इंडिया सीएसआर द्वारा भूमि अधिग्रहण, विस्थापन एवं पुनर्वास और सीएसआर की चुनौतियां एवं अवसर विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 13 सितम्बर को नई दिल्ली में पीएचडी चैम्बर के सभागार में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर एनटीपीसी लिमिटेड की झारखण्ड स्थित पकरी बरवाडीह कोयला खनन परियोजना की खनन, उत्पादन व संचालन (एम.डी.ओ.) कंपनी त्रिवेणी सैनिकमाइनिंग को कोल् माइनिंग क्षेत्र में विस्थापन एवं पुनर्वास के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए पुरस्कृत किया गया।
इंडिया सीएसआर के संस्थापक रूसेन कुमार एवं मानव संसाधन विशेषज्ञ आर.एस. डबास के हाथों से कंपनी के उपमहाप्रबंधक (सीएसआर एवं आरएंडआर) श्री अरिवंद देव एवं कंपनी सेक्रेटरी रुपेश कुमार शर्मा ने विस्थापन एवं पुनर्वास और सीएसआर के लिए इंडिया सीएसआर लीडरशिप अवार्ड 2019 ग्रहण किए।
इस उपलब्धि व उत्कृष्ठ सम्मान से नवाजे जाने पर श्री ए. सुब्रमण्यन, परियोजना प्रमुख ने शुभकामनायें प्रेषित की और कहा की यह सम्मान न केवल त्रिवेणी सैनिक कंपनी वरन संपूर्ण क्षेत्र का सम्मान है ।
सभा को संबोधित करते हुए श्री अरविंद देव ने विस्थापन एवं पुनर्वास के लिए कानून सम्मत किए जा रहे कार्यों एवं प्रयासों की जानकारी और अनुभव साझा किए। संगोष्ठी में त्रिवेणी सैनिक माइनिंग के विस्थापन एवं पुनर्वास और सीएसआर की प्रशंसा की गई।
इस अवसर पर इंडिया सीएसआर (India CSR Network) के संस्थापक रूसेन कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि कारपोरेट जगत के बेहतरीन सामाजिक कार्यक्रमों और परियोजनाओं को उजागर करना और उन्हें प्रोत्साहन एवं प्रशंसित करना हमारा परम ध्येय है। औद्योगिक विकास और सामाजिक विकास में संतुलन से ही अच्छे समाज का निर्माण कर सकेंगे। रूसेन कुमार ने कहा भूमि अधिग्रहण, विस्थापन एवं पुनर्वास कानून पर व्यापक जागरूकता लाने की जरूरत है। इसके लिए सभी साझेदारों को सक्रियता से हिस्सा लेने की जरूरत है। इंडिया सीएसआर राष्ट्रीय स्तर की संस्था है जो एक दशक से कारपोरेट जगत को अपने विस्तृत नेटवर्क और राष्ट्रीय – अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से विचार, ज्ञान और अनुभव साझा करने के अवसर प्रदान करती है और कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व विषय पर उच्चगुणवत्ता की कार्य योजना एवं परामर्श प्रदान करती है।
राष्ट्रीय स्तर के इस महत्वपूर्ण आयोजन में प्रतिष्ठित कंपनियों के तिनिधि, सिविल सोसायटी, सामाजिक कार्यकर्ता, सलाहकार, पर्यावरण कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। सम्मेलन में विद्वान वक्ताओं ने भूमि अधिग्रहण, विस्थापन एवं पुनर्वास और सीएसआर के विविध पहलुओं पर अपने विचार रखे। भूमि अधिग्रहण, विस्थापन एवं पुनर्वास के विविध पहलुओं, विशेषताओं का पालन करने एवं खामियों तथा उसे बेहतर बनाने के उपायों पर विस्तार से विचार-विर्मश हुआ।
सामाजिक कार्यक्रम एवं रोजगार के अवसरों का सृजन
पकरीबरवाडीह कोयला खनन परियोजना की खनन, उत्पादन व कुशल संचालन 3 वर्ष पूर्ण होने को है और त्रिवेणी सैनिक माइनिंग प्रा. लि. द्वारा लगभग 3500 लोगों को इस परियोजना में नियमित रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके साथ ही साथ परियोजना क्षेत्र में तकनीकी और गैर-तकनीकी ठेका कार्यों को ज्यादातर स्थानीय संगठनों के द्वारा कराया जा रहा है ताकि अधिकांश स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। प्रभावितों को प्रत्येक परिवार में कम से कम एक सदस्य को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
ग्रामीणजनों को खनन क्षेत्र से बाहर रोजगार सृजन हेतु दो वृहद ईकाइयों का संचालन किया जा रहा है जिसमें एक त्रिवेणी अपैरल्स एंड टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड है जो रेडीमेट कपडा निर्माण ईकाई है। यहाँ तैयार कपड़ों के लिए अच्छा बाजार भी उपलब्ध कराया गया है। इसमें प्रभावित क्षेत्र की लगभग सैकड़ों महिलाएं कार्यरत हैं। इसके माध्यम से नियमित रोजगार उपलब्ध हो रहा है। आगामी दिनों में इसकी एक और ईकाई प्रांरभ होने वाली है जिसमे 2000 महिलाओं को नियमित रोजगार मिल पायेगा। इसके साथ ही एक जूते व चप्पल निर्माण ईकाई की स्थापना भी की गई है जिसमे वर्तमान में परियोजना प्रभावित क्षेत्र के सैकड़ों युवक कार्य कर रहे हैं।
गांवों की सर्वांगीण देखभाल और सुविधाएं
साथ ही परियोजना प्रभावित ग्रामों में सड़क, बिजली तालाब, कुआँ, पेजयल आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। टैंकर के माध्यम से नियमित पेयजल आपूर्ति भी की जाती है। शिक्षा के क्षेत्र में निः शुल्क कोचिंग सेंटर का संचालन तथा शासकीय विद्यालयों में भी सहयोग किया जाता है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके इस हेतु दो ग्रामों में निः शुल्क स्वास्थय केंद्र का संचालन किया जा रहा है। यहां चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट व पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा निः शुल्क जाँच, इलाज व दवाइयों का वितरण भी किया जा रहा है। पर्यावरण संतुलन बना रहे इस हेतु कंपनी द्वारा विशेष ध्यान रखा जाता है तथा आस – पास के क्षेत्रों में सघन पौधरोपण कर नियमित उनकी देख रेख भी की जा रही है।