रुसेन कुमार द्वारा
स्वस्थ, शांत और प्रसन्न मनःस्थिति के बिना कुछ भी कर पाना संभव नहीं है। मानसिक वैभव का तात्पर्य व्यक्ति के मानसिक क्षमता, उसकी सोचने, समझने, अनुभव करने, और विचार करने की अच्छी क्षमता से है। प्रत्येक वस्तु पहले मन और विचारों की उपजती हैं, फिर बाद में भौतिक रूप में हमारे सामने आते हैं। हमारे मन और विचारों में जितनी अधिक अच्छाई की मात्रा होगी, उसी मात्रा में अच्छाई वाले विचार आएँगे।
मानसिक वैभव एक ऐसी स्थिति है जिसमें मनुष्य का मन स्वस्थ, शांत और प्रसन्न रहता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें मनुष्य अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए बहुत ही पवित्र मानसिक अवस्था के साथ तैयार रहता है। मानसिक वैभव के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं, जिनमें शारीरिक स्वास्थ्य, मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य, सामाजिक संबंध और जीवन शैली शामिल हैं।
अपने मानसिक वैभव पर ध्यान देना और उसे बढ़ाना हमारे जीवन में कई लाभ प्रदान करता है। यह हमें तनाव, चिंता और अवसाद से निपटने में मदद करता है, हमें दीर्घायु बनाता है, संकटों से दूर रखता है। यह हमें अपने कल्याणकारी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें अधिक रचनात्मक और उत्पादक बनाता है और कार्यों को सार्थक व टिकाऊ बनाता है। यह हमें बेहतर संबंध बनाने और उसे निभाने में मदद करता है।
हम अपने जीवन के प्रत्येक चीज को सजाने-संवारने, अच्छा बनाने, व्यवस्थित रहने की कोशिश करते हैं, लेकिन मानसिक वैभव जैसी महान वस्तु के बारे में हमारी कम ही जागरूकता रहती है। प्रेम, स्नेह, करुणा, सहानुभूति, सहयोग, ज्ञान पिपासा, संरक्षण भावना, योगदान करना, स्वाध्याय, संगीत, दान, सेवा आदि की मात्रा को बढ़ा कर जीवन को अधिक सार्थक करने हेतु मानसिक समृद्धि को बढ़ाया जा सकता है।
अपने मस्तिष्क में अच्छाइयों को धीरे-धीरे जमा करते रहिए, पर्याप्त रूप से संग्रहित होने पर यह किसी दिन मानसिक संपदा में रूपान्तरित हो जाएगी। – रुसेन कुमार
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मानसिक वैभव के अभाव का परिणाम
यदि आप अपने जीवन में आर्थिक हानि हो रही है, आपको संबंध निभाने में कठिनाइयाँ आ रही हैं, पर्याप्त सफलता नहीं मिल रही है, भविष्य के प्रति चिंतित रहते हैं, अदृश्य डर बना रहता है, आने वाला दिन सुखमय प्रतीत नहीं होता, मन में उत्साह नहीं रहता है, कुछ करने का मन नहीं करता है, लोग के व्यवहार से आपको अपमान महसूस होता है, पढ़ने-लिखने पर भी बात की गहराई समझ में नहीं आती, आदि ऐसे कई लक्षण यदि आपके जीवन से मेल खाते हैं, तो इसका मुख्य कारण आपके भीतर मानसिक वैभव का अभाव ही है।
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मानसिक वैभव बढ़ाने उपाय
जितना अधिक हो सके मानसिक संपदा बढ़ाइए। जिस तरह आप अपने बैंक एकाउँट को बढ़ाने के लिए फिक्रमंद रहते हैं, उसी तरह मानसिक वैभव किस तरह बढ़ सकता है, उसके लिए प्रयास करते रहिए। मानसिक संपदा, जीवन की आंतरिक मूल्यवान संपत्ति है जो व्यक्ति को अपने जीवन में सफल होने और खुश रहने की प्रवृत्ति को बनाए रखने में मदद कर सकती है।
अपने मानसिक वैभव पर ध्यान देना और उसे बढ़ाना हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण निवेश है। यह हमें एक स्वस्थ, खुशहाल और सफल जीवन जीने में मदद करता है।
