उदयपुर: हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड के दरिबा स्मैल्टिंग कॉम्पलेक्स (डीएससी) स्थित कैप्टिव पावर प्लांट (सीपीपी) को 500 मेगा वाट से कम क्षमता वाले संयंत्रों की श्रेणी में पानी का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने वाले प्लांट के पुरस्कार से सम्मानित। यह प्लांट जल प्रबंधन और संरक्षण हेतु निरंतर प्रयासरत है तथा एसटीपी वाटर का इस्तेमाल करते हुए यह पानी की कम से कम खपत करता है।
यह पुरस्कार हाल ही में आयोजित वाटर ऑप्टिमाइज़ेशन 2020 अवार्ड्स में प्रदान किया गया। मिशन ऐनर्जी फाउंडेशन द्वारा इस वर्ष इन पुरस्कारों का वर्चुअल समारोह आयोजित किया गया था।
हिन्दुस्तान ज़िंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, ’’जल प्रबंधन के लिए हमारा सतत् दृष्टिकोण रहता है। पानी की ज्यादा से ज्यादा रिसाइकलिंग और ज़ीरो डिस्चार्ज कायम रखने के लिए हम विविध एवं अभिनव तकनीकों को अमल में लाते हैं। हमने शहर के सीवेज वाटर का ट्रीटमेंट करने की भी व्यवस्था की है, फिर साफ किए गए पानी का इस्तेमाल औद्योगिक कार्यों तथा भूजल के पुनर्भरण के लिए किया जाता है। यह पुरस्कार इस बात का परिचायक है कि कंपनी जल को संरक्षित करने तथा जल प्रबंधन हेतु समर्पित होकर प्रयास कर रही है।’’
तकनीकी भाषा में कहें तो हिन्दुस्तान ज़िंक जितने पानी की खपत करती है उसके हिसाब से यह 2.41 गुना वाटर पॉज़िटिव है। खनन उद्योग में अग्रणी इस कंपनी को थर्ड पार्टी संगठन द्वारा की गई पड़ताल में वाटर पॉज़िटिव घोषित किया गया है। वाटर ऑप्टिमाइज़ेशन अवार्ड 2020 उन संगठनों को प्रदान किए जाते थे जो थर्मल पावर प्लांट में पानी की समझदारीपूर्ण खपत हेतु सर्वोत्तम उपाय करते थे और उच्चतम स्तर की प्रतिबद्धता दर्शाते थे।
वक्त बीतने के साथ अब इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन संगठनों को सम्मानित करना हो गया है जो अपने परिचालन व प्रणाली में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं और अपने व्यापार पर उसके सकारात्मक प्रभाव का साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं। ये पुरस्कार व्यापारिक उत्सकृष्टता और निरंतरता के स्वाभाविक मूल्य को समझने में उत्प्रेरक का काम भी करते हैं।