उदयपुर (इंडिया सीएसआर): विश्व की प्रमुख जिंक, लेड और सिल्वर उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक देश के भविष्य बनने वाले बच्चों को शिक्षा से दिशा दिखाने में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। हिंदुस्तान जिंक, एकजिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में प्रदेश के 2 लाख से अधिक बच्चों को अपनी संचालित विभिन्न शिक्षा परियोजनाओं से उन्हें दिशा दिखाते हुए उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर कर रहा है। आज केबच्चे ही कल के भारत का भविष्य है एवं सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य मिल सके इस उद्धेश्य को पूरा करने के लिये प्रदेश के 7 जिलों के स्कूली छा़त्र छात्राओं को सर्वोत्तम शिक्षा, पोषणऔर स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने हेतु प्रयास किये जा रह है जिससे वें मजबूत राष्ट्र और बेहतर कल का निर्माण कर सकें।
बालविकास परियोजना और नंद घर ने बदल दी आंगनवाडी की परिभाषा
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा बच्चों के समग्र विकास के लिये बाल विकास परियोजना का संचालन कर रहा है जिसके तहत् प्रदेश के पांच जिलों उदयपुर, सलूंबर, राजसमंद और चित्तौडगढ़, में 14 आगंनवाडी केंद्रों में आईसीडीएस विभाग के साथ मिलकर बच्चों के सर्वागींण विकास हेतु कार्य किया जा रहा है। परियोजना के तहत आंगनवाडी केन्द्रों पर समेकित बाल विकास योजना द्वारा प्रदत्तसभी 6 मुख्य सेवाओं को मजबूत करना है, जिसमे पोषक तत्वो से पूर्ण पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाना, शाला पूर्व शिक्षा का सुचारू क्रियान्वयन, रेफरल सुविधाओं और बच्चों के स्वास्थ्य औरस्वच्छता को बेहतर बनाते हुए समुदाय की भागीदारी को बढ़ाना और बुनियादी निर्माण में सहयोग करना है।

हिंदुस्तान जिंक ने प्रदेश के 15 जिलों में 3292 आंगनवाडी केन्द्रों को क्रमोन्नत करते हुए उन्हें डिजिटल लर्निंग केंद्र के रूप में बदल दिया। इन्हें नन्दघर नाम दिया गया. एक आदर्श नन्दघर में बच्चों केलिए ढेर सारे खिलौने, ई-लर्निंग के लिए स्मार्ट टीवी, साफ पेयजल के लिए आर ओ, बाल अनुरूप शौचालय, बाल सुलभ चित्रकारी, बिजली सहित सुरक्षित माहौल दिया गया। बच्चों और समुदायका केंद्र से लगाव बढ़ाया और परिजनों ने निजी स्कूलों से बच्चों को वापस केंद्र भेजना शुरू किया। आज नन्दघर बच्चों के प्री स्कूल बनकर उभरे हैं।

शैक्षिक और खेलों के विकास पर बल
कंपनी के शिक्षा संबल कार्यक्रम के तहत् विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है। वर्तमान में 72 राजकीय विद्यालयों में 8 हजार से अधिक विद्यार्थी इससेलाभान्तिव हो रहे है इससे कार्यक्रम से विद्यालयों के बोर्ड परिणाम में भी सुधार हुआ हैं। शिक्षा संबल परियोजना में विगत 7 वर्षो में 55 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हुए है। उंची उड़ानकार्यकम में शिक्षा संबल की नींव पर, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को राष्ट्रीय ख्यातिनाम इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश करने का अवसर प्रदान करन की कोचिंग दी जाती है । अब तक, 300 सेअधिक छात्र इस कार्यक्रम से जुड़े हैं, जो कि जेईई परीक्षा में शामिल हुए है। अब तक 6 बैच के विद्यार्थियों को राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश की सफलता हांसिल हुई है एवं वर्तमान में 3 बैच संचालित है। हिंदुस्तान जिंक का मानना है कि बच्चों के समावेशी विकास के लिए उनके विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए राजस्थान में एक बड़ी पहल।
(इंडिया सीएसआर)
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