कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी फंड के अंतर्गत मध्यप्रदेश को 3 वर्षों में मिले 625 करोड़ रुपए मिले हैं।
भोपाल। प्रदेश के कॉरपोरेट घरानों का शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने पर जोर है। इसके लिए 100 से अधिक कॉरपोरेट घराने इन कामों के लिए प्रतिवर्ष औसतन करीब 140 करोड़ रुपए सरकार को दे रहे हैं या सुविधाओं पर स्वयं खर्च कर रहे हैं। कोरोना काल में सीएसआर फंड से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए उपकरण और अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए प्लांट लगाए हैं।
कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के आंकड़ों के अनुसार, स्वास्थ्य सेवाओं में 2020 में सर्वाधिक 78 करोड़ रुपए उद्यमियों ने खर्च किए हैं, जो पिछले पांच वर्षों में सर्वाधिक है। सीएसआर फंड के रूप में तीन साल में 24 कामों के लिए 625 करोड़ रुपए प्रदेश को मिले हैं।
कॉरपोरेट घरानों ने अपने सामाजिक दायित्व के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, गांव के विकास, पर्यावरण, पेयजल, स्वच्छता, गंदी बस्तियों के उन्मूलन सहित 24 कार्यों के लिए पांच साल में करीब 1200 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की है। इनमें से काफी कुछ काम कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी के जरिए कराए गए हैं। हालांकि विशेषज्ञ इस राशि को कम बताते हैं।
पांच वर्षों में सीएसआर फंड में मिली राशि
वर्ष : राशि
2017 : 290.60
2018 : 166.39
2019 : 255.84
2020 : 216.48
2021 : 273.88
कुल : 1203.19
विकास कार्यों में बढ़ती भागीदारी
जानकारों का कहना है कि इंदौर के आसपास डेढ़ सौ से दो सौ बड़ी कंपनियां हैं। उनके सीएसआर फंड की विकास में हिस्सेदारी और बढऩी चाहिए। इसके लिए प्रशासन और कंपनियों के बीच समन्वय बढ़े।
इन कामों में अरुचि
कॉरपोरेट घरानों ने वरिष्ठजनों के कल्याण, अनाथाश्रम, स्लम के विकास, कृषि वानिकी और नदी, तालाब सहित अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर राशि खर्च करने में विशेष रुचि नहीं दिखाई है। पिछले तीन वर्षों में इन चीजों पर इन घरानों ने बमुश्किल 2 से 3 करोड़ रुपए ही खर्च किए हैं।
महिला सशक्तिकरण पर ध्यान नहीं
कॉरपोरेट घरानों को महिलाओं के उत्थान और उन्हें समानता दिलाने पर जोर कम है। आंकड़े बताते हैं कि लैंगिक समानता व महिलागृह या आश्रम बनाने पर तीन वर्षों में 21 लाख और लैंगिक समानता पर सिर्फ 17 लाख रुपए सीएसआर फंड से खर्च किए गए हैं।
3 वर्षों में खर्च राशि (करोड़ रुपए में)
कार्य : 2019 : 2020 : 2021
स्वास्थ्य : 58.35 : 73.10 : 47.62
शिक्षा : 79.90 : 58.70 : 47.21
ग्रामीण विकास : 43.23 : 30.99 : 36.10
पर्यावरण स्थिरता : 9.56 : 7.24 : 13.35
स्वच्छ पेयजल : 9.55 : 3.87 : 2.57
क्या है सीएसआर कानून
सीएसआर कानून में वे कंपनी शामिल होती हैं, जिनका टर्नआवर 1000 करोड़ होता है और इनकी कम से कम 5 करोड़ रुपए वार्षिक आय होती है। इन्हें आय की 2 प्रतिशत धन राशि सामाजिक कार्यों में खर्च करने होते हैं।
फंड इस्तेमाल में सिंगरौली अव्वल
इंदौर शहर के सर्वांगीण विकास में अब तक कॉर्पोरेट सामाजिक भागीदारी (सीएसआर) उत्साहजनक नहीं रही। बीते सात वर्षों में महज 58 करोड़ रुपए सीएसआर मद से जनहित के कार्यों पर खर्च किए गए। स्वच्छता में शहर लगातार नंबर वन का तमगा पाता रहा है, लेकिन सीएसआर का योगदान नगण्य रहा।
प्रदेश स्तर पर सीएसआर फंड के उपयोग का सवाल है तो बड़े शहरों में भोपाल आगे रहा है। वहां बीते वित्त वर्ष में कंपनियों ने लगभग 23 करोड़ रुपए विभिन्न कार्य पर खर्च किए हैं। सबसे अधिक सिंगरौली में 80 करोड़ का इस्तेमाल हुआ।