अपने मानसिक वैभव पर ध्यान देने और उसे बढ़ाने के लिए हम निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
तनाव को कम करें: तनाव मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम और अन्य तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
अपने बारे में सकारात्मक सोचें: अपनी ताकत और उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करें। खुद को दूसरों से तुलना न करें।
दूसरों के साथ जुड़ें: सामाजिक संबंध मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।
अपने जीवन में अर्थ खोजें: अपने जीवन में एक उद्देश्य और अर्थ खोजने से आपको प्रेरित और खुश रहने में मदद मिलेगी।
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मानसिक संपदा
मानसिक संपदा वह अदृष्य पूंजी है जो व्यक्ति के मानसिक कौशल और क्षमताओं द्वारा अर्जित की जाती है। इसमें ज्ञान, बुद्धि, रचनात्मकता, समस्या-समाधान क्षमता, और अन्य मानसिक गुण शामिल हैं। मानसिक संपदा अपने सभी रूपों में कल्याणकारी ही होती है। यह विशेषता लोगों को उनको उनके करियर में सफल होने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने, और अपने जीवन को अथिक सार्थक बनाने में मदद कर सकती है।
अपने मानसिक वैभव को बढ़ाने के लिए कुछ विशिष्ट सुझाव:
नियमित रूप से ध्यान करें। ध्यान एक शक्तिशाली मानसिक स्वास्थ्य उपकरण है जो तनाव को कम करने, चिंता को दूर करने और मन को शांत करने में मदद कर सकता है।
योग या अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल हों। शारीरिक गतिविधि तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
स्वास्थ्यवर्धक आहार ग्रहण कीजिए। स्वस्थ आहार आपके शरीर और दिमाग को पोषण देता है।
महान किताबों का नियमित अध्ययन कीजिए।
महान विचारों में खो जाइए।
संगीत की सभा में जाइए और संगीत की मधुरता में खो जाइए।
पर्याप्त नींद लें। नींद आपके मन को तरोताजा और सक्रिय रखने में मदद करती है।
अपने लिए समय निकालें। अपने पसंदीदा कामों में समय बिताने से आपको तनाव से राहत मिल सकती है और आपके मूड में सुधार हो सकता है।
मानसिक वैभव से मानसिक संपदा का सृजन होता है। – रुसेन कुमार
प्राणियों की सेवा कीजिए।
संगीत के किसी भी विधा का अभ्यास कीजिए।
अधिक प्रामाणिक बनने की कोशिश कीजिए।
अपने बोले गए शब्दों पर ध्यान दीजिए।
वादा निभाने के लिए अतिरिक्त प्रयास कीजिए।
योगदान करने की भावना रखिए।
हानि करने की भावना को त्यागिए। धोखा देने की भावना से बचने की हरसंभव कोशिश कीजिए।
किसी विश्वसनीय मित्र या परिवार के सदस्य से बात करें। अपने विचार और भावनाओं को व्यक्त करने से आपको बेहतर महसूस करने में मदद मिल सकती है।
पेशेवर मदद लें। अगर आपको मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो एक योग्य पेशेवर से मदद लेना महत्वपूर्ण है।
अपने मानसिक वैभव पर ध्यान देना और उसे बढ़ाना एक सतत प्रक्रिया है। आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए समय और प्रयास करना होगा। लेकिन अगर आप इन प्रयासों में संलग्न हैं, तो आप एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने की संभावना बढ़ा सकते हैं।
लेखक – विचारक एवं पत्रकार हैं।
कापीराइट – इंडिया सीएसआर