हिंदुस्तान जिंक के सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट गोल्स के तहत रेस्क्यू रूम रिफ्रेशर ट्रेनिंग (आरआरआरटी) की देखरेख और मार्गदर्शन में सात महिला अधिकारियों को राजसमंद जिले के राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स में प्रशिक्षित कर चयन किया गया ।
प्राकृतिक संसाधन प्रमुख वेदांता समूह की जिंक-लीड-सिल्वर उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक की एक बड़ी पहल के तहत राजस्थान में खनन कार्यों में अत्यधिक सुरक्षा रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए पहली बार महिलाओं की खनन टीम को प्रशिक्षित किया है।
हिंदुस्तान जिंक के सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट गोल्स के तहत रेस्क्यू रूम रिफ्रेशर ट्रेनिंग (आरआरआरटी) की देखरेख और मार्गदर्शन में सात महिला अधिकारियों को राजसमंद जिले के राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स में प्रशिक्षित कर चयन किया गया । यह नवीन पहल कार्यस्थल में होने वाली किसी भी प्रकार की हानि को रोकने और खनन कार्यों में जीरो हार्म सुनिश्चित करने के उद्धेश्य से की गयी है।
कठोर चयन प्रशिक्षण के बाद, सात महिलाएँ जिनमें सिंदेसर खुर्द खदान से चार, राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स से एक और जावर ग्रुप ऑफ माइंस से दो महाराष्ट्र में माइन रेस्क्यू स्टेशन, नागपुर में प्रारंभिक खदान बचाव प्रशिक्षण के लिए चयनित की गयी जिन्हें 14 दिनों के कठिन प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। इन सभी ने सफलता पूर्वक अपना प्रशिक्षण पूर्ण कर देश में माइन रेस्क्यू में पहली 7 महिलाएं होने का गौरव हांसिल किया हैै।
हिंदुस्तान जिंक का दृढ़ विश्वास है कि सभी कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना रोकी जा सकती हैं जो कि व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा उनके सभी व्यावसायिक निर्णयों को प्रभावित करती है और यह उनके दिन-प्रतिदिन के संचालन में गैर-परक्राम्य पहलुओं में से एक है।
प्रारंभिक परीक्षणों में इन सदस्यों को बुनियादी खदान आपातकालीन स्थिति में जानकारी जैसे सतह या भूमिगत खदान आपातकालीन परिदृश्यों, प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन, का संपूर्ण प्रशिक्षण। इस प्रशिक्षण में तकनीशियन परीक्षण, सिद्धांत परीक्षा, स्व-बचावकर्ता, प्राथमिक चिकित्सा, अग्नि के प्रकार और इसकी बुझाने की विधि, खान गैसें और आपातकालीन प्रतिक्रिया जैसे महत्वपूर्ण बचाव पहलु शामिल थे।
हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने इस उपलब्धि पर कहा,कि हमारे सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने पर ध्यान देने के साथ, इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को समान अवसर प्रदान कर प्रतिभाशाली महिलाओं को आत्म विकास हेतु प्रेरित करना भी था। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस तरह की पहल धातु और खनन क्षेत्र में उन महिलाओं को प्रोत्साहित करेगी जो इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देना चाहती हैं।
इसे अंग्रेजी में पढ़े: CSR: India’s First Women Mine Rescue Team Trains at Hindustan Zinc