फर्जी CSR योजना के नाम पर करोड़ों की ठगी, क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई
Kerala CSR Funds Scam: केरल में CSR फंड घोटाला एक नया मोड़ ले चुका है। केरल पुलिस की क्राइम ब्रांच (CB) ने राष्ट्रीय NGO परिसंघ (National NGO Confederation) के चेयरमैन के.एन. आनंद कुमार को 11 मार्च 2025 को गिरफ्तार कर लिया।
यह गिरफ्तारी तब हुई जब तिरुवनंतपुरम कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोप है कि कुमार ने फर्जी CSR फंड का इस्तेमाल कर लोगों को सस्ते दामों पर स्कूटर, लैपटॉप, सिलाई मशीन और घरेलू उपकरण दिलाने का झांसा दिया, लेकिन बाद में वे करोड़ों रुपये की ठगी करके फरार हो गए।
इस घोटाले का मुख्य आरोपी आनंदु कृष्णन पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसने कथित तौर पर आनंद कुमार के संपर्कों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगा था।
केरल CSR घोटाले की मुख्य बातें
जमानत याचिका खारिज, कुमार गिरफ्तार
तिरुवनंतपुरम अदालत में सुनवाई के दौरान आनंद कुमार के वकीलों ने दावा किया कि उनका इस घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन क्राइम ब्रांच ने अदालत के सामने मजबूत सबूत पेश किए, जिससे कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
इसके तुरंत बाद केरल पुलिस ने उन्हें उनके घर से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में भर्ती
गिरफ्तारी के बाद आनंद कुमार ने पुलिस को बताया कि वह कुछ बीमारियों का इलाज करा रहे हैं। इस आधार पर उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच और पूछताछ किसी भी सूरत में जारी रहेगी।
मुख्य आरोपी आनंदु कृष्णन की गिरफ्तारी
आनंदु कृष्णन, जो इडुक्की जिले के थोडुपुझा का निवासी है, को पहले ही इस घोटाले के लिए गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, उसने फर्जी CSR योजनाओं का जाल बिछाकर लोगों को ठगा।
उसने दावा किया कि बड़ी कंपनियां कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत स्कूटर, सिलाई मशीन, होम अप्लायंसेस और लैपटॉप आधे दामों पर दे रही हैं। लोगों ने इस पर भरोसा करके एडवांस पेमेंट किया, लेकिन उन्हें कभी कोई सामान नहीं मिला।
कैसे हुआ घोटाला?
- फर्जी CSR योजना बनाई – कृष्णन और उसकी टीम ने CSR योजनाओं के नाम पर नकली प्रचार अभियान चलाया।
- आनंद कुमार के संपर्कों का इस्तेमाल – कुमार के नाम और पद का दुरुपयोग करके लोगों का भरोसा जीता गया।
- पैसे वसूलकर फरार – पीड़ितों से एडवांस पैसे लेकर किसी को भी सामान नहीं दिया गया।
पीड़ितों की गुहार: हमें न्याय चाहिए
घोटाले के शिकार हुए सैकड़ों लोगों ने अब आनंद कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि NGO का चेयरमैन होने के कारण कुमार की छवि बहुत मजबूत थी, जिसके चलते लोगों को लगा कि यह सरकारी या आधिकारिक CSR योजना है। हालांकि, कुमार अभी भी अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार कर रहे हैं, और दावा कर रहे हैं कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है।
आगे क्या होगा?
अब जब आनंद कुमार पुलिस की हिरासत में हैं, तो जांच में कई नए खुलासे होने की उम्मीद है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस घोटाले में और भी लोग शामिल थे, और क्या अब तक जितने लोग सामने आए हैं, उनके अलावा भी कोई और पीड़ित हैं।
निष्कर्ष: CSR घोटाले पर सख्त कानून की जरूरत
केरल का CSR फंड घोटाला दिखाता है कि कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड का दुरुपयोग किस हद तक हो सकता है। यह घोटाला यह भी बताता है कि लोगों को CSR योजनाओं की सच्चाई जांचे बिना पैसे नहीं देने चाहिए। सरकार को ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने की जरूरत है, ताकि कोई भी NGO या व्यक्ति जनता के विश्वास का दुरुपयोग न कर सके।
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