जयपुर। देश के जानेमाने इंडस्ट्रलिस्ट और वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल को जयपुर में आयोजित पहले प्रवासी राजस्थानी दिवस के अवसर पर समारोह में“प्रवासी राजस्थानी सम्मान” से सम्मानित किया गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उन्हें यह पुरस्कार उद्योग, रोजगार और सामाजिक विकास में उनके योगदान के लिए प्रदान किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, भूपेंद्र यादव, महामहिम राज्यपाल राजस्थान हरिभाऊ बागड़े, महामहिम राज्यपाल पंजाब गुलाब चंद कटारिया उपस्थित थे।
इस अवसर पर अग्रवाल ने बड़ी घोषणा की कि समूह जिंक, सीसा, चांदी, तेल-गैस और रिन्यूएबल ऊर्जा में अपना उत्पादन ₹1 लाख करोड़ के निवेश से दोगुना करेगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत की राह राजस्थान से होकर गुजरेगी। “राजस्थान की धरती में तेल-गैस और मिनरल्स का अपार भंडार है, इसलिए राज्य देश की अर्थव्यवस्था को और ऊंचाई दे सकता है।” उन्होंने कहा कि पंजाब जैसे अन्न देता है, वैसा ही राजस्थान आने वाले वर्षों में दुनिया को मिनरल्स और प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराने की क्षमता रखता है।
वेदांता समूह राजस्थान में जिंक पार्क की स्थापना के साथ छोटे और मध्यम जिंक उत्पादक उद्योगों को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। अग्रवाल ने बताया कि 200 नई इंडस्ट्री स्थापित करने की क्षमता वाले ज़िंक इंटरनेशनल इंडस्ट्रियल पार्क में बिजली, पानी, रॉ मैटेरियल और इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे MSME और डाउनस्ट्रीम सेक्टर को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। इसी के साथ-साथ, वेदांता समूह द्वारा राजस्थान एवं उत्तर भारत का पहला फॉस्फेट उर्वरक प्लांट लगाया जा रहा है। यह परियोजना राजस्थान को “ग्रीन राजस्थान” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।
अनिल अग्रवाल के नेतृत्व में वेदांता समूह अब तक राजस्थान में Rs 1.5 लाख करोड़ से अधिक का निवेश कर चुका है, जिससे लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए और पिछले दशक में राष्ट्रीय एवं राज्य कोष में लगभग Rs 3 लाख करोड़ का योगदान दिया गया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान जिंक अधिग्रहण के बाद उत्पादन में 10 गुना वृद्धि की गई और आज भारत चांदी का आयातक नहीं बल्कि उत्पादक बनने की स्थिति में है।

कार्यक्रम के दौरान अनिल अग्रवाल ने कहा कि “राजस्थान ने मुझे सिर्फ अवसर ही नहीं दिए, बल्कि मेरी पहचान भी बनाई। यहाँ वापस आकर हमेशा घर जैसा अपनापन महसूस होता है। मेरा विश्वास है कि आने वाले समय में ऊर्जा, तकनीक और वित्तीय सेवाओं में राजस्थान की भूमिका और अधिक प्रभावशाली होगी। राजस्थान की मिट्टी में 40 से अधिक प्रकार के विश्वस्तरीय पत्थर मौजूद हैं, जिन्हें पॉलिशिंग व फिनिशिंग के साथ वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचाया जा सकता है।”
अनिल अग्रवाल का राजस्थान से भावनात्मक और आर्थिक दोनों रूप से गहरा संबंध रहा है। वेदांता ने हिंदुस्तान जिंक को पुनर्जीवित किया, कई बंद खदानों को सक्रिय किया और MSMEs को बढ़ावा देने के लिए देश का पहला आधुनिक जिंक पार्क स्थापित कर रहा है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंच से वेदांता समूह द्वारा राजस्थान में किये जा रहे निवेश और अवसरों को इंगित करते हुए कहा कि अनिल अग्रवाल जी ने कहा था कि 2 करोड़ से लेकर 100 करोड़ तक युवा काम कर सकता है, इसी मापदंड को देखते हुए युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लेकर सरकार आ रही है, युवा मिलकर उद्योग लगा सकते हैं, इकाई लगा सकते हैं, इसी के लिए सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि छोटे-बड़े उद्योगों से युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से रोजगार के अवसर मिलेंगे, उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे नौकरी लेने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बने।
वेदांता ग्रुप केर्न के माध्यम से भारत का सबसे बड़ा निजी तेल उत्पादक है, और इसकी कंपनी हिंदुस्तान जिंक देश की सबसे बड़ी जिंक, सीसा और चांदी उत्पादक कंपनी है, जिनका संचालन मुख्य रूप से राजस्थान से होता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की सिंगल विंडो और सेल्फ सर्टिफिकेशन व्यवस्था से निवेशकों को तेज और पारदर्शी अनुमति मिल रही है।
समाज विकास में योगदान की बात करते हुए अग्रवाल ने बताया कि वेदांता एवं अनिल अग्रवाल फाउंडेशन 25,000 नंदघर स्थापित कर रहा है, जो आंगनबाड़ी मॉडल के माध्यम से महिला एवं बाल पोषण-शिक्षा को मजबूत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वेदांता गर्ल्स पीजी कॉलेज, रींगस ने 30 वर्षों में 50,000 से अधिक छात्राओं को शिक्षित किया, जबकि गुरुकुल पब्लिक स्कूल, रींगस और वेदांता स्कूल, भरतपुर 25,000 से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर चुके हैं। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि दरीबा माइंस में लड़कियां भूमिगत स्तर पर कार्य कर रही हैं और उत्पादन में 30% तक वृद्धि कर रही हैं। इसके साथ युवतियों द्वारा बनाई गई देश की पहली महिला-नेतृत्व वाली रेस्क्यू टीम भी पूरे भारत में मॉडल बन रही है।
राजस्थान की संभावनाओं पर बोलते हुए अग्रवाल ने कहा कि तेल-गैस, मिनरल्स और रिन्यूएबल ऊर्जा की प्रचुर उपलब्धता राज्य को भविष्य की ऊर्जा राजधानी बना सकती है। ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस और राज्य सरकार की नीतियों से औद्योगिक वातावरण मजबूत हुआ है और वेदांता अपने निवेश व उत्पादन क्षमता विस्तार पर तेज़ी से कार्यरत है। उन्होंने बड़े होटल, कन्वेंशन सेंटर और अंतरराष्ट्रीय इवेंट स्पेस विकसित करने की आवश्यकता जताई, ताकि राजस्थान वैश्विक इवेंट हब बन सके।
अंत में उन्होंने राज्य के युवाओं, उद्यमियों और प्रवासी राजस्थानी समुदाय को विकास की यात्रा में साझेदारी का निमंत्रण देते हुए कहा— “राजस्थान की रेत तो नरम है पर लोगों का हौसला चट्टान जैसा है। राजस्थान ने देश को बहुत बड़े – बड़े व्यापारी, उद्योगपति और प्रोफेशनल्स दिए हैं, मैं चाहता हूँ अब वो यहाँ के युवाओं को आगे बढ़ने में मदद करें।”
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