उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, हिन्दमेटल एक्सप्लोरेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (एचईएसपीएल), खनिज अन्वेषण के लिए उन्नत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक टेक्नोलॉजी को लागू करने वाली भारत की पहली कंपनी बन गई है। इस तकनीक में जमीन के भीतर खनिजों का पता लगाने के लिए बोरहोल ईएम और सतह पर खोज के लिए स्क्विड सेंसर्स का उपयोग किया जाता है।
बोरहोल ईएम, सल्फाइड जमा जैसे प्रवाहकीय अयस्क पिंडों के आकार और चालकता के बारे में उच्च-रिजॉल्यूशन जानकारी प्रदान कर उनकी जानकारी और उनका मानचित्रण करने में मदद करता है। सतह पर उपयोग किए जाने वाले स्क्विड सेंसर, कमजोर विद्युत चुम्बकीय संकेतों को पकड़ने में अत्यधिक प्रभावी होते हैं, जिससे ये कम चालकता वाले या गहराई में दबे खनिज लक्ष्यों की पहचान करने में उपयोगी होते हैं। यह टेक्नोलॉजी खनिज खोज को अधिक सटीक, तेज और प्रभावी बनाती है। इस तकनीक का उपयोग सल्फाइड जैसे खनिजों को गहराई से ढूंढने और उनकी आकृति का पता लगाने में मदद करता है। इसके अलावा, एचईएसपीएल लिडार और हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग से लैस ड्रोन का भी उपयोग कर रही है, जो बड़े इलाकों का हाई-रिजॉल्यूशन नक्शा तैयार करते हैं।
ज्ञात खनन क्षेत्रों के साथ-साथ, एचईएसपीएल पहले से अनदेखे क्षेत्रों में नए खनिज क्षेत्रों की पहचान करके ग्रीनफील्ड अन्वेषण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। भूवैज्ञानिक, भूभौतिकीय, भू-रासायनिक और उपग्रह चित्रों सहित विविध डेटासेट को एकीकृत कर एआई और एमएल मॉडल के माध्यम से उनका विश्लेषण करके, कंपनी आगे कहाँ अन्वेषण करना है, इस बारे में अधिक सूचित और पूर्वानुमानित निर्णय ले रही है। महत्वपूर्ण खनिजों और आधार धातुओं पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए, एचईएसपीएल भारत की छिपी हुई संसाधन क्षमता को उजागर करने और खनन के लिए एक अधिक टिकाऊ भविष्य को आकार देने के लिए प्रौद्योगिकी, प्रतिभा और डेटा इंटेलिजेंस का संयोजन कर रहा है।
इस पहल पर, हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि, “हमारा मानना है कि खनिज अन्वेषण का भविष्य विज्ञान और स्मार्ट टेक्नोलॉजी के संगम पर निर्भर करता है। हिन्दुस्तान जिंक में, हम डिजिटल इनोवेशन को बढ़ावा देने, अपने लोगों को सशक्त बनाने और उभरते तकनीकी स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हिन्दमेटल की उपलब्धियां सिर्फ खोज के मील के पत्थर नहीं हैं, बल्कि यह भारत की महत्वपूर्ण खनिजों में रणनीतिक स्वायत्तता को भी बढ़ाती हैं।”

हिन्दमेटल एक्सप्लोरेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, खनिज अन्वेषण के लिए डेटा-टू-डिस्कवरी दृष्टिकोण अपनाती है, जो एक व्यवस्थित और विज्ञान-आधारित प्रक्रिया के माध्यम से संपूर्ण समाधान प्रदान करती है। बेस मेटल अन्वेषण में दो दशकों से अधिक की गहन विशेषज्ञता के साथ, कंपनी भूविज्ञान, भूभौतिकी, रिमोट सेंसिंग (आरएस), जीआईएस और ड्रिलिंग में पूर्णकालिक विशेषज्ञों की एक टीम के साथ कार्य करती है। हिन्दमेटल एक्सप्लोरेशन ने प्रतिष्ठित क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया – नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग प्रमाणन प्राप्त किया है, जिससे इसे भारत सरकार के दिशानिर्देशों के तहत ए श्रेणी अन्वेषण एजेंसी का दर्जा प्राप्त हुआ है।
यह तकनीक और डेटा-आधारितदृष्टिकोण के साथ, हिन्दमेटल भूवैज्ञानिक, भूभौतिकीय और उपग्रह डेटा को एकीकृत कर एआई या एमएल मॉडल की मदद से नए खनिज क्षेत्रों की पहचान कर रही है। कंपनी का लक्ष्य भारत के खनिजों की छिपी हुई क्षमता को उजागर करना और खनन के लिए सस्टेनेबल भविष्य को आकार देना है।