रायपुर (इंडिया सीएसआर)। छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व (USTR) में एक संदिग्ध पोटाश बम विस्फोट में एक हाथी का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया है। अधिकारियों ने इस घटना की पूरी जांच शुरू कर दी है, यह मानते हुए कि यह विस्फोट जंगली जानवरों, जैसे हाथियों या जंगली सूअरों को निशाना बनाने के लिए लगाया गया हो सकता है।
खून के धब्बे और बम के टुकड़े मिलने से घटना की पुष्टि
घटना का पता तब चला जब रिसगांव वन रेंज के रेंजर को यूएसटीआर के सालटोर बीट क्षेत्र में खून के धब्बे दिखाई दिए, जहाँ हाल ही में 38-40 हाथियों का झुंड देखा गया था। जांच के दौरान, वन अधिकारियों ने पोटाश बम के टुकड़े भी पाए, जिससे विस्फोट की पुष्टि हुई।
इस खोज के बाद, एक एंटी-पोचिंग टीम ने टाइगर रिजर्व में लगभग छह किलोमीटर के क्षेत्र में खून के धब्बों और पैरों के निशानों का पीछा करना शुरू किया। USTR के उप निदेशक वरुण जैन ने बताया कि इस खोज में सीसीएफ वाइल्डलाइफ सतोविषा समाजदार और जंगल सफारी रायपुर के डॉ. राकेश वर्मा सहित कई वन्यजीव विशेषज्ञ शामिल हुए। इनके साथ एक डॉग स्क्वाड और सरकारी ड्रोन भी लगाया गया ताकि घायल हाथी के बच्चे का पता लगाया जा सके।
ड्रोन की मदद से घायल हाथी के बच्चे का पता लगा
प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चला कि विस्फोट के कारण हाथियों का झुंड छोटे-छोटे समूहों में बंट गया। 10 नवंबर 2024 को, तीन दिवसीय खोज के बाद, एसडीओ उदंती गोपाल कश्यप के नेतृत्व में अधिकारियों ने 4-5 साल के एक युवा हाथी का पता लगाया। जबड़े और पैर में चोटें पाए जाने के बाद, ड्रोन की सहायता से हाथी का पता चला। मौके पर ही पशु चिकित्सा टीम ने घायल हाथी का इलाज किया।
संदिग्धों की तलाश में प्रयास तेज
वन विभाग ने घटना के बाद पोटाश बम लगाने वालों की जानकारी देने वालों के लिए 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया है। इसके अलावा, क्षेत्र में संदिग्धों की तलाश के लिए एक डॉग स्क्वाड को तैनात किया गया है और इस मामले की तेजी से जांच के लिए एक औपचारिक पुलिस शिकायत भी दर्ज की गई है।
घायल हाथी के बच्चे की हालत और आगे की कार्रवाई
उप निदेशक वरुण जैन ने बताया कि वन विभाग की टीम और पशु चिकित्सा डॉक्टर आज दोपहर घायल हाथी के बच्चे की स्थिति का आकलन करेंगे। उन्होंने कहा, “पूरी जांच के बाद ही हम घायल हाथी के बच्चे की सटीक स्थिति की पुष्टि कर पाएंगे।”
इस घटना ने छत्तीसगढ़ के वन्यजीव अभ्यारण्यों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और अधिकारी अब उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के भीतर वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयासों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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