नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा गूगल इंटरनेशनल एलएलसी और भारती एयरटेल लिमिटेड के प्रस्तावित संयोजन को मंजूरी दी गई है। निवेश समझौते के साथ-साथ, एक्वायरर और टारगेट ने अपने सहयोगियों के माध्यम से कुछ वाणिज्यिक सौदे भी किए हैं। ये कंपनियाँ भविष्य में कुछ अन्य वाणिज्यिक व्यवस्थाओं में प्रवेश करने का भी इरादा रखती हैं।
गूगल इंटरनेशनल एलएलसी (एक्वायरर), गूगल एलएलसी (सामूहिक तौर पर सभी गूगल एलएलसी सहायक कंपनियों के साथ – गूगल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
गूगल एलएलसी एक डेलावेयर सीमित देयता कंपनी है और अल्फाबेट इंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
एक्वायरर एक होल्डिंग कंपनी है और गूगल के किसी भी उत्पाद, सेवा का स्वामित्व, संचालन नहीं करती है।
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हालांकि, गूगल विभिन्न उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करता है, जिसमें इसकी प्रमुख खोज सेवा, इसका एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम और इसका प्ले ऐप स्टोर शामिल है।
भारती एयरटेल लिमिटेड (बीएएल/टारगेट) का मुख्यालय भारत में है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संचार समाधान प्रदाता कंपनी है और दक्षिण एशिया और अफ्रीका के 17 देशों में इसके 480 मिलियन से अधिक लोग और संस्थाएँ इसके ग्राहक हैं।
बीएएल के खुदरा पोर्टफोलियो में अन्य के साथ-साथ हाई स्पीड मोबाइल ब्रॉडबैंड, एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर, स्ट्रीमिंग सेवाएं (संगीत और वीडियो), डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं।
बीएएल की ओर से एंटरप्राइज ग्राहकों के लिए, सुरक्षित कनेक्टिविटी, क्लाउड और डेटा सेंटर सेवाओं, साइबर सुरक्षा, आईओटी, विज्ञापन सेवाओं और क्लाउड-आधारित संचार सहित समाधान प्रदान किया जाता है।
एक्वायरर और टारगेट ने एक निवेश समझौता (आईए) स्थापित किया है। इसके अनुसार एक्वायरर ने टारगेट में इक्विटी शेयर पूंजी के 1.28 प्रतिशत की अल्प और गैर-नियंत्रित हिस्सेदारी हासिल करने का प्रस्ताव किया है।
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निवेश समझौते के साथ-साथ, एक्वायरर और टारगेट ने अपने सहयोगियों के माध्यम से कुछ वाणिज्यिक सौदे भी किए हैं। पार्टियां भविष्य में कुछ अन्य वाणिज्यिक व्यवस्थाओं में प्रवेश करने का भी इरादा रखती हैं।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने एक्वायरर द्वारा प्रस्तुत संशोधनों के आधार पर प्रस्तावित संयोजन को मंजूरी दे दी है।
सीसीआई के विस्तृत आदेश का पालन होगा।
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