिए घरेलु उपचारों को अपनाकर यूरिक एसिड से होने वाली जोड़ो की दर्द, सूजन और कई परेशानियाँ दूर हो सकती है। यूरिक एसिड को नियंत्रण करने के लिए कई दवाइयाँ और इलाज़ उपलब्ध है लेकिन आयुर्वेद के माध्यम से इसे जड़ से नकुदरती ठीक किया जा सकता है। इसमें कोई जोखिम की सम्भावना नहीं होती क्योंकि यह इलाज़ प्रकृति आधारित है।
निष्कर्ष
यूरिक एसिड का उच्च स्तर काफी आम समस्या बन चुकी है। कई बार इसके लक्षण भी महसूस नहीं होते। ऊपर दिए गए यूरिक एसिड कम करने के उपाय किसी भी इलाज का दवा नहीं करते। इनका प्रयोग एक्सपर्ट्स से सलाह लेने के बाद ही करें। यदि आप हाई यूरिक एसिड की समस्या से परेशान है और आयुर्वेदिक उपचार की तलाश में हैं तो डॉ. शारदा आयुर्वेदा अस्पताल अवश्य जाएँ और इलाज शुरू करवाएं। यहां अनगिनत मरीज यूरिक एसिड और उसके लक्षणों से मुक्त हो चुके है और एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहें हैं।