Movie: दिल-ए-नादान (1953)
Music By: ग़ुलाम मोहम्मद
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: तलत महमूद
यह लोक प्रिय गाना रागः भूपाली पर आधारित है।
मुखड़ा
ज़िन्दगी देने वाले सुन
तेरी दुनिया से दिल भर गया
मैं यहाँ जीते-जी मर गया
ज़िन्दगी देने वाले सुन…
अंतरा – 1
रात कटती नहीं, दिन गुज़रता नहीं
ज़ख़्म ऐसा दिया है के भरता नहीं
आँख वीरान है, दिल परेशान है
ग़म का सामान है
जैसे जादू कोई कर गया
ज़िन्दगी देने वाले सुन…
अंतरा – 1
बेख़ता तूने मुझसे ख़ुशी छीन ली
ज़िंदा रखा, मगर ज़िन्दगी छीन ली
कर दिया दिल का ख़ूँ, चुप कहाँ तक रहूँ
साफ़ क्यूँ न कहूँ
तू ख़ुशी से मेरी डर गया
ज़िन्दगी देने वाले सुन…
गाने के बारे में_विवरण
“जिंदगी देने वाले सुन” एक लोकप्रिय दर्दिला गाना है जिसे कई बार कवर किया गया है। यह मार्मिक गाना है जो प्रेम की पीड़ा और निराशा को दर्शाता है।
लक्ष्य: प्रेम की पीड़ा और निराशा को दर्शाना
यह गाना 1953 की बॉलीवुड फिल्म “दिल-ए-नादान” का एक दर्दिला गाना है। यह गाना एक युवा व्यक्ति के बारे में है जो प्यार में धोखा खाता है और दुनिया से निराश हो जाता है।
गाना एक धीमी और भावपूर्ण धुन पर आधारित है। तलत महमूद की आवाज गीत के दुख और पीड़ा को व्यक्त करती है। गीत के बोल दुनिया की कठोरता और प्यार के नुकसान के दर्द को दर्शाते हैं।
गाना फिल्म की शुरुआत में ही आता है, जब फिल्म के नायक, अजय (धीरज कुमार), अपनी प्रेमिका, रीना (शर्मिला टैगोर) से मिलते हैं। अजय रीना से प्यार करता है, लेकिन वह उसके प्यार को नहीं मानती है। अजय निराश हो जाता है और दुनिया से दूर चला जाता है।
गाना फिल्म की कहानी के साथ-साथ बढ़ता है। जैसे-जैसे अजय दुनिया को बेहतर तरीके से जानता है, वह समझता है कि प्यार के नुकसान से निपटना कितना कठिन है। अंत में, वह अपने दर्द को स्वीकार करता है और आगे बढ़ने के लिए तैयार होता है।
(India CSR Hindi